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सूदखोरी और हिन्दू धर्म

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

सूदखोरी और हिन्दू धर्म के बीच अंतर

सूदखोरी vs. हिन्दू धर्म

सूदखोरी वो व्यवस्था होती है जिसमें कर्ज़ अत्यधिक ब्याज पर या कोई अनैतिक तरीके से दिया जाता है। इस व्यवस्था में कर्ज़ लेने वाले का लाभ नहीं बल्कि कर्ज देने वाला का लाभ प्रधान होता है। ऐतिहासिक तौर पर और आज भी कई समाज में कर्ज पर ब्याज लेना ही सूदखोरी माना जाता था। ईसाई धर्म में ब्याज लेना गलत आचरण माना जाता था। इस कारण ईसाई समाजों में यहूदी ही कर्ज मुहैया कराते थे। प्राचीन हिन्दू ग्रंथों में भी सूदखोरी को गलत माना गया है। . हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .

सूदखोरी और हिन्दू धर्म के बीच समानता

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सूदखोरी और हिन्दू धर्म के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख सूदखोरी और हिन्दू धर्म के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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