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समाजशास्त्र और सामाजिक तथ्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

समाजशास्त्र और सामाजिक तथ्य के बीच अंतर

समाजशास्त्र vs. सामाजिक तथ्य

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से संबंधित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचनगिडेंस, एंथोनी, डनेर, मिशेल, एप्पल बाम, रिचर्ड. समाजशास्त्र में, सामाजिक तथ्य (social facts) उन मूल्यों, सांस्कृतिक मानकों (norms), तथा सामाजिक संरचनाओं को कहते हैं जो व्यक्ति को परिवर्तित करते हैं और उसके ऊपर सामाजिक बन्धन अध्यारोपित करते हैं। .

समाजशास्त्र और सामाजिक तथ्य के बीच समानता

समाजशास्त्र और सामाजिक तथ्य आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तथ्यवाद, धर्म, सामाजिक संरचना, इमाईल दुर्खीम

तथ्यवाद

प्रत्यक्षवाद या तथ्यवाद (positivism) के दर्शन के अनुसार केवल वही ज्ञान प्रामाणिक ज्ञान (authentic knowledge) है जो ज्ञानेन्द्रियों से प्राप्त अनुभव पर आधारित हो। .

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धर्म

धर्मचक्र (गुमेत संग्रहालय, पेरिस) धर्म का अर्थ होता है, धारण, अर्थात जिसे धारण किया जा सके, धर्म,कर्म प्रधान है। गुणों को जो प्रदर्शित करे वह धर्म है। धर्म को गुण भी कह सकते हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि धर्म शब्द में गुण अर्थ केवल मानव से संबंधित नहीं। पदार्थ के लिए भी धर्म शब्द प्रयुक्त होता है यथा पानी का धर्म है बहना, अग्नि का धर्म है प्रकाश, उष्मा देना और संपर्क में आने वाली वस्तु को जलाना। व्यापकता के दृष्टिकोण से धर्म को गुण कहना सजीव, निर्जीव दोनों के अर्थ में नितांत ही उपयुक्त है। धर्म सार्वभौमिक होता है। पदार्थ हो या मानव पूरी पृथ्वी के किसी भी कोने में बैठे मानव या पदार्थ का धर्म एक ही होता है। उसके देश, रंग रूप की कोई बाधा नहीं है। धर्म सार्वकालिक होता है यानी कि प्रत्येक काल में युग में धर्म का स्वरूप वही रहता है। धर्म कभी बदलता नहीं है। उदाहरण के लिए पानी, अग्नि आदि पदार्थ का धर्म सृष्टि निर्माण से आज पर्यन्त समान है। धर्म और सम्प्रदाय में मूलभूत अंतर है। धर्म का अर्थ जब गुण और जीवन में धारण करने योग्य होता है तो वह प्रत्येक मानव के लिए समान होना चाहिए। जब पदार्थ का धर्म सार्वभौमिक है तो मानव जाति के लिए भी तो इसकी सार्वभौमिकता होनी चाहिए। अतः मानव के सन्दर्भ में धर्म की बात करें तो वह केवल मानव धर्म है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं। “सम्प्रदाय” एक परम्परा के मानने वालों का समूह है। (पालि: धम्म) भारतीय संस्कृति और दर्शन की प्रमुख संकल्पना है। 'धर्म' शब्द का पश्चिमी भाषाओं में कोई तुल्य शब्द पाना बहुत कठिन है। साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। .

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सामाजिक संरचना

सामाजिक सरंचना (Social structure) समाजशास्त्र की एक मौलिक अवधारणा है परंतु उसकी व्याख्या विभिन्न प्रकार से की गयी है। .

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इमाईल दुर्खीम

ईमिली डर्खीम डेविड इमाईल दुर्खीम (Émile Durkheim; फ्रेंच उच्चारण) (1858-1917) फ्रांस के महान समाजशास्त्री थे। कार्ल मार्क्स तथा मैक्स वेबर के साथ वे भी आधुनिक समाज विज्ञान के मुख्य शिल्पी एवं समाजशास्त्र के जनक कहे जाते हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

समाजशास्त्र और सामाजिक तथ्य के बीच तुलना

समाजशास्त्र 107 संबंध है और सामाजिक तथ्य 7 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 3.51% है = 4 / (107 + 7)।

संदर्भ

यह लेख समाजशास्त्र और सामाजिक तथ्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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