समय यात्रा और स्ट्रिंग सिद्धांत
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
समय यात्रा और स्ट्रिंग सिद्धांत के बीच अंतर
समय यात्रा vs. स्ट्रिंग सिद्धांत
समय यात्रा, एक अवधारणा है जिसके अनुसार, समय में विभिन्न बिंदुओं के बीच ठीक उसी प्रकार संचलन किया जा सकता है जिस प्रकार अंतरिक्ष के विभिन्न बिंदुओं के बीच भ्रमण किया जाता है। इस अवधारणा के अनुसार किसी वस्तु (कुछ मामलों में सिर्फ सूचना) को समय में वर्तमान क्षण से कुछ क्षण पीछे अतीत में या फिर वर्तमान क्षण से कुछ क्षण आगे भविष्य में, बिना दो बिन्दुओं के बीच की अवधि को अनुभव किए, भेज सकते हैं। (कम से कम सामान्य दर पर नहीं)। हालांकि समय यात्रा 19वीं शताब्दी के बाद से ही काल्पनिक कहानियों का एक मुख्य विषय रहा है, परन्तु भविष्य की एकतरफा यात्रा तो समय फैलाव की घटना के कारण सैद्धांतिक रूप से संभव है, यह घटना विशेष सापेक्षता के सिद्धांत में वर्णित वेग पर आधारित है (जिसको जुड़वां विरोधाभास के उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है)। यह यात्रा सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत में गुरुत्वाकर्षण समय फैलाव के अनुसार भी संभव है, पर अभी तक यह अज्ञात है कि भौतिकी के नियम इस प्रकार की पश्चगामी समय यात्रा की अनुमति देंगे या नहीं। यात्रा करने के लिए कुछ वैग्यानिको ने समान्तर ब्रम्हान्ड की कल्पना की है;कोई भी तकनीकी यन्त्र जिससे समय में एक बिंदु से दूसरे बिंदु पर बिना किसी समय में देरी के जाया जा सके समय यन्त्र कहलाता है। . स्ट्रिंग सिध्दांत कण भौतिकी का एक सक्रीय शोध क्षेत्र है जो प्रमात्रा यान्त्रिकी और सामान्य सापेक्षता में सामजस्य स्थपित करने का प्रयास करता है। इसे सर्वतत्व सिद्धांत का प्रतियोगी सिद्धान्त भी कहा जाता है, एक आत्मनिर्भर गणितीय प्रतिमान जो द्रव्य के रूप व सभी मूलभूत अन्योन्य क्रियाओं को समझाने में सक्षम है। स्ट्रिंग सिद्धांत के अनुसार परमाणु में स्थित मूलभूत कण (इलेक्ट्रॉन, क्वार्क आदि) बिन्दु कण नहीं हैं अर्थात इनकी विमा शून्य नहीं है बल्कि एक विमिय दोलक रेखाएं हैं (स्ट्रिंग अथवा रजु)। .
समय यात्रा और स्ट्रिंग सिद्धांत के बीच समानता
समय यात्रा और स्ट्रिंग सिद्धांत आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): सामान्य आपेक्षिकता।
सामान्य आपेक्षिकता सिद्धांत या सामान्य सापेक्षता सिद्धांत, जिसे अंग्रेजी में "जॅनॅरल थिओरी ऑफ़ रॅलॅटिविटि" कहते हैं, एक वैज्ञानिक सिद्धांत है जो कहता है कि ब्रह्माण्ड में किसी भी वस्तु की तरफ़ जो गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव देखा जाता है उसका असली कारण है कि हर वस्तु अपने मान और आकार के अनुसार अपने इर्द-गिर्द के दिक्-काल (स्पेस-टाइम) में मरोड़ पैदा कर देती है। बरसों के अध्ययन के बाद जब १९१६ में अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस सिद्धांत की घोषणा की तो विज्ञान की दुनिया में तहलका मच गया और ढाई-सौ साल से क़ायम आइज़क न्यूटन द्वारा १६८७ में घोषित ब्रह्माण्ड का नज़रिया हमेशा के लिए उलट दिया गया। भौतिक शास्त्र पर इसका इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि लोग आधुनिक भौतिकी (माडर्न फ़िज़िक्स) को शास्त्रीय भौतिकी (क्लासिकल फ़िज़िक्स) से अलग विषय बताने लगे और अल्बर्ट आइंस्टीन को आधुनिक भौतिकी का पिता माना जाने लगा। .
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समय यात्रा और स्ट्रिंग सिद्धांत के बीच तुलना
समय यात्रा 4 संबंध है और स्ट्रिंग सिद्धांत 11 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 6.67% है = 1 / (4 + 11)।
संदर्भ
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