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संस्कृत साहित्य और सहस्रनाम

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

संस्कृत साहित्य और सहस्रनाम के बीच अंतर

संस्कृत साहित्य vs. सहस्रनाम

बिहार या नेपाल से प्राप्त देवीमाहात्म्य की यह पाण्डुलिपि संस्कृत की सबसे प्राचीन सुरक्षित बची पाण्डुलिपि है। (११वीं शताब्दी की) ऋग्वेदकाल से लेकर आज तक संस्कृत भाषा के माध्यम से सभी प्रकार के वाङ्मय का निर्माण होता आ रहा है। हिमालय से लेकर कन्याकुमारी के छोर तक किसी न किसी रूप में संस्कृत का अध्ययन अध्यापन अब तक होता चल रहा है। भारतीय संस्कृति और विचारधारा का माध्यम होकर भी यह भाषा अनेक दृष्टियों से धर्मनिरपेक्ष (सेक्यूलर) रही है। इस भाषा में धार्मिक, साहित्यिक, आध्यात्मिक, दार्शनिक, वैज्ञानिक और मानविकी (ह्यूमैनिटी) आदि प्राय: समस्त प्रकार के वाङ्मय की रचना हुई। संस्कृत भाषा का साहित्य अनेक अमूल्य ग्रंथरत्नों का सागर है, इतना समृद्ध साहित्य किसी भी दूसरी प्राचीन भाषा का नहीं है और न ही किसी अन्य भाषा की परम्परा अविच्छिन्न प्रवाह के रूप में इतने दीर्घ काल तक रहने पाई है। अति प्राचीन होने पर भी इस भाषा की सृजन-शक्ति कुण्ठित नहीं हुई, इसका धातुपाठ नित्य नये शब्दों को गढ़ने में समर्थ रहा है। संस्कृत साहित्य इतना विशाल और scientific है तो भारत से संस्कृत भाषा विलुप्तप्राय कैसे हो गया? . सहस्रनाम (शाब्दिक अर्थ - हजार नाम) संस्कृत साहित्य में एक प्रकार का स्तोत्र रचना होती है जिसमें किसी देवता के एक सहस्र (हजार) नामों का उल्लेख होता है, जैसे विष्णुसहस्रनाम, ललितासहस्रनाम आदि। .

संस्कृत साहित्य और सहस्रनाम के बीच समानता

संस्कृत साहित्य और सहस्रनाम आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): स्तोत्र

स्तोत्र

संस्कृत साहित्य में किसी देवी-देवता की स्तुति में लिखे गये काव्य को स्तोत्र कहा जाता है। संस्कृत साहित्य में यह स्तोत्रकाव्य के अन्तर्गत आता है। महाकवि कालिदास के अनुसार 'स्तोत्रं कस्य न तुष्टये' अर्थात् विश्व में ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जो स्तुति से प्रसन्न न हो जाता हो। इसलिये विभिन्न देवताओं को प्रसन्न करने हेतु वेदों, पुराणों तथा काव्यों में सर्वत्र सूक्त तथा स्तोत्र भरे पड़े हैं। अनेक भक्तों द्वारा अपने इष्टदेव की आराधना हेतु स्तोत्र रचे गये हैं। विभिन्न स्तोत्रों का संग्रह स्तोत्ररत्नावली के नाम से उपलब्ध है। निम्नलिखित स्तोत्र 'सरस्वतीस्तोत्र' से लिया गया है- .

संस्कृत साहित्य और स्तोत्र · सहस्रनाम और स्तोत्र · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

संस्कृत साहित्य और सहस्रनाम के बीच तुलना

संस्कृत साहित्य 109 संबंध है और सहस्रनाम 6 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 0.87% है = 1 / (109 + 6)।

संदर्भ

यह लेख संस्कृत साहित्य और सहस्रनाम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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