लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

संस्कृत चिट्ठाजगत

सूची संस्कृत चिट्ठाजगत

संस्कृत चिट्ठाजगत से आशय है संस्कृत भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय, जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। शास्त्री नित्यगोपाल कटारे संस्कृत भाषा के प्रथम चिट्ठाकार माने जाते हैं। उनका चिट्ठा संस्कृत का अब तक का प्रथम ज्ञात संस्कृत चिट्ठा है। आरम्भ में संस्कृत टाइपिंग की जटिलताओं के चलते काफी कम लोग संस्कृत में लिखते थे। धीरे-धीरे संस्कृत चिट्ठों की संख्या बढ़ने लगी। सन २००९ में संस्कृत चिट्ठों की संख्या कुछ बढ़ी। इसका कारण विविध ब्लॉगिंग सेवाओं में इण्डिक यूनिकोड का समर्थन आना, नए संस्कृत टंकण औजारों का आना आदि रहा। वर्तमान में सक्रिय-निष्क्रिय मिलाकर लगभग १५ के करीब संस्कृत चिट्ठे हैं। अधिकतर संस्कृत चिट्ठे संस्कृत भाषा के पठन-पाठन सम्बन्धी प्रकृति के हैं। आरंभिक समय में संस्कृत चिट्ठाकारों की कम संख्या को देखते हुए आरम्भिक चिट्ठाकारों ने इस माध्यम के प्रचार के लिये अनेक समुदाय बनाए ताकि संस्कृत चिट्ठाकारी का प्रचार किया जा सके। .

17 संबंधों: चिट्ठा, चिट्ठा चर्चा, चिट्ठाजगत, चिट्ठाजगत.इन, चिट्ठाकार, टंकण, नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर), परिचर्चा फोरम, ब्लॉगवाणी, भारतीय चिट्ठाजगत, सर्वज्ञ विकि, संस्कृत ब्लॉग, संस्कृत भाषा, हिन्दी चिट्ठाजगत, इण्डिक यूनिकोड, अक्षरग्राम नेटवर्क, २००९

चिट्ठा

चिट्ठा (अंग्रेज़ी:ब्लॉग), बहुवचन: चिट्ठे (अंग्रेज़ी:ब्लॉग्स) एक प्रकार के व्यक्तिगत जालपृष्ठ (वेबसाइट) होते हैं जिन्हें दैनन्दिनी (डायरी) की तरह लिखा जाता है।। चिट्ठाजगत संकलक हर चिट्ठे में कुछ लेख, फोटो और बाहरी कड़ियाँ होती हैं। इनके विषय सामान्य भी हो सकते हैं और विशेष भी। चिट्ठा लिखने वाले को चिट्ठाकार (ब्लॉगर) तथा इस कार्य को चिट्ठाकारी अथवा चिट्ठाकारिता (ब्लॉगिंग) कहा जाता है। कई चिट्ठे किसी खास विषय से संबंधित होते हैं, व उस विषय से जुड़े समाचार, जानकारी या विचार आदि उपलब्ध कराते हैं। एक चिट्ठे में उस विषय से जुड़े पाठ, चित्र/मीडिया व अन्य चिट्ठों के लिंक्स मिल सकते हैं। चिट्ठों में पाठकों को अपनी टीका-टिप्पणियां देने की क्षमता उन्हें एक संवादात्मक (इंटरैक्टिव) प्रारूप प्रदन प्रदान करती है।। हिन्दुस्तान लाइव। अधिकतर चिट्ठे मुख्य तौर पर पाठ रूप में होते हैं, हालांकि कुछ कलाओं (आर्ट ब्लॉग्स), छायाचित्रों (फोटोग्राफ़ी ब्लॉग्स), वीडियो, संगीत (एमपी३ ब्लॉग्स) एवं ऑडियो (पॉडकास्टिंग) पर केन्द्रित भी होते हैं। अंग्रेजी शब्द ब्लॉग वेब लॉग (web log) शब्द का सूक्ष्म रूप है, इसे एक आरम्भिक ब्लॉगर द्वारा मजाक में वी ब्लॉग (We blog) की तरह प्रयोग किया गया था, बाद में इसका केवल 'ब्लॉग' (blog) शब्द रह गया तथा बाद में यह शब्द इण्टरनेट पर प्रचलित हो गया। हिन्दी शब्द 'चिट्ठा' पहले हिन्दी चिट्ठाकार आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित किया गया था जो कि अब इण्टरनेट पर हिन्दी दुनिया में प्रचलित हो गया है। यह शब्द अब गूगल द्वारा भी अपने शब्दकोश में शामिल किया जा चुका है। हिन्दी का पहला चिट्ठा नौ दो ग्यारह माना जाता है जिसे आलोक कुमार ने पोस्ट किया था। ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द भी उन्हीं ने प्रदिपादित किया था जो कि अब इण्टरनेट पर इसके लिये प्रचलित हो चुका है। चिट्ठा बनाने के कई तरीके होते हैं, जिनमें सबसे सरल तरीका है, किसी अंतर्जाल पर किसी चिट्ठा वेसाइट जैसे या या आदि जैसे स्थलों में से किसी एक पर खाता खोल कर लिखना शुरू करना। एक अन्य प्रकार की चिट्ठेकारी सूक्ष्म चिट्ठाकारी कहलाती है। इसमें अति लघु आकार के पोस्ट्स होते हैं। दिसंबर २००७ तक, चिट्ठा सर्च इंजिन टेक्नोरैटी द्वारा ११२,०००,००० चिट्ठे ट्रैक किये जा रहे थे। आज के संगणक जगत में चिट्ठा का भारी चलन चल पड़ा है। कई प्रसिद्ध मशहूर हस्तियों के चिट्ठा लोग बड़े चाव से पढ़ते हैं और उन पर अपने विचार भी भेजते हैं। चिट्ठों पर लोग अपने पसंद के विषयों पर लिखते हैं और कई चिट्ठे विश्व भर में मशहूर होते हैं जिनका हवाला कई नीति-निर्धारण मुद्दों में किया जाता है। चिट्ठा का आरंभ १९९२ में लांच की गई पहली जालस्थल के साथ ही हो गया था। आगे चलकर १९९० के दशक के अंतिम वर्षो में जाकर चिट्ठाकारी ने जोर पकड़ा। आरंभिक चिट्ठा संगणक जगत संबंधी मूलभूत जानकारी के थे। लेकिन बाद में कई विषयों के चिट्ठा सामने आने लगे। वर्तमान समय में लेखन का हल्का सा भी शौक रखने वाला व्यक्ति अपना एक चिट्ठा बना सकता है, चूंकि यह निःशुल्क होता है और अपना लिखा पूरे विश्व के सामने तक पहुंचा सकता है। चिट्ठों पर राजनीतिक विचार, उत्पादों के विज्ञापन, शोधपत्र और शिक्षा का आदान-प्रदान भी किया जाता है। कई लोग चिट्ठों पर अपनी शिकायतें भी दर्ज कर के दूसरों को भेजते हैं। इन शिकायतों में दबी-छुपी भाषा से लेकर बेहद कर्कश भाषा तक प्रयोग की जाती है। वर्ष २००४ में चिट्ठा शब्द को मेरियम-वेबस्टर में आधिकारिक तौर पर सम्मिलित किया गया था। कई लोग अब चिट्ठों के माध्यम से ही एक दूसरे से संपर्क में रहने लग गए हैं। इस प्रकार एक तरह से चिट्ठाकारी या चिट्ठाकारी अब विश्व के साथ-साथ निजी संपर्क में रहने का माध्यम भी बन गया है। कई कंपनियां आपके चिट्ठों की सेवाओं को अत्यंत सरल बनाने के लिए कई सुविधाएं देने लग गई हैं। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और चिट्ठा · और देखें »

चिट्ठा चर्चा

चिट्ठा चर्चा उल्लेखनीय हिन्दी चिट्ठों पर टीका टिप्पणी करने वाला एक समूह ब्लॉग है, अंग्रेजी में ऐसे चिट्ठों के लिये शब्द का प्रयोग होता। इसकी स्थापना अनूप शुक्ला ने जनवरी, २००५ में की, हालाँकि इसकी शुरुआत की सही तिथि ज्ञात नहीं है। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और चिट्ठा चर्चा · और देखें »

चिट्ठाजगत

चिट्ठाजगत (अथवा ब्लॉगजगत) अन्तर्जाल पर मौजूद चिट्ठों की आभासी दुनिया को कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे ब्लॉगोस्फीयर कहा जाता है। हिन्दी के लिये चिट्ठाजगत शब्द प्रथम हिन्दी चिट्ठाकार आलोक कुमार द्वारा प्रतिपादित शब्द चिट्ठा से बना है। चिट्ठाजगत विभिन्न चिट्ठों तथा उनके परस्पर लिंकों से बना है। यह शब्द बताता है कि चिट्ठे एक परस्पर लिंकित समुदाय (अथवा समुदायों के समूह) की तरह है अथवा एक सोशल नेटवर्क है जहाँ कि सभी लेखक (चिट्ठाकार) अपनी राय प्रकाशित कर सकते हैं। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और चिट्ठाजगत · और देखें »

चिट्ठाजगत.इन

चिट्ठाजगत.इन एक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग यानि चिट्ठों की एक ऍग्रीगेटर सेवा है जो कि विभिन्न हिन्दी चिट्ठों पर प्रकाशित होने वाली पोस्टों को एक जगह पर दिखाती है। पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें सर्च इंजन एवं डाइरॅक्ट्री भी निहित हैं। चिट्ठाजगत.इन की शुरुआत सन् 2007 में आलोक कुमार एवं डॉ॰ विपुल जैन द्वारा की गई। यह पीऍचपी में बनाया गया है। यह अनेक सुविधाएँ प्रदान करता है जिनमें निम्न शामिल हैं:-.

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और चिट्ठाजगत.इन · और देखें »

चिट्ठाकार

चिट्ठाकार (अंग्रेज़ी:ब्लॉगर) ब्लॉगिंग करने वाले यानि चिट्ठा या ब्लॉग लिखने वाले व्यक्ति को कहा जाता है। इण्टरनेट के संसार में चिट्ठाकार उस व्यक्ति को कहा जाता है जो अपने चिट्ठे पर लगातार लेख, ऑडिया या वीडियो आदि पोस्ट करता है। व्लॉगर वीडियो पाठ और अन्य सामग्री के साथ या उनसे अलग पोस्ट करता है।। हिन्दुस्तान लाईव। १३ मई २००५ कुछ व्लॉगर निजी लेखन करते हैं, जबकि अन्य किसी खास विधा जैसे हास्य, विज्ञान या खेल के बारे में लिखते हैं। विश्व का पहला चिट्ठा ‘दि जर्नी’ माना जाता है जिसे व्लॉगर एडम कोन्ट्रास ने पोस्ट किया था। ‘दि जर्नी’ में कोन्ट्रास की लॉस एंजिलिस तक की यात्रा दिखाई गई है। कोन्ट्रास को इसके लिए विश्व भर में इस माध्यम के अनोखे प्रयोग के लिए प्रसिद्धि मिली थी। इसके बाद से व्लॉगर एक वार्षिक सम्मेलन व्लॉगरकॉन के माध्यम से अपनी बात विश्व के समक्ष रखते हैं। इस सम्मेलन में ‘दि व्लॉगीज़’ नामक पुरस्कार भी दिया जाता है। कई व्लॉगर्स यू ट्यूब के माध्यम से अपने वीडियो पोस्ट करते हैं। यू ट्यूब पर प्रतिमाह लगभग सात करोड़ लोग वीडियो देखते हैं। इसके अतिरिक्त जूमला, वर्डप्रेस, ब्लॉगर और अन्य वेब २.० उपकरण भी सामग्री प्रबंधन प्रणाली (कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम या सीएमएस) से वीडियो पोस्ट करने में सहायक होते हैं। विभिन्न मामलों में चिट्ठाकारी के माध्यम से मुख्यधारा पत्रकारों और स्वायत्त नागरिक पत्रकारों और चिट्ठाकारों के मध्य मुक्त वाचन यानि फ्री स्पीच अधिकारों को लेकर भी विवाद उठे हैं। सन् २००६ में व्लॉगर जॉश वुल्फ को जी८ समूह के विरुद्ध प्रदर्शनों के वीडियो फिल्मांकन के सदर्भ में गिरफ्तारी ऐसा ही एक मामला था। वायरल वीडियो को मिलने वाली प्रसिद्धी से कई चिट्ठाकारों और निगमों ने अपने जालस्थलों पर चिट्ठाकारी आरंभ कर दी है। किसी प्रसिद्ध वायरल वीडियो को उसके शीर्ष काल में जालस्थल पर डालकर उस पर आने वाले हिट्स बढ़ जाते हैं। जो चिट्ठाकार चाहते हैं कि उनकी साइटों को अधिकाधिक लोग देखें, वह इसके लिए अपनी साइट को यूटय़ूब के साथ जोड़ देते हैं और उस पर इससे मिलते-जुलते वीडियो देखें जैसा कैप्शन उस पर लिख देते हैं। हिन्दी का पहला चिट्ठा नौ दो ग्यारह माना जाता है जिसे आलोक कुमार ने पोस्ट किया था। ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द भी उन्हीं ने प्रदिपादित किया था जो कि अब इण्टरनेट पर इसके लिये प्रचलित हो चुका है। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और चिट्ठाकार · और देखें »

टंकण

नोटबुक कम्प्युटर पर टंकण करते हुए हाथ टाइपराइटर, सेल फोन, संगणक आदि के कुंजीपटल को दबाकर (टेक्स्ट) को इनपुट करने की प्रक्रिया को टंकण या 'टाइपिंग' (Typing) कहते हैं। टंकण की क्रिया इनपुट करने की अन्य विधियों जैसे मूस (माउस), 'स्पीच रिकाग्नीशन' आदि से भिन्न है। विश्व की पर्थम टंकण लिल्लियन शोल्स थी इनके पिता क्रिस्टोफर शोल्स जो पहले व्यावहारिक टाइपराइटर का आविष्कार किये। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और टंकण · और देखें »

नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर)

नारद एक पुराना एवं अपने समय का सर्वाधिक लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉग ऍग्रीगेटर है। यह हिन्दी चिट्ठाजगत में प्रकाशित सभी प्रविष्टियों को एक ही जगह एकीकृत रूप में दिखाने का उपाय है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और नारद (ब्लॉग ऍग्रीगेटर) · और देखें »

परिचर्चा फोरम

परिचर्चा अक्षरग्राम नेटवर्क द्वारा संचालित इण्टरनेट की पहली हिन्दी फोरम (बुलेटिन बोर्ड) थी जो पूर्णतया देवनागरी लिपि में थी। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और परिचर्चा फोरम · और देखें »

ब्लॉगवाणी

ब्लॉगवाणी हिन्दी ब्लॉग यानी चिट्ठों का एक ऍग्रीगेटर है जहाँ पाठक पंजीकृत ब्लॉग में चिट्ठाकारों द्वारा लिखे गये ताजा चिट्ठों की जानकारी व झलक पा सकते हैं। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और ब्लॉगवाणी · और देखें »

भारतीय चिट्ठाजगत

भारतीय चिट्ठाजगत से आशय है भारतीयों या भारतवंशी चिट्ठाकारों द्वारा लिखे जाने वाले चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और भारतीय चिट्ठाजगत · और देखें »

सर्वज्ञ विकि

सर्वज्ञ विकि का लोगो सर्वज्ञ हिन्दी चिट्ठाकारों का एक सामुदायिक विकि है। यह हिन्दी भाषा, हिन्दी ब्लॉगिंग तथा हिन्दी कम्प्यूटिंग पर केन्द्रित है। यह अक्षरग्राम नेटवर्क द्वारा संचालित किया जाता है। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और सर्वज्ञ विकि · और देखें »

संस्कृत ब्लॉग

संस्कृत में इंटरनेट पर चिट्ठे लिखना संभव है। अब संस्कृत भाषा में ब्लॉगिंग करने और पढ़ने के इच्छुक लोग पर लॉग ऑन कर वांछित कार्य भी कर सकते हैं। इस जालस्थल के माध्यम से संस्कृत भाषा के विभिन्न श्लोकों को सुन भी सकते हैं। इसके अलावा जो लोग संस्कृत भाषा नहीं जानते, वो इस साइट पर उपलब्ध संस्कृत शब्दकोष उपकरण (डिक्शनरी टूल) का उपयोग करके संस्कृत शब्द का अर्थ आसानी से समझ सकते हैं। संस्कृत भाषा के नेटवर्क तंत्र का हिस्सा बनने के लिए www.sanskritam.ning.com पर लॉग ऑन कर आरंभ किया जा सकता है। इस समूह के सदस्य शुद्ध संस्कृत का प्रयोग करते हैं। इस जालस्थल के प्रयोग से इस पर उपलब्ध अनुभाग में समाचार भी पढ़ सकते हैं। इसके सिवा संस्कृत के बेहतरीन संगीत का भी आनंद उठा सकते हैं। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और संस्कृत ब्लॉग · और देखें »

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और संस्कृत भाषा · और देखें »

हिन्दी चिट्ठाजगत

हिन्दी चिट्ठाकार समुदाय का प्रचलित लोगो हिन्दी चिट्ठाजगत से आशय है हिन्दी भाषी चिट्ठों का ऑनलाइन समुदाय जो कि बृहतर भारतीय चिट्ठाजगत का एक भाग है। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और हिन्दी चिट्ठाजगत · और देखें »

इण्डिक यूनिकोड

इण्डिक यूनिकोड यूनिकोड के भारतीय लिपियों से सम्बंधित सॅक्शन को कहा जाता है। यूनिकोड के नवीनतम संस्करण ५.२ में विविध भारतीय लिपियों को मानकीकृत किया गया है जिनमें देवनागरी भी शामिल है। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और इण्डिक यूनिकोड · और देखें »

अक्षरग्राम नेटवर्क

अक्षरग्राम नेटवर्क हिन्दी चिट्ठाकारों एवं तकनीकिज्ञों का एक गैरलाभकारी सामुदायिक स्वयंसेवक समूह है जो कि कम्प्यूटर एवं इण्टरनेट पर हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु कार्य करता है। यह समूह हिन्दी चिट्ठाकारी से सम्बंथित विभिन्न सेवाएँ संचालित करता है। शुरुआती दिनों में इण्टरनेट पर हिन्दी के प्रचार-प्रसार में इस समूह ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसकी विभिन्न सेवाओं नारद, सर्वज्ञ, परिचर्चा आदि ने नए चिट्ठाकारों को स्थापित होने में काफी सहायता की। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और अक्षरग्राम नेटवर्क · और देखें »

२००९

२००९ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। वर्ष २००९ बृहस्पतिवार से प्रारम्भ होने वाला वर्ष है। संयुक्त राष्ट्र संघ, यूनेस्को एवं आइएयू ने १६०९ में गैलीलियो गैलिली द्वारा खगोलीय प्रेक्षण आरंभ करने की घटना की ४००वीं जयंती के उपलक्ष्य में इसे अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी वर्ष घोषित किया है। .

नई!!: संस्कृत चिट्ठाजगत और २००९ · और देखें »

निवर्तमानआने वाली
अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »