संततिनिरोध और हिन्दू धर्म
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संततिनिरोध और हिन्दू धर्म के बीच अंतर
संततिनिरोध vs. हिन्दू धर्म
जन्म नियंत्रण को गर्भनिरोध और प्रजनन क्षमता नियंत्रण के नाम से भी जाना है ये गर्भधारण को रोकने के लिए विधियां या उपकरण हैं। जन्म नियंत्रण की योजना, प्रावधान और उपयोग को परिवार नियोजन कहा जाता है। सुरक्षित यौन संबंध, जैसे पुरुष या महिला निरोध का उपयोग भीयौन संचरित संक्रमण को रोकने में भी मदद कर सकता है। जन्म नियंत्रण विधियों का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जा रहा है, लेकिन प्रभावी और सुरक्षित तरीके केवल 20 वीं शताब्दी में उपलब्ध हुए। कुछ संस्कृतियां जान-बूझकर गर्भनिरोधक का उपयोग सीमित कर देती हैं क्योंकि वे इसे नैतिक या राजनीतिक रूप से अनुपयुक्त मानती हैं। जन्म नियंत्रण की प्रभावशाली विधियां पुरूषों मेंपुरूष नसबंदी के माध्यम से नसबंदी और महिलाओं में ट्यूबल लिंगेशन, अंतर्गर्भाशयी युक्ति (आईयूडी) और प्रत्यारोपण योग्य गर्भ निरोधकहैं। -->इसे मौखिक गोलियों, पैचों, योनिक रिंग और इंजेक्शनों सहित अनेकोंहार्मोनल गर्भनिरोधकोंद्वारा इसे अपनाया जाता है। --> कम प्रभावी विधियों में बाधा जैसे कि निरोध, डायाफ्रामऔर गर्भनिरोधक स्पंज और प्रजनन जागरूकता विधियां शामिल हैं। --> बहुत कम प्रभावी विधियां स्पर्मीसाइडऔर स्खलन से पहले निकासी। --> नसबंदी के अत्यधिक प्रभावी होने पर भी यह आम तौर पर प्रतिवर्ती नहीं है; बाकी सभी तरीके प्रतिवर्ती हैं, उन्हें जल्दी से रोका जा सकता हैं। आपातकालीन जन्म नियंत्रण असुरक्षित यौन संबंधों के कुछ दिन बाद की गर्भावस्था से बचा सकता है। नए मामलों में जन्म नियंत्रण के रूप में यौन संबंध से परहेज लेकिन जब इसे गर्भनिरोध शिक्षा के बिना दिया जाता है तो यहकेवल-परहेज़ यौन शिक्षा किशोरियों में गर्भावस्थाएँ बढ़ा सकती है। किशोरोंमें गर्भावस्था में खराब नतीजों के खतरे होते हैं। --> व्यापक यौन शिक्षा और जन्म नियंत्रण विधियों का प्रयोग इस आयु समूह में अनचाही गर्भावस्थाओं को कम करता है। जबकि जन्म नियंत्रण के सभी रूपों युवा लोगों द्वारा प्रयोग किया जा सकता है, दीर्घकालीन क्रियाशील प्रतिवर्ती जन्म नियंत्रण जैसे प्रत्यारोपण, आईयूडी, या योनि रिंग्स का किशोर गर्भावस्था की दरों को कम करने में विशेष रूप से फायदा मिलता हैं। प्रसव के बाद, एक औरत जो विशेष रूप से स्तनपान नहीं करवा रही है, वह चार से छह सप्ताह के भीतर दोबारा गर्भवती हो सकती है।--> जन्म नियंत्रण की कुछ विधियों को जन्म के तुरंत बाद शुरू किया जा सकता है, जबकि अन्य के लिए छह महीनों तक की देरी जरूरी होती है।--> केवल स्तनपान करवाने वाली प्रोजैस्टिन महिलाओं में ही संयुक्त मौखिक गर्भनिरोधकों के प्रयोग को ज्यादा पसंद किया जाता हैं।--> वे सहिलाएं जिन्हे रजोनिवृत्ति हो गई है, उन्हे अंतिम मासिक धर्म से लगातार एक साल तक जन्म नियंत्रण विधियां अपनाने की सिफारिश की जाती है। विकासशील देशों में लगभग 222 मिलियन महिलाएं ऐसी हैं जो गर्भावस्था से बचना चाहती हैं लेकिन आधुनिक जन्म नियंत्रण विधि का प्रयोग नहीं कर रही हैं। विकासशील देशों में गर्भनिरोध के प्रयोग से मातृत्व मृत्यु में 40% (2008 में लगभग 270,000 लोगों को मौत से बचाया गया) की कमी आयी है और यदि गर्भनिरोध की मांग को पूरा किया जाए तो 70% तक मौतों को रोका जा सकता है। गर्भधारण के बीच लम्बी अवधि से जन्म नियंत्रण व्यस्क महिलाओं के प्रसव के परिणामों और उनके बच्चों उत्तरजीविता में सुधार करेगा। जन्म नियंत्रण के ज्यादा से ज्यादा उपयोग से विकासशील देशों में महिलाओं की आय, संपत्तियों, वजन और उनके बच्चों की स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सभी में सुधार होगा। कम आश्रित बच्चों, कार्य में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी और दुर्लभ संसाधनों की कम खपत के कारण जन्म नियंत्रण, आर्थिक विकास को बढ़ाता है। . हिन्दू धर्म (संस्कृत: सनातन धर्म) एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत,नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है। विद्वान लोग हिन्दू धर्म को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है। यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं। अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक भारत में हैं और प्रतिशत के आधार पर नेपाल में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है। इसे सनातन धर्म अथवा वैदिक धर्म भी कहते हैं। इण्डोनेशिया में इस धर्म का औपचारिक नाम "हिन्दु आगम" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है। .
संततिनिरोध और हिन्दू धर्म के बीच समानता
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संदर्भ
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