लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

शनि के प्राकृतिक उपग्रह और सौर मण्डल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

शनि के प्राकृतिक उपग्रह और सौर मण्डल के बीच अंतर

शनि के प्राकृतिक उपग्रह vs. सौर मण्डल

छल्ले और उसके कुछ मुख्य उपग्रह (चित्रकार द्वारा बनाया गया चित्र) शनि के कुछ मुख्य उपग्रह: टाइटन बीच का बड़ा नारंगी गोला है जिसके ऊपर बाक़ी चन्द्रमा दर्शाए गए हैं हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि के बहुत से भिन्न-भिन्न प्रकार के उपग्रह हैं, जिनमें १ कि॰मी॰ से भी कम आकार के नन्हे चाँद और भयंकर आकार वाला टाइटन (जो बुध ग्रह से भी बड़ा है) शामिल हैं। शनि के छल्लों में लाखों वस्तुएँ शनि की परिक्रमा कर रहीं हैं - लेकिन इनमें से बहुत तो छोटे-छोटे पत्थर या धुल के कण ही हैं। कुल मिलकर, सन् २०१० तक, शनि के ६२ ज्ञात उपग्रह थे जिनकी परिक्रमा की कक्षाएँ परखी जा चुकी थीं। इनमें से केवल १३ का व्यास (डायामीटर) ५० किमी से अधिक था और इनमें से ५३ का नामकरण किया जा चुका था। शनि के सात चन्द्रमा इतने बड़े हैं के वे अपने गुरुत्वाकर्षण की खींच से स्वयं को पूरा गोल आकार का कर पाएँ हैं। इन सारे चंद्रमाओं में से दो वैज्ञानिकों की लिए विशेष दिलचस्पी रखते हैं: टाइटन, जो सौरमंडल का दूसरा सब से बड़ा उपग्रह है और जिसपर पृथ्वी की तरह नाइट्रोजन गैस से भरपूर पृथ्वी से भी घना वायुमंडल है और ऍनसॅलअडस, जिसपर गैस और धुल के फव्वारे हैं और जिसके दक्षिणी ध्रुव की सतह के नीचे पानी का बड़ा जलाशय होने की सम्भावना है। . सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल। हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है। इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं। इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं। सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं। और इसमें क्षुद्रग्रह घेरा, चार विशाल गैस से बने बाहरी गैस दानव ग्रह, काइपर घेरा और बिखरा चक्र शामिल हैं। काल्पनिक और्ट बादल भी सनदी क्षेत्रों से लगभग एक हजार गुना दूरी से परे मौजूद हो सकता है। सूर्य से होने वाला प्लाज़्मा का प्रवाह (सौर हवा) सौर मंडल को भेदता है। यह तारे के बीच के माध्यम में एक बुलबुला बनाता है जिसे हेलिओमंडल कहते हैं, जो इससे बाहर फैल कर बिखरी हुई तश्तरी के बीच तक जाता है। .

शनि के प्राकृतिक उपग्रह और सौर मण्डल के बीच समानता

शनि के प्राकृतिक उपग्रह और सौर मण्डल आम में 12 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चन्द्रमा, टाइटन (चंद्रमा), टॅथिस (उपग्रह), ऍनसॅलअडस (उपग्रह), डायोनी (उपग्रह), द्रव्यमान, प्राकृतिक उपग्रह, माइमस (उपग्रह), रिया (उपग्रह), गुरुत्वाकर्षण, ग्रह, आऐपिटस (उपग्रह)

चन्द्रमा

कोई विवरण नहीं।

चन्द्रमा और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · चन्द्रमा और सौर मण्डल · और देखें »

टाइटन (चंद्रमा)

टाइटन (या Τῑτάν), या शनि शष्टम, शनि ग्रह का सबसे बड़ा चंद्रमा है। यह वातावरण सहित एकमात्र ज्ञातचंद्रमा है, और पृथ्वी के अलावा एकमात्र ऐसा खगोलीय पिंड है जिसके सतही तरल स्थानों, जैसे नहरों, सागरों आदि के ठोस प्रमाण उपलब्ध हों। यूरोपीय-अमेरिकी के कासीनी अंतरिक्ष यान के साथ गया उसका अवतरण यान हायगन्स, १६ जनवरी २००४ को, टाइटन के धरातल पर उतरा जहां उसने भूरे-नारंगी रंग में रंगे टाईटन के नदियों-पहाडों और झीलों-तालाबों वाले जो चित्र भेजे। टाइटन के बहुत ही घने वायुमंडल के कारण इससे पहले उसकी ऊपरी सतह को देख या उसके चित्र ले पाना संभव ही नहीं था। २००८ अगस्त के मध्य में ब्राज़ील की राजधानी रियो दी जनेरो में अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान संघ के सम्मेलन में ऐसे चित्र दिखाये गये और दो ऐसे शोधपत्र प्रस्तुत किये गये, जिनसे पृथ्वी के साथ टाइटन की समानता स्पष्ट होती है। ये चित्र और अध्ययन भी मुख्यतः कासीनी और होयगन्स से मिले आंकड़ों पर ही आधारित थे। .

टाइटन (चंद्रमा) और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · टाइटन (चंद्रमा) और सौर मण्डल · और देखें »

टॅथिस (उपग्रह)

इथाका नाम की महान और लम्बी घाटी नज़र आ रही है कैसीनी यान द्वारा २४ दिसम्बर २००५ को ली गयी इस तस्वीर में ४५० किमी व्यास का ओडेसियस नामक प्रहार क्रेटर नज़र आ रहा है १९८१ में वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा ली गयी टॅथिस की तस्वीर टॅथिस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का पाँचवा सब से बड़ा उपग्रह है। पूरे सौर मण्डल में यह १६वा सब से बड़ा उपग्रह है और अपने से छोटे सारे उपग्रहों के मिले हुए द्रव्यमान से बड़ा है। यह लगभग सारा-का-सारा ही पानी की बर्फ़ का बना है और इसमें मुश्किल से ६% भाग पत्थरीला है। इसका पक्का अनुमान नहीं लगाया जा पाया है के टॅथिस में पत्थर और बर्फ़ की अलग तहें हैं या पत्थर बर्फ़ में ही मिला हुआ है, लेकिन वैज्ञानिकों को यह ज्ञात हो गया है के अगर इसके केंद्र में पत्थर का एक अलग गोला है तो उस गोले का व्यास २९० किमी या उसे से कम ही होगा। टॅथिस पर उल्कापिंडों के बनाए हुए कई सरे प्रहार क्रेटर हैं। इसकी सतह पर बर्फ़ की बनी हुई पहाड़ियाँ और घाटियाँ देखी जा सकती हैं। उपग्रह के एक भाग में एक समतल मैदान भी देखा गया है। जिस दिशा में टॅथिस शनि की परिक्रमा कर रहा है उस तरफ के रुख़ पर एक ओडेसियस नाम का बड़ा क्रेटर है जिसका व्यास लगभग ४५० किमी है। ओडेसियस के बीच में एक २-४ किमी गहरा गड्ढा है जिसके इर्द-गिर्द ६-९ किमी लम्बी दीवारें हैं। टॅथिस की ज़मीन पर एक और बड़ी आकृति इथाका घाटी की है जो १०० किमी चौड़ी और ३ किमी गहरी है और पूरे चाँद के तीन-चौथाई हिस्से में २,००० किमी तक चलती है। टॅथिस की सतह का तापमान -१८७ डिग्री सेंटीग्रेड है। टॅथिस का व्यास (डायामीटर) लगभग १,०६६ किमी है। तुलना के लिए पृथ्वी के चन्द्रमा का व्यास लगभग ३,४७० किमी है, यानि टॅथिस से क़रीब तिगुना। .

टॅथिस (उपग्रह) और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · टॅथिस (उपग्रह) और सौर मण्डल · और देखें »

ऍनसॅलअडस (उपग्रह)

२६ अगस्त १९८१ को वॉयेजर द्वितीय यान द्वारा ली गयी ऍनसॅलअडस की तस्वीर ऍनसॅलअडस के दक्षिणी ध्रुव के पास के "शेर धारियाँ" क्षेत्र में पानी और बर्फ़ उगलते हुए ऊंचे फुव्वारे ऍनसॅलअडस के दक्षिणी ध्रुव के पास की "शेर धारियाँ" इस तस्वीर में साफ़ नज़र आ रही हैं ऍनसॅलअडस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का छठा सब से बड़ा उपग्रह है। ऍनसॅलअडस आकार में बहुत छोटा है - इसका व्यास (डायामीटर) केवल ४०० किमी है, जो शनि के सब से बड़े चद्रमा, टाइटन, का सिर्फ़ दसवाँ है। इस छोटे आकार के बावजूद इसकी सतह पर टीले-खाइयों से लेकर उल्कापिंडों के प्रहार से बने हुए गड्ढों तक तरह-तरह की चीजें देखी जाती हैं। ऍनसॅलअडस की सतह पर अधिकतर पानी की बर्फ़ की एक मोटी तह फैली हुई है। इस बर्फ़ीली सतह की वजह से ऍनसॅलअडस का ऐल्बीडो (सफ़ेदपन या चमकीलापन) १.३८ है, जो सौर मण्डल की किसी भी अन्य ज्ञात वस्तु से अधिक है। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने इस उपग्रह की सतह पर मौजूद बहुत से आकारों के नाम आलिफ़ लैला की कहानियों के पात्रों पर रखे हैं, जैसे की समरक़न्द खाइयाँ, अलादीन गड्ढा, सरान्दीब मैदान, वग़ैराह। .

ऍनसॅलअडस (उपग्रह) और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · ऍनसॅलअडस (उपग्रह) और सौर मण्डल · और देखें »

डायोनी (उपग्रह)

कैसिनी द्वारा ली गयी डायोनी की तस्वीर जिसमें गाढ़े रंग वाला क्षेत्र भी नज़र आ रहा है इस चित्र में डायोनी के एक रुख़ पर बर्फ़ की चट्टानों के महीन बिछे हुए जले नज़र आ रहे हैं शनि के छल्लों के आगे डायोनी का एक दृश्य डायोनी हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का चौथा सब से बड़ा उपग्रह है। पूरे सौर मण्डल में यह १५वा सब से बड़ा उपग्रह है और अपने से छोटे सारे उपग्रहों के मिले हुए द्रव्यमान से बड़ा है। वैसे तो यह अधिकतर पानी की बर्फ़ का बना है, लेकिन टाइटन और ऍनसॅलअडस के बाद शनि का तीसरा सब से घनत्व वाला उपग्रह है, जिस से यह अनुमान लगाया जाता है के इसकी बनवात में आधे से थोड़ा कम (४६%) हिस्सा पत्थरीला है। जिस दिशा में यह परिक्रमा करता है, उस तरफ के रुख़ पर उल्कापिंडों के टकराव से बाने गए काफ़ी प्रहार क्रेटर हैं, जबकि दूसरे रुख़ पर चमकती हुई बर्फ़ की चट्टानों के जले बिछे हुए हैं। डायोनी का व्यास (डायामीटर) लगभग १,१२२ किमी है। तुलना के लिए पृथ्वी के चन्द्रमा का व्यास लगभग ३,४७० किमी है, यानि क़रीब डायोनी से तिगुना। .

डायोनी (उपग्रह) और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · डायोनी (उपग्रह) और सौर मण्डल · और देखें »

द्रव्यमान

द्रव्यमान किसी पदार्थ का वह मूल गुण है, जो उस पदार्थ के त्वरण का विरोध करता है। सरल भाषा में द्रव्यमान से हमें किसी वस्तु का वज़न और गुरुत्वाकर्षण के प्रति उसके आकर्षण या शक्ति का पता चलता है। श्रेणी:भौतिकी श्रेणी:भौतिक शब्दावली *.

द्रव्यमान और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · द्रव्यमान और सौर मण्डल · और देखें »

प्राकृतिक उपग्रह

टाइटन) इतना बड़ा है के उसका अपना वायु मण्डल है - आकारों की तुलना के लिए पृथ्वी भी दिखाई गई है प्राकृतिक उपग्रह या चन्द्रमा ऐसी खगोलीय वस्तु को कहा जाता है जो किसी ग्रह, क्षुद्रग्रह या अन्य वस्तु के इर्द-गिर्द परिक्रमा करता हो। जुलाई २००९ तक हमारे सौर मण्डल में ३३६ वस्तुओं को इस श्रेणी में पाया गया था, जिसमें से १६८ ग्रहों की, ६ बौने ग्रहों की, १०४ क्षुद्रग्रहों की और ५८ वरुण (नॅप्ट्यून) से आगे पाई जाने वाली बड़ी वस्तुओं की परिक्रमा कर रहे थे। क़रीब १५० अतिरिक्त वस्तुएँ शनि के उपग्रही छल्लों में भी देखी गई हैं लेकिन यह ठीक से अंदाज़ा नहीं लग पाया है के वे शनि की उपग्रहों की तरह परिक्रमा कर रही हैं या नहीं। हमारे सौर मण्डल से बाहर मिले ग्रहों के इर्द-गिर्द अभी कोई उपग्रह नहीं मिला है लेकिन वैज्ञानिकों का विशवास है के ऐसे उपग्रह भी बड़ी संख्या में ज़रूर मौजूद होंगे। जो उपग्रह बड़े होते हैं वे अपने अधिक गुरुत्वाकर्षण की वजह से अन्दर खिचकर गोल अकार के हो जाते हैं, जबकि छोटे चन्द्रमा टेढ़े-मेढ़े भी होते हैं (जैसे मंगल के उपग्रह - फ़ोबस और डाइमस)। .

प्राकृतिक उपग्रह और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · प्राकृतिक उपग्रह और सौर मण्डल · और देखें »

माइमस (उपग्रह)

कैसिनी द्वारा फरवरी २०१० में ली गयी माइमस की तस्वीर जिसमें हरशॅल क्रेटर नज़र आ रहा है माइमस का नक़्शा छल्लों के ऍफ़ छल्ले के पीछे माइमस माइमस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का सातवा सब से बड़ा उपग्रह है। पूरे सौर मण्डल में यह बीसवा सब से बड़ा उपग्रह है। माइमस सब से छोटी ज्ञात खगोलीय वस्तु है जो अपने गुरुत्वाकर्षण के खींचाव से स्वयं को गोल कर चुकी है। माइमस का व्यास (डायामीटर) ३९६ किमी है। .

माइमस (उपग्रह) और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · माइमस (उपग्रह) और सौर मण्डल · और देखें »

रिया (उपग्रह)

कैसीनी अंतरिक्ष यान द्वारा ली गयी रिया की तस्वीर पृथ्वी (दाएँ), हमारे चन्द्रमा (ऊपर बाएँ) और रिया (नीचे बाएँ) के आकारों की तुलना रिया हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का दूसरा सब से बड़ा उपग्रह है। रिया सौर मण्डल के सारे उपग्रहों में से नौवा सब से बड़ा उपग्रह है। इसकी खोज १६७२ में इटली के खगोलशास्त्री जिओवान्नी कैसीनी ने की थी। रिया के घनत्व को देखते हुए वैज्ञानिकों का अनुमान है के यह २५% पत्थर और ७५% पानी की बर्फ़ का बना हुआ है। इस उपग्रह का तापमान धूप पर निर्भर करता है। जहाँ धूप पड़ रही हो वहाँ इसका तापमान -१७४ डिग्री सेंटीग्रेड (९९ कैल्विन) है और जहाँ अँधेरा हो वहाँ यह गिरकर -२२० डिग्री सेंटीग्रेड (५३ कैल्विन) चला जाता है। इसकी सतह पर अंतरिक्ष से गिरे हुए उल्कापिंडों की वजह से बहुत से गढ्ढे हैं, जिनमें से दो तो बहुत ही बड़े हैं और ४०० से ५०० किमी का व्यास (डायामीटर) रखते हैं। .

रिया (उपग्रह) और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · रिया (उपग्रह) और सौर मण्डल · और देखें »

गुरुत्वाकर्षण

गुरुत्वाकर्षण के कारण ही ग्रह, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा पाते हैं और यही उन्हें रोके रखती है। गुरुत्वाकर्षण (ग्रैविटेशन) एक पदार्थ द्वारा एक दूसरे की ओर आकृष्ट होने की प्रवृति है। गुरुत्वाकर्षण के बारे में पहली बार कोई गणितीय सूत्र देने की कोशिश आइजक न्यूटन द्वारा की गयी जो आश्चर्यजनक रूप से सही था। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत का प्रतिपादन किया। न्यूटन के सिद्धान्त को बाद में अलबर्ट आइंस्टाइन द्वारा सापेक्षता सिद्धांत से बदला गया। इससे पूर्व वराह मिहिर ने कहा था कि किसी प्रकार की शक्ति ही वस्तुओं को पृथिवी पर चिपकाए रखती है। .

गुरुत्वाकर्षण और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · गुरुत्वाकर्षण और सौर मण्डल · और देखें »

ग्रह

हमारे सौरमण्डल के ग्रह - दायें से बाएं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून सौर मंडल के ग्रहों, सूर्य और अन्य पिंडों के तुलनात्मक चित्र सूर्य या किसी अन्य तारे के चारों ओर परिक्रमा करने वाले खगोल पिण्डों को ग्रह कहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ के अनुसार हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, युरेनस और नेप्चून। इनके अतिरिक्त तीन बौने ग्रह और हैं - सीरीस, प्लूटो और एरीस। प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने तारों और ग्रहों के बीच में अन्तर इस तरह किया- रात में आकाश में चमकने वाले अधिकतर पिण्ड हमेशा पूरब की दिशा से उठते हैं, एक निश्चित गति प्राप्त करते हैं और पश्चिम की दिशा में अस्त होते हैं। इन पिण्डों का आपस में एक दूसरे के सापेक्ष भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। इन पिण्डों को तारा कहा गया। पर कुछ ऐसे भी पिण्ड हैं जो बाकी पिण्डों के सापेक्ष में कभी आगे जाते थे और कभी पीछे - यानी कि वे घुमक्कड़ थे। Planet एक लैटिन का शब्द है, जिसका अर्थ होता है इधर-उधर घूमने वाला। इसलिये इन पिण्डों का नाम Planet और हिन्दी में ग्रह रख दिया गया। शनि के परे के ग्रह दूरबीन के बिना नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए प्राचीन वैज्ञानिकों को केवल पाँच ग्रहों का ज्ञान था, पृथ्वी को उस समय ग्रह नहीं माना जाता था। ज्योतिष के अनुसार ग्रह की परिभाषा अलग है। भारतीय ज्योतिष और पौराणिक कथाओं में नौ ग्रह गिने जाते हैं, सूर्य, चन्द्रमा, बुध, शुक्र, मंगल, गुरु, शनि, राहु और केतु। .

ग्रह और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · ग्रह और सौर मण्डल · और देखें »

आऐपिटस (उपग्रह)

कैसीनी यान से ली गयी आऐपिटस की तस्वीर जिसमें इसके दो अलग-अलग रंग वाले भाग साफ़ नज़र आ रहे हैं आऐपिटस की भूमध्य चट्टान का एक नज़दीकी चित्र आऐपिटस हमारे सौर मण्डल के छठे ग्रह शनि का तीसरा सब से बड़ा उपग्रह है। आऐपिटस सौर मण्डल के सारे उपग्रहों में से ग्यारहवाँ सब से बड़ा उपग्रह है। इसकी खोज १६७१ में इटली के खगोलशास्त्री जिओवान्नी कैसीनी ने की थी। आऐपिटस इस बात के लिए मशहूर है के उसके एक भाग का रंग काफ़ी हल्का है और दुसरे भाग का रंग बहुत ही गाढ़ा है। इस उपग्रह के ठीक मध्य रेखा में एक उठी हुई चट्टान देखी गयी है जो इस चाँद के आधे हिस्से तक चलती है। आऐपिटस का घनत्व काफ़ी कम है और वैज्ञानिक अनुमान लगते हैं के इसमें सिर्फ़ २०% पत्थर है और बाक़ी सब पानी की बर्फ़ है। .

आऐपिटस (उपग्रह) और शनि के प्राकृतिक उपग्रह · आऐपिटस (उपग्रह) और सौर मण्डल · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

शनि के प्राकृतिक उपग्रह और सौर मण्डल के बीच तुलना

शनि के प्राकृतिक उपग्रह 52 संबंध है और सौर मण्डल 99 है। वे आम 12 में है, समानता सूचकांक 7.95% है = 12 / (52 + 99)।

संदर्भ

यह लेख शनि के प्राकृतिक उपग्रह और सौर मण्डल के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »