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व्याध तारा और सूर्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

व्याध तारा और सूर्य के बीच अंतर

व्याध तारा vs. सूर्य

व्याध एक द्वितारा है जिसके "व्याध ए" और "व्याध बी" तारे इस तस्वीर में देखे जा सकते हैं (व्याध बी नीचे बाएँ पर स्थित बिंदु है) व्याध तारा(Sirius) पृथ्वी से रात के सभी तारों में सब से ज़्यादा चमकीला नज़र आता है। इसका सापेक्ष कान्तिमान -१.४६ मैग्निट्यूड है जो दुसरे सब से रोशन तारे अगस्ति से दुगना है। दरअसल जो व्याध तारा बिना दूरबीन के आँख से एक तारा लगता है वह वास्तव में एक द्वितारा है, जिसमें से एक तो मुख्य अनुक्रम तारा है जिसकी श्रेणी A1V है जिसे "व्याध ए" कहा जा सकता है और दूसरा DA2 की श्रेणी का सफ़ेद बौना तारा है जिसे "व्याध बी" बुलाया जा सकता है। यह तारे महाश्वान तारामंडल में स्थित हैं। व्याध पृथ्वी से लगभग ८.६ प्रकाश-वर्ष की दूरी पर है। व्याध ए सूरज से दुगना द्रव्यमान रखता है जबकि व्याध बी का द्रव्यमान लगभग सूरज के बराबर है। . सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है। सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग १४,९६,००,००० किलोमीटर या ९,२९,६०,००० मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में ८.३ मिनट का समय लगता है। इसी प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है। यह पृथ्वी के जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है। सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है। इनमें से हाइड्रोजन सूर्य के सतह की मात्रा का ७४ % तथा हिलियम २४ % है। इस जलते हुए गैसीय पिंड को दूरदर्शी यंत्र से देखने पर इसकी सतह पर छोटे-बड़े धब्बे दिखलाई पड़ते हैं। इन्हें सौर कलंक कहा जाता है। ये कलंक अपने स्थान से सरकते हुए दिखाई पड़ते हैं। इससे वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला है कि सूर्य पूरब से पश्चिम की ओर २७ दिनों में अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करता है। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। इसको परिक्रमा करनें में २२ से २५ करोड़ वर्ष लगते हैं, इसे एक निहारिका वर्ष भी कहते हैं। इसके परिक्रमा करने की गति २५१ किलोमीटर प्रति सेकेंड है। Barnhart, Robert K. (1995) The Barnhart Concise Dictionary of Etymology, page 776.

व्याध तारा और सूर्य के बीच समानता

व्याध तारा और सूर्य आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): तारा, मुख्य अनुक्रम, संस्कृत भाषा

तारा

तारे (Stars) स्वयंप्रकाशित (self-luminous) उष्ण गैस की द्रव्यमात्रा से भरपूर विशाल, खगोलीय पिंड हैं। इनका निजी गुरुत्वाकर्षण (gravitation) इनके द्रव्य को संघटित रखता है। मेघरहित आकाश में रात्रि के समय प्रकाश के बिंदुओं की तरह बिखरे हुए, टिमटिमाते प्रकाशवाले बहुत से तारे दिखलाई देते हैं। .

तारा और व्याध तारा · तारा और सूर्य · और देखें »

मुख्य अनुक्रम

यह चित्र २३,००० तारों के रंग और उनकी निरपेक्ष कान्तिमान (चमक) की तुलना कर रहा है और जो बाएँ ओर पट्टी बन गई है उसे से इन दोनों चीज़ों का सम्बन्ध साफ़ नज़र आता है। ऐसे तुलनात्मक चित्र को "हर्ट्ज़्प्रुन्ग-रसल" चित्रण कहते हैं। मुख्य अनुक्रम या मेन सीक्वॅन्स एक तारों की श्रेणी है। हज़ारों-लाखों तारों के अध्ययन के बाद देखा गया है के बहुत से छोटे आकार के तारों में तारे के रंग और उसकी निरपेक्ष कान्तिमान (यानि मूल चमक) में गहरा सम्बन्ध होता है। इन तारों की चमक जितनी ज़्यादा हो वे उतने ही नीले नज़र आते हैं और चमक जितनी कम हो वे उतने ही लाल नज़र आते हैं। ऐसे तारों को मुख्य अनुक्रम तारे या बौने तारे कहा जाता है। .

मुख्य अनुक्रम और व्याध तारा · मुख्य अनुक्रम और सूर्य · और देखें »

संस्कृत भाषा

संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

व्याध तारा और सूर्य के बीच तुलना

व्याध तारा 18 संबंध है और सूर्य 67 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 3.53% है = 3 / (18 + 67)।

संदर्भ

यह लेख व्याध तारा और सूर्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: