लक्षणा और व्यंजना के बीच समानता
लक्षणा और व्यंजना आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): शब्दशक्ति, अभिधा।
शब्दशक्ति
शब्दवृत्ति या शब्दशक्ति (अथवा शब्द शक्ति अथवा शब्द-शक्ति) अर्थात शब्दों की शक्ति। हिन्दी व्याकरण में किसी वाक्य के भाव को समझने के लिए प्रयुक्त अर्थ को शब्द शक्ति कहा जाता है। कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ सभी लोगों के लिए समान होते हैं लेकिन कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार लेता है। इसी आधार पर उस वाक्य में प्रयुक्त शब्दों के प्रकार, शक्ति और व्यापकता के आधार पर उसे विभिन्न प्रकार से विभक्त किया जाता है। .
लक्षणा और शब्दशक्ति · व्यंजना और शब्दशक्ति ·
अभिधा
शब्दों की तीन शक्तियाँ होती हैं: अभिधा, लक्षणा तथा व्यंजना। अभिधा: जब किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग होता है तब वहाँ उसकी अभिधा शक्ति होती है, जैसे 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा। लक्षणा: जब शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग न करते हुए किसी विशेष प्रयोजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है, यह जिस शक्ति के द्वारा होता है उसे लक्षणा कहते हैं। लक्षणा से 'सिर पर चढ़ने' का अर्थ आदर देना होगा। उदाहरण के लिए 'अँगारों पर लोटना', 'आँख मारना', 'आँखों में रात काटना', 'आग से खेलना', 'खून चूसना', 'ठहाका लगाना', 'शेर बनना' आदि मुहावरों में लक्षणा शक्ति का प्रयोग हुआ है। व्यंजना: जब अभिधा और लक्षणा अपना काम खत्मकर लेती हैं, तब जिस शक्ति से शब्द-समूहों या वाक्यों के किसी अर्थ की सूचना मिलती है उसे 'व्यंजना' कहते हैं। व्यंजना से निकले अधिकांश अर्थों को व्यंग्यार्थ कहते हैं। 'सिर पर चढ़ाना' मुहावरे का व्यंग्यार्थ न तो 'सिर' पर निर्भर करता है न 'चढ़ाने' पर वरन् पूरे मुहावरे का अर्थ होता है उच्छृंखल, अनुशासनहीन अथवा ढीठ बनाना। .
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
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लक्षणा और व्यंजना के बीच तुलना
लक्षणा 4 संबंध है और व्यंजना 5 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 22.22% है = 2 / (4 + 5)।
संदर्भ
यह लेख लक्षणा और व्यंजना के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: