वोल्टता गुणक और संधारित्र
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
वोल्टता गुणक और संधारित्र के बीच अंतर
वोल्टता गुणक vs. संधारित्र
पूर्ण-तरंग कॉक्रॉफ्ट-वाल्टन वोल्टता गुणक 'विलार्ड कास्केड' वोल्टता गुणक का आउटपुट वोल्टेज: ध्यान दें कि आउटपुट वोल्टता धीरे-धीरे इनपुट वोल्टता के लगभग दो गुना होने जा रही है। वोल्टता गुणक (voltage multiplier) एक विशेष विद्युत परिपथ है जो कम वोल्टता के एसी को अपेक्षाकृत अधिक वोल्टता के डीसी में बदलने का काम करता है। इसमें प्रायः डायोड और संधारित्र का प्रयोग होता है। इनका उपयोग उच्च वोल्टता (हजारों किलोवोल्ट) पैदा करने के लिये किया जाता है जो मुख्यतः उच्च ऊर्जा भौतिकी के प्रयोगों के लिये या तड़ित-सुरक्षा से सम्बन्धित उपकरणों के परीक्षण के लिये लगती है। जो वोल्टता गुणक ए.सी. विभिन्न प्रकार के आधुनिक संधारित्र समान्तर प्लेट संधारित्र का एक सरल रूप संधारित्र या कैपेसिटर (Capacitor), विद्युत परिपथ में प्रयुक्त होने वाला दो सिरों वाला एक प्रमुख अवयव है। यदि दो या दो से अधिक चालकों को एक विद्युत्रोधी माध्यम द्वारा अलग करके समीप रखा जाए, तो यह व्यवस्था संधारित्र कहलाती है। इन चालकों पर बराबर तथा विपरीत आवेश होते हैं। यदि संधारित्र को एक बैटरी से जोड़ा जाए, तो इसमें से धारा का प्रवाह नहीं होगा, परंतु इसकी प्लेटों पर बराबर मात्रा में घनात्मक एवं ऋणात्मक आवेश संचय हो जाएँगे। विद्युत् संधारित्र का उपयोग विद्युत् आवेश, अथवा स्थिर वैद्युत उर्जा, का संचय करने के लिए तथा वैद्युत फिल्टर, स्नबर (शक्ति इलेक्ट्रॉनिकी) आदि में होता है। संधारित्र में धातु की दो प्लेटें होतीं हैं जिनके बीच के स्थान में कोई कुचालक डाइएलेक्ट्रिक पदार्थ (जैसे कागज, पॉलीथीन, माइका आदि) भरा होता है। संधारित्र के प्लेटों के बीच धारा का प्रवाह तभी होता है जब इसके दोनों प्लेटों के बीच का विभवान्तर समय के साथ बदले। इस कारण नियत डीसी विभवान्तर लगाने पर स्थायी अवस्था में संधारित्र में कोई धारा नहीं बहती। किन्तु संधारित्र के दोनो सिरों के बीच प्रत्यावर्ती विभवान्तर लगाने पर उसके प्लेटों पर संचित आवेश कम या अधिक होता रहता है जिसके कारण वाह्य परिपथ में धारा बहती है। संधारित्र से होकर डीसी धारा नही बह सकती। संधारित्र की धारा और उसके प्लेटों के बीच में विभवान्तर का सम्बन्ध निम्नांकित समीकरण से दिया जाता है- जहाँ: .
वोल्टता गुणक और संधारित्र के बीच समानता
वोल्टता गुणक और संधारित्र आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): विद्युत परिपथ।
एक सरल विद्युत परिपथ जो एक वोल्टेज स्रोत एवं एक प्रतिरोध से मिलकर बना है ब्रेडबोर्ड के ऊपर बनाया गया एक सरल परिपथ (मल्टीवाइव्रेटर) विद्युत अवयवों (वोल्टेज स्रोत, प्रतिरोध, प्रेरकत्व, संधारित्र एवं कुंजियों आदि) एवं विद्युतयांत्रिक अवयवों (स्विच, मोटर, स्पीकर आदि) का परस्पर संयोजन विद्युत परिपथ (Electric circuit) अथवा विद्युत नेटवर्क (electrical network) कहलाता है। विद्युत परिपथ बहुत विशाल क्षेत्र में फैले हो सकते हैं; जैसे-विद्युत-शक्ति के उत्पादन, ट्रान्समिसन, वितरण एवं उपभोग का नेटवर्क। बहुत से विद्युत परिपथ प्राय: प्रिन्टेड सर्किट बोर्डों पर संजोये जाते हैं। विद्युत परिपथ अत्यन्त लघु आकार के भी हो सकते हैं; जैसे एकीकृत परिपथ। जब किसी परिपथ में डायोड, ट्रान्जिस्टर या आईसी आदि लगे होते हैं तो उसे एलेक्ट्रॉनिक परिपथ भी कहा जाता है जो कि विद्युत परिपथ का ही एक रूप है। विद्युत परिपथ को परिपथ आरेख (सर्किट डायग्राम) के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। प्रायः एक या अधिक बन्द लूप वाले नेटवर्क ही विद्युत परिपथ कहलाते हैं। .
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वोल्टता गुणक और संधारित्र के बीच तुलना
वोल्टता गुणक 7 संबंध है और संधारित्र 19 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 3.85% है = 1 / (7 + 19)।
संदर्भ
यह लेख वोल्टता गुणक और संधारित्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: