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वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली और स्मार्टफ़ोन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली और स्मार्टफ़ोन के बीच अंतर

वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली vs. स्मार्टफ़ोन

जी.पी.एस. खंड द्वितीय-एफ़ उपग्रह की कक्षा में स्थिति का चित्रण जी.पी.एस उपग्रह समुदाय का पृथ्वी की कक्षा में घूर्णन करते हुए एक चलित आरेख। देखें, पृथ्वी की सतह पर किसी एक बिन्दु से दिखाई देने वाले उपग्रहों की संख्या कैसे समय के साथ बदलती रहती है। यहां यह ४५°उ. पर है। जीपीएस अथवा वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली (अंग्रेज़ी:ग्लोबल पोज़ीशनिंग सिस्टम), एक वैश्विक नौवहन उपग्रह प्रणाली है जिसका विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने किया है। २७ अप्रैल, १९९५ से इस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था। वर्तमान समय में जी.पी.एस का प्रयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है।। हिन्दुस्तान लाइव। १५ दिसम्बर २००९ इस प्रणाली के प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, सर्विलैंस और ट्रेकिंग करने तथा जियोकैचिंग के लिये भी होते हैं। पहले पहल उपग्रह नौवहन प्रणाली ट्रांजिट का प्रयोग अमेरिकी नौसेना ने १९६० में किया था। आरंभिक चरण में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग सेना के लिए किया जाता था, लेकिन बाद में इसका प्रयोग नागरिक कार्यो में भी होने लगा। जीपीएस रिसीवर अपनी स्थिति का आकलन, पृथ्वी से ऊपर स्थित किये गए जीपीएस उपग्रहों के समूह द्वारा भेजे जाने वाले संकेतों के आधार पर करता है। प्रत्येक उपग्रह लगातार संदेश रूपी संकेत प्रसारित करता रहता है। रिसीवर प्रत्येक संदेश का ट्रांजिट समय भी दर्ज करता है और प्रत्येक उपग्रह से दूरी की गणना करता है। शोध और अध्ययन उपरांत ज्ञात हुआ है कि रिसीवर बेहतर गणना के लिए चार उपग्रहों का प्रयोग करता है। इससे उपयोक्ता की त्रिआयामी स्थिति (अक्षांश, देशांतर रेखा और उन्नतांश) के बारे में पता चल जाता है। एक बार जीपीएस प्रणाली द्वारा स्थिति का ज्ञात होने के बाद, जीपीएस उपकरण द्वारा दूसरी जानकारियां जैसे कि गति, ट्रेक, ट्रिप, दूरी, जगह से दूरी, वहां के सूर्यास्त और सूर्योदय के समय के बारे में भी जानकारी एकत्र कर लेता है। वर्तमान में जीपीएस तीन प्रमुख क्षेत्रों से मिलकर बना हुआ है, स्पेस सेगमेंट, कंट्रोल सेगमेंट और यूजर सेगमेंट। . स्मार्ट फोन उन मोबाइल फोनों को कहते हैं जिनकी कम्प्युटिंग क्षमता तथा कनेक्टिविटी आधारभूत फोनों की तुलना में अधिक उन्नत होती है। आरम्भ में जो स्मार्टफोन आये उनमें प्रायः मोबाइल फोन की विशेषताओं के अलावा अन्य उपभोक्ता युक्तियों जैसे पीडीए, मिडिया प्लेयर, डिजिटल कैमरा, जीपीएस फोन आदि के गुण भी होते थे। बाद के स्मार्टफोनों में इन सभी विशेषताओं के अलावा टचस्क्रीन, वेब-ब्राउजिंग, वाई-फाई, अन्य पार्टियों के मोबाइल अनुप्रयोग (ऐप्स), गति-संसूचक (motion sensor), मोबाइल पेमेण्ट आदि भी उपलब्ध हैं। वर्तमान समय में लगभग 80% स्मार्टफोन गूगल के एंड्रॉइड तथा ऐपल के iOS मोबाइल प्रचालन तंत्रों पर आधारित हैं।.

वैश्विक स्थान-निर्धारण प्रणाली और स्मार्टफ़ोन के बीच समानता

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संदर्भ

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