विश्व हिन्दी सम्मेलन और शिवसागर रामगुलाम के बीच समानता
विश्व हिन्दी सम्मेलन और शिवसागर रामगुलाम आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पोर्ट लुई, मॉरिशस, हिन्दी, विश्व हिन्दी सचिवालय।
पोर्ट लुई
पोर्ट लुई मॉरीशस, की राजधानी है। हिन्द महासागर के तट पर स्थित यह मॉरीशस का सबसे बड़ा शहर और प्रमुख बंदरगाह है। यह यहाँ के पोर्ट लुई जिले मे स्थित है। २००३ की जनगणना के मुताबिक इसकी जनसंख्या 147688 है। इसकी स्थापना फ्रैंच गवर्नर माहे डी लेबरडोनेयर ने 1735 में की थी। मुख्य चौराहे से थोडी दूरी पर प्लेस डी आर्म्स में फ्रैंच शासन के समय की कुछ पुरानी इमारतें हैं। इसमें गवर्नर हाउस और म्यूनिसिपल थिएटर भी शामिल हैं जिनका निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। यहां पर दो चर्च और एक मस्जिद है। पोर्ट लुइस में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम भी है। इसके अलावा यहां पर मास्क संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय में अफ्रीका, अमेरिका, एशिया-ओशियाना क्षेत्र में रहने वाली जनजातियों से संबंधित मास्क प्रदर्शित किए गए हैं। .
पोर्ट लुई और विश्व हिन्दी सम्मेलन · पोर्ट लुई और शिवसागर रामगुलाम ·
मॉरिशस
मॉरीशस गणराज्य(अंग्रेज़ी: Republic of Mauritius, फ़्रांसीसी: République de Maurice), अफ्रीकी महाद्वीप के तट के दक्षिणपूर्व में लगभग 900 किलोमीटर की दूरी पर हिंद महासागर में और मेडागास्कर के पूर्व में स्थित एक द्वीपीय देश है। मॉरीशस द्वीप के अतिरिक्त इस गणराज्य मे, सेंट ब्रेंडन, रॉड्रीगज़ और अगालेगा द्वीप भी शामिल हैं। दक्षिणपश्चिम में 200 किलोमीटर पर स्थित फ्रांसीसी रीयूनियन द्वीप और 570 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित रॉड्रीगज़ द्वीप के साथ मॉरीशस मस्कारेने द्वीप समूह का हिस्सा है। मारीशस की संस्कृति, मिश्रित संस्कृति है, जिसका कारण पहले इसका फ्रांस के आधीन होना तथा बाद में ब्रिटिश स्वामित्व में आना है। मॉरीशस द्वीप विलुप्त हो चुके डोडो पक्षी के अंतिम और एकमात्र घर के रूप में भी विख्यात है। .
मॉरिशस और विश्व हिन्दी सम्मेलन · मॉरिशस और शिवसागर रामगुलाम ·
हिन्दी
हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .
विश्व हिन्दी सम्मेलन और हिन्दी · शिवसागर रामगुलाम और हिन्दी ·
विश्व हिन्दी सचिवालय
विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीसस के मोका गाँव में स्थित है। सचिवालय, ११ फरवरी २००८ से कार्यरत है। हिन्दी का एक अन्तर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में संवर्द्धन करने और विश्व हिन्दी सम्मेलनों के आयोजन को संस्थागत व्यवस्था प्रदान करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना का निर्णय लिया गया। इसकी संकल्पना 1975 में नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन के दौरान की गई जब मॉरीशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री सर शिवसागर रामगुलाम ने मॉरीशस में विश्व हिन्दी सचिवालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया। इस संकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए भारत और मॉरीशस की सरकारों के बीच 20 अगस्त 1999 को एक समझौता ज्ञापन सम्पन्न किया गया। 12 नवम्बर 2002 को मॉरीशस के मंत्रिमंडल द्वारा विश्व हिन्दी सचिवालय अधिनियम पारित किया गया और भारत सरकार तथा मॉरीशस की सरकार के बीच 21 नवम्बर 2001 को एक द्विपक्षीय करार सम्पन्न किया गया। विश्व हिन्दी सचिवालय ने 11 फरवरी 2008 से औपचारिक रूप से कार्य करना आरंभ कर दिया। .
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विश्व हिन्दी सम्मेलन और शिवसागर रामगुलाम के बीच तुलना
विश्व हिन्दी सम्मेलन 54 संबंध है और शिवसागर रामगुलाम 14 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 5.88% है = 4 / (54 + 14)।
संदर्भ
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