विभ्रांति और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा
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विभ्रांति और संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा के बीच अंतर
विभ्रांति vs. संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा
बिना किसी वाह्य उद्दीपन (stimulus) के ही एक मिथ्या प्रत्यक्षण (perception) होना विभ्रांति (Hallucination) कहलाता है। यह प्रत्यक्षण मिथ्या होने पर भी वास्तविक जैसा प्रतीत होता है। श्रेणी:मनोरोग. संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा (Cognitive behavioral therapy या CBT) मनोचिकित्सा की वह पद्धति है मनोरोगी के सोचने (संज्ञान) तथा उनके व्यवहार पर ध्यान केन्द्रित करती है। इस पद्धति की मान्यता है कि किसी परिस्थिति के बारे में हमारी सोच ही तय करती है कि उस परिस्थिति में हमे कैसा लगेगा और हम क्या आचरण करेंगे। दो लोग किसी एक ही घटना को दो बिलकुल अलग रूप में ले सकते हैं। अतः इस पद्धति में व्यक्ति के सोचने के तरीके या आचरण अथवा दोनो (सोच और आचरण) को बदलने पर बल दिया जाता है। यह मनोचिकित्सा पद्धति निम्नलिखित मनोरोगों में कारगर सिद्ध हुआ है-.
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संदर्भ
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