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वासुदेव बलवंत गोगटे और विनायक दामोदर सावरकर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

वासुदेव बलवंत गोगटे और विनायक दामोदर सावरकर के बीच अंतर

वासुदेव बलवंत गोगटे vs. विनायक दामोदर सावरकर

वासुदेव बलवंत गोगटे हिन्दू महासभा के सक्रिय कार्यकर्ता थे। इन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से कला स्नातक एवं विधि स्नातक किया था। उनके पुणे में फर्गुसन कॉलिज के अध्ययन के दौरान ही सरकार ने १९३१ में १६ निर्दोष नागरिकों को मात्र मार्शल लॉ का उल्लंघन करने के आरोप में फांसी पर लटका दिया था। इसके प्रतिशोधस्वरूप इन्होंने तत्कालीन गवर्नर, हॉटसन पर गोलीबारी कर उसकी हत्या का एक असफल प्रयास किया। इसके परिणामस्वरूप इन्हें सात वर्ष काकारावास मिला। ये १९३७ में रिहा हुए। उसके बाद विधि में स्नातक किया व वकालत करने लगे। १९४८ में गांधी हत्याकाण्ड के षडयंत्र के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया गया। ये पुणे नगरपालिका के सदस्य और बाद में अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए थे। बाद में ये महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे। इनके प्रयासों से ही वहां वासुदेव बलवंत फड़के का स्मारक निर्माण हुआ। २४ नवंबर, १९७४ में इनका देहान्त हो गया। . विनायक दामोदर सावरकर (जन्म: २८ मई १८८३ - मृत्यु: २६ फ़रवरी १९६६) भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे। उन्हें प्रायः स्वातंत्र्यवीर, वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढँग से लिपिबद्ध किया है। उन्होंने १८५७ के प्रथम स्वातंत्र्य समर का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।वे एक वकील, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक और नाटककार थे। उन्होंने परिवर्तित हिंदुओं के हिंदू धर्म को वापस लौटाने हेतु सतत प्रयास किये एवं आंदोलन चलाये। सावरकर ने भारत के एक सार के रूप में एक सामूहिक "हिंदू" पहचान बनाने के लिए हिंदुत्व का शब्द गढ़ा । उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद और सकारात्मकवाद, मानवतावाद और सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक नास्तिक और एक कट्टर तर्कसंगत व्यक्ति थे जो सभी धर्मों में रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे । .

वासुदेव बलवंत गोगटे और विनायक दामोदर सावरकर के बीच समानता

वासुदेव बलवंत गोगटे और विनायक दामोदर सावरकर आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पुणे, सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा, १९३१, १९३७, १९४८

पुणे

पुणे भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। यह शहर महाराष्ट्र के पश्चिम भाग, मुला व मूठा इन दो नदियों के किनारे बसा है और पुणे जिला का प्रशासकीय मुख्यालय है। पुणे भारत का छठवां सबसे बड़ा शहर व महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। सार्वजनिक सुखसुविधा व विकास के हिसाब से पुणे महाराष्ट्र मे मुंबई के बाद अग्रसर है। अनेक नामांकित शिक्षणसंस्थायें होने के कारण इस शहर को 'पूरब का ऑक्सफोर्ड' भी कहा जाता है। पुणे में अनेक प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाईल उपक्रम हैं, इसलिए पुणे भारत का ”डेट्राइट” जैसा लगता है। काफी प्राचीन ज्ञात इतिहास से पुणे शहर महाराष्ट्र की 'सांस्कृतिक राजधानी' माना जाता है। मराठी भाषा इस शहर की मुख्य भाषा है। पुणे शहर मे लगभग सभी विषयों के उच्च शिक्षण की सुविधा उपलब्ध है। पुणे विद्यापीठ, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, आयुका, आगरकर संशोधन संस्था, सी-डैक जैसी आंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान यहाँ है। पुणे फिल्म इन्स्टिट्युट भी काफी प्रसिद्ध है। पुणे महाराष्ट्र व भारत का एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है। टाटा मोटर्स, बजाज ऑटो, भारत फोर्ज जैसे उत्पादनक्षेत्र के अनेक बड़े उद्योग यहाँ है। 1990 के दशक मे इन्फोसिस, टाटा कंसल्टंसी सर्विसे, विप्रो, सिमैंटेक, आइ.बी.एम जैसे प्रसिद्ध सॉफ्टवेअर कंपनियों ने पुणे मे अपने केंन्द्र खोले और यह शहर भारत का एक प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी उद्योगकेंद्र के रूप मे विकसित हुआ। .

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सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ

सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ (पूराना नाम: पुणे विद्यापीठ) पुणे मे स्थित एक विश्वविद्यालय है, जो पुणे के उत्तरपश्चिम में स्थित है। यह भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है। इसकी स्थापना १० फरवरी, १९४९ को की गई थी। ४०० एकड़ (१.६ किमी²) में फैले इस विश्वविद्यालय मॅम ४६ शैक्षणिक विभाग हैं। .

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अखिल भारतीय हिन्दू महासभा

अखिल भारतीय हिन्दू महासभा का ध्वज अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनीतिक दल है। यह एक भारतीय राष्ट्रवादी संगठन है। इसकी स्थापना सन १९१५ में हुई थी। विनायक दामोदर सावरकर इसके अध्यक्ष रहे। केशव बलराम हेडगेवार इसके उपसभापति रहे तथा इसे छोड़कर सन १९२५ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। भारत के स्वतन्त्रता के उपरान्त जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इसके बहुत से कार्यकर्ता इसे छोड़कर भारतीय जनसंघ में भर्ती हो गये। .

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१९३१

1931 एक वर्ष है। .

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१९३७

१९३७ ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .

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१९४८

1948 ग्रेगोरी कैलंडर का एक अधिवर्ष है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

वासुदेव बलवंत गोगटे और विनायक दामोदर सावरकर के बीच तुलना

वासुदेव बलवंत गोगटे 8 संबंध है और विनायक दामोदर सावरकर 131 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 4.32% है = 6 / (8 + 131)।

संदर्भ

यह लेख वासुदेव बलवंत गोगटे और विनायक दामोदर सावरकर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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