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विद्युत धारा और हाल प्रभाव

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

विद्युत धारा और हाल प्रभाव के बीच अंतर

विद्युत धारा vs. हाल प्रभाव

आवेशों के प्रवाह की दिशा से धारा की दिशा निर्धारित होती है। विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। इसकी SI इकाई एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे। . जब किसी चालक में किसी दिशा में धारा प्रवाहित करते हुए धारा के लम्बवत दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र लगाते हैं एक विद्युतवाहक बल उत्पन्न होता है जो धारा एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों के लम्बवत होता है। इस प्रभाव को हाल प्रभाव (Hall effect) कहते हैं तथा उत्पन्न विभव को "हाल वोल्टेज" कहा जाता है। इस प्रभाव की खोज एड्विन हाल ने सन् 1879 में की थी। इस प्रभाव के कई उपयोग हैं जैसे- हाल सेंसर इसी प्रभाव पर आधारित है। .

विद्युत धारा और हाल प्रभाव के बीच समानता

विद्युत धारा और हाल प्रभाव आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चुम्बकीय क्षेत्र, मोटरगाड़ी चालन, विद्युत धारा

चुम्बकीय क्षेत्र

किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा '''I''', उस चालक के चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र '''B''' उत्पन्न करती है। चुंबकीय क्षेत्र विद्युत धाराओं और चुंबकीय सामग्री का चुंबकीय प्रभाव है। किसी भी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र दोनों, दिशा और परिमाण (या शक्ति) द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है; इसलिये यह एक सदिश क्षेत्र है। चुंबकीय क्षेत्र घूमते विद्युत आवेश और मूलकण के आंतरिक चुंबकीय क्षणों द्वारा उत्पादित होता हैं जो एक प्रमात्रा गुण के साथ जुड़ा होता है। 'चुम्बकीय क्षेत्र' शब्द का प्रयोग दो क्षेत्रों के लिये किया जाता है जिनका आपस में निकट सम्बन्ध है, किन्तु दोनों अलग-अलग हैं। इन दो क्षेत्रों को तथा, द्वारा निरूपित किया जाता है। की ईकाई अम्पीयर प्रति मीटर (संकेत: A·m−1 or A/m) है और की ईकाई टेस्ला (प्रतीक: T) है। चुम्बकीय क्षेत्र दो प्रकार से उत्पन्न (स्थापित) किया जा सकता है- (१) गतिमान आवेशों के द्वारा (अर्थात, विद्युत धारा के द्वारा) तथा (२) मूलभूत कणों में निहित चुम्बकीय आघूर्ण के द्वारा विशिष्ट आपेक्षिकता में, विद्युत क्षेत्र और चुम्बकीय क्षेत्र, एक ही वस्तु के दो पक्ष हैं जो परस्पर सम्बन्धित होते हैं। चुम्बकीय क्षेत्र दो रूपों में देखने को मिलता है, (१) स्थायी चुम्बकों द्वारा लोहा, कोबाल्ट आदि से निर्मित वस्तुओं पर लगने वाला बल, तथा (२) मोटर आदि में उत्पन्न बलाघूर्ण जिससे मोटर घूमती है। आधुनिक प्रौद्योगिकी में चुम्बकीय क्षेत्रों का बहुतायत में उपयोग होता है (विशेषतः वैद्युत इंजीनियरी तथा विद्युतचुम्बकत्व में)। धरती का चुम्बकीय क्षेत्र, चुम्बकीय सुई के माध्यम से दिशा ज्ञान कराने में उपयोगी है। विद्युत मोटर और विद्युत जनित्र में चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग होता है। .

चुम्बकीय क्षेत्र और विद्युत धारा · चुम्बकीय क्षेत्र और हाल प्रभाव · और देखें »

मोटरगाड़ी चालन

चलती कारें मोटरगाड़ी चालन (Driving) से तात्पर्य जमीन पर चलने वाली किसी गाड़ी (जैसे कार, बस, ट्रक, बाइल, स्कूटर आदि) को नियंत्रित ढंग से चलाना। .

मोटरगाड़ी चालन और विद्युत धारा · मोटरगाड़ी चालन और हाल प्रभाव · और देखें »

विद्युत धारा

आवेशों के प्रवाह की दिशा से धारा की दिशा निर्धारित होती है। विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। इसकी SI इकाई एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

विद्युत धारा और हाल प्रभाव के बीच तुलना

विद्युत धारा 28 संबंध है और हाल प्रभाव 4 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 9.38% है = 3 / (28 + 4)।

संदर्भ

यह लेख विद्युत धारा और हाल प्रभाव के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: