लोकतंत्र और सामाजिक लोकतंत्र
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लोकतंत्र और सामाजिक लोकतंत्र के बीच अंतर
लोकतंत्र vs. सामाजिक लोकतंत्र
लोकतंत्र (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन") या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता अपना शासक खुद चुनती है। यह शब्द लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किंतु लोकतंत्र का सिद्धांत दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतंत्र भिन्न भिन्न सिद्धांतों के मिश्रण से बनते हैं, पर मतदान को लोकतंत्र के अधिकांश प्रकारों का चरित्रगत लक्षण माना जाता है। . सामाजिक लोकतंत्र एक राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विचारधारा हैं, जो पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के ढाँचे में सामाजिक न्याय के लिए, और सामूहिक सौदाकारी के इंतजाम वाली एक नीति व्यवस्था के लिए, प्रतिनिधिक लोकतंत्र, आय पुनर्वितरण के उपाय, सामान्य हित हेतु अर्थव्यवस्था का विनियमन व कल्याण राज्य के प्रावधानों संबंधी प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए, आर्थिक और सामाजिक हस्तक्षेपों का समर्थन करती हैं। .
लोकतंत्र और सामाजिक लोकतंत्र के बीच समानता
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संदर्भ
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