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लग्रांज बिन्दु और सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

लग्रांज बिन्दु और सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो) के बीच अंतर

लग्रांज बिन्दु vs. सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो)

The five Lagrangian points (marked in green) at two objects orbiting each other (here a yellow sun and blue earth) कल्पना किजिए यदि सूर्य के केंद्र से शुरू कर पृथ्वी के केंद्र तक एक सीधी सरल रेखा खींच दी जाए और इस सरल रेखा के ठीक बीच में किसी वस्तु को रख दिया जाए तो क्या होगा ? स्वाभाविक है सूर्य का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल जो कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल से कही अधिक है, इस वस्तु को अपनी ओर खींच लेगा | अब यदि सरल रेखा के बीच रखी इस वस्तु को धीरे धीरे पृथ्वी की ओर ले जाया जाए, तो क्या होगा ? जैसे जैसे यह वस्तु पृथ्वी के करीब होती चली जायेगी इस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का प्रभाव बढ़ता जाएगा और सूर्य का प्रभाव उसी अनुपात में घटता जाएगा और एक स्थिति ऐसी आएगी जब इस वस्तु पर सूर्य और पृथ्वी दोनों का प्रभाव बराबर हो जाएगा अर्थात इस स्थिति में इस वस्तु को ना तो सूर्य अपनी ओर खींच पायेगा और ना ही पृथ्वी इसे अपनी ओर खींच सकेगी, बल्कि वस्तु अधर में लटकी रहेगी | अतः ऐसे संतुलन बिंदु जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वीय बल बराबर होते है लग्रांज बिन्दु कहलाते हैं। यह तो एक उदाहरण है किन्तु वास्तव में सूर्य और पृथ्वी के बीच केवल गुरुत्वीय बलों की खीचतान नहीं होती, बल्कि इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे बल है जो अपना प्रभाव डालते है, जैसे कि पृथ्वी के घूर्णन गति से उत्पन्न बल और पृथ्वी के कक्षीय गति से उत्पन्न केंद्रीय अपसारी बल | इन सभी बलों के आपसी खींचतान के फलस्वरूप सूर्य और पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र में पांच संतुलन बिंदु या लग्रांज बिंदु बनते है जिसे क्रमशः L1, L2, L3, L4 और L5 चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है। श्रेणी:भौतिकी en:Lagrangian point. सूर्य के नज़दीक सोहो का चित्रसौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो) (Solar and Heliospheric Observatory (SOHO)) यूरोप के एक औद्योगिक अल्पकालीन संघटन ऐस्ट्रियम द्वारा निर्मित एक अंतरिक्ष यान है। इस वेधशाला को लॉकहीड मार्टिन एटलस २ एएस रॉकेट द्वारा २ दिसम्बर १९९५ को अंतरिक्ष में भेजा गया। इस प्रयोगशाला का लक्ष्य सूर्य और सौरचक्रीय परिवेश का अध्ययन करना और क्षुद्रग्रहों की उपस्थिति संबंधित आँकड़े उपलब्ध कराना है। सोहो द्वारा अब तक कुल २३00 से अधिक क्षुद्रग्रहों का पता लगाया जा चुका है। सोहो, अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबद्ध, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और नासा की संयुक्त परियोजना है। हालांकि सोहो मूल रूप से द्विवर्षीय परियोजना थी, लेकिन अंतरिक्ष में १५ वर्षों से अधिक समय से यह कार्यरत है। २00९ में इस परियोजना का विस्तार दिसंबर २0१२ तक मंज़ूर कर लिया गया है।.

लग्रांज बिन्दु और सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो) के बीच समानता

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लग्रांज बिन्दु और सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो) के बीच तुलना

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संदर्भ

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