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रेडियो और विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

रेडियो और विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण के बीच अंतर

रेडियो vs. विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण

कुछ पुराने रेडियो (रिसिवर) 24 दिसम्बर 1906 की शाम कनाडाई वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडेन ने जब अपना वॉयलिन बजाया और अटलांटिक महासागर में तैर रहे तमाम जहाजों के रेडियो ऑपरेटरों ने उस संगीत को अपने रेडियो सेट पर सुना, वह दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत थी। इससे पहले जगदीश चन्द्र बसु ने भारत में तथा गुल्येल्मो मार्कोनी ने सन 1900 में इंग्लैंड से अमरीका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश भेजने की शुरुआत कर दी थी, पर एक से अधिक व्यक्तियों को एक साथ संदेश भेजने या ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत 1906 में फेसेंडेन के साथ हुई। ली द फोरेस्ट और चार्ल्स हेरॉल्ड जैसे लोगों ने इसके बाद रेडियो प्रसारण के प्रयोग करने शुरु किए। तब तक रेडियो का प्रयोग सिर्फ नौसेना तक ही सीमित था। 1917 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद किसी भी गैर फौज़ी के लिये रेडियो का प्रयोग निषिद्ध कर दिया गया। . किसी चालक को किसी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उस चालक के सिरों के बीच विद्युतवाहक बल उत्पन्न होने को विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic induction) कहते हैं। उत्पन्न विद्युत्वाहक बल का मान गणितीय रूप से फैराडे का प्रेरण का नियम द्वारा द्वारा दिया जाता है। प्रायः माना जाता है कि फैराडे ने ही 1831 में विद्युत्चुम्बकीय प्रेरण की खोज की थी। जहाँ: श्रेणी:विद्युत.

रेडियो और विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण के बीच समानता

रेडियो और विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

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रेडियो और विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण के बीच तुलना

रेडियो 30 संबंध है और विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (30 + 3)।

संदर्भ

यह लेख रेडियो और विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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