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रूसो और सरकार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

रूसो और सरकार के बीच अंतर

रूसो vs. सरकार

महान दार्शनिक '''रूसो''' जीन-जक्क़ुएस रूसो (1712 - 78) की गणना पश्चिम के युगप्रवर्तक विचारकों में है। किंतु अंतर्विरोध तथा विरोधाभासों से पूर्ण होने के कारण उसके दर्शन का स्वरूप विवादास्पद रहा है। अपने युग की उपज होते हुए भी उसने तत्कालीन मान्यताओं का विरोध किया, बद्धिवाद के युग में उसने बुद्धि की निंदा की (विश्वकोश के प्रणेताओं (Encyclopaedists) से उसका विरोध इस बात पर था) और सहज मानवीय भावनाओं को अत्यधिक महत्व दिया। सामाजिक प्रसंविदा (सोशल कंट्रैक्ट) की शब्दावली का अवलंबन करते हुए भी उसने इस सिद्धांत की अंतरात्मा में सर्वथा नवीन अर्थ का सन्निवेश किया। सामाजिक बंधन तथा राजनीतिक दासता की कटु आलोचना करते हुए भी उसने राज्य को नैतिकता के लिए अनिवार्य बताया। आर्थिक असमानता और व्यक्तिगत संपत्ति को अवांछनीय मानते हुए भी रूसो साम्यवादी नहीं था। घोर व्यक्तिवाद से प्रारंभ होकर उसे दर्शन की परिणति समष्टिवाद में होती है। स्वतंत्रता और जनतंत्र का पुजारी होते हुए भी वह राबेसपीयर जैसे निरंकुशतावादियों का आदर्श बन जाता है। . सरकार कुछ निश्चित व्यक्तियों का समूह होती है जो राष्ट्र तथा राज्यों में निश्चित काल के लिए तथा निश्चित पद्धति द्वारा शासन करता है। प्रायः इसके तीन अंग होते हैं - व्यवस्थापिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका। सरकार के माध्यम से राज्य में राजशासन नीति लागू होती है। सरकार के तंत्र का अभिप्राय उस राजनितिक व्यवस्था से होता है जिसके द्वारा राज्य की सरकार को जाना जाता है। राज्य निरन्तर बदलती हुयी सरकारों द्वारा प्रशासित होते हैं। हर नई सरकार कुछ व्यक्तियों का समूह होती है जो राजनितिक फ़ैसले लेती है या उनपर नियन्त्रण रखती है। सरकार का कार्य नए कानून बनाना, पुराने कानूनों को लागू रखना तथा झगड़ों में मध्यस्थता करना होता है। कुछ समाजों में यह समूह आत्म-मनोनीत या वंशानुगत होता है। बाकी समाजों में, जैसे लोकतंत्र, राजनितिक भूमिका का निर्वाह निरन्तर बदलते हुये व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। संसदीय पद्धति में सरकार का अभिप्राय राष्ट्रपतीय पद्धति के अधिशासी शाखा से होता है। इस पद्धति में राष्ट्र में प्रधान मन्त्री एवं मन्त्री परीषद् तथा राज्य में मुख्य मन्त्री एवं मन्त्री परीषद् होते हैं। पाश्चात् देशों में सरकार और तंत्र में साफ़ अन्तर है। जनता द्वारा सरकार का दोबारा चयन न करना इस बात को नहीं दर्शाता है कि जनता अपने राज्य के तंत्र से नाख़ुश है। लेकिन कुछ पूर्णवादी शासन पद्धतियों में यह भेद इतना साफ़ नहीं है। इसका कारण यह है कि वहाँ के शासक अपने फ़ायदे के लिये यह लकीर मिटा देते हैं। .

रूसो और सरकार के बीच समानता

रूसो और सरकार आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): लोकतंत्र

लोकतंत्र

लोकतंत्र (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन") या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था है जिसमें जनता अपना शासक खुद चुनती है। यह शब्द लोकतांत्रिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किंतु लोकतंत्र का सिद्धांत दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतंत्र भिन्न भिन्न सिद्धांतों के मिश्रण से बनते हैं, पर मतदान को लोकतंत्र के अधिकांश प्रकारों का चरित्रगत लक्षण माना जाता है। .

रूसो और लोकतंत्र · लोकतंत्र और सरकार · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

रूसो और सरकार के बीच तुलना

रूसो 9 संबंध है और सरकार 8 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.88% है = 1 / (9 + 8)।

संदर्भ

यह लेख रूसो और सरकार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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