रूपक अलंकार और रोग
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रूपक अलंकार और रोग के बीच अंतर
रूपक अलंकार vs. रोग
रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात् उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है। इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं। उदाहरण- चरन कमल बन्दउँ हरिराई; अन्य अर्थ व्युत्पत्ति: जिसका कोई रूप हो। रूप से युक्त। रूपी। . पहले मोटापा को 'बड़प्पन' का सूचक माना जाता था। आजकल प्राय: इसे रोग माना जाता है। रोग अर्थात अस्वस्थ होना। यह चिकित्साविज्ञान का मूलभूत संकल्पना है। प्रायः शरीर के पूर्णरूपेण कार्य करने में में किसी प्रकार की कमी होना 'रोग' कहलाता है। किन्तु रोग की परिभाषा करना उतना ही कठिन है जितना 'स्वास्थ्य' को परिभाषित करना। .
रूपक अलंकार और रोग के बीच समानता
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रूपक अलंकार और रोग के बीच तुलना
रूपक अलंकार 5 संबंध है और रोग 6 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (5 + 6)।
संदर्भ
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