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रानी मौड धरती और राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

रानी मौड धरती और राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र के बीच अंतर

रानी मौड धरती vs. राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र

रानी मौड धरती (Queen Maud Land) पूर्वी अंटार्कटिका का एक भाग है। यह कोट्स धरती से पूर्व में और एन्डर्बी धरती से पश्चिम में स्थित है। अंटार्कटिका में साधारणतया क्षेत्र दक्षिणी ध्रुव से दो रेखांशों (लोंगीट्यूडों) के बीच परिभाषित किये जाते हैं। रानी मौड धरती २०° पश्चिम और ४५° पूर्व के रेखांशों के बीच का इलाक़ा है। नॉर्वे यहाँ पर अपनी सम्प्रभुता बताता हैं, लेकिन न तो उसे विश्व के अन्य देश स्वीकारते हैं और न ही इसे अंटार्कटिक संधि में मान्यता दी गई है। रानी मौड धरती का क्षेत्रफल २७ लाख वर्ग किमी है। तुलना के लिये भारत का कुल क्षेत्रफल ३२ लाख से ज़रा अधिक है। . राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (National Centre for Antarctic & Ocean Research / एनसीएओआर) भारतीय ध्रुवीय (आर्कटिक, अंटार्कटिक और दक्षिणी महासागर) कार्यक्रम को समन्वित करने और लागू करने वाली केंद्रीय एजेंसी है। भारत में यह एकमात्र ऐसा संस्थान है जिसके पास ध्रुवीय प्रदेशों से हिमखंड के संग्रहण और प्रसंस्करण की क्षमता है। अब तक भारत सफलतापूर्वक अंटार्कटिका के लिए 30 वैज्ञानिक अभियानों और आर्कटिक तथा दक्षिणी महासागर प्रत्येक के लिए पांच अभियानों को प्रारंभ कर चुका है। एनसीएओआर की स्थापना २५ मई, १९९८ में डॉ॰ प्रेम चंद पाण्डेय के निदेशक पद पर बने रहते हुए हुई थी जबकि पूर्व में इसे अंटार्कटिक अध्ययन केंद्र के नाम से जाना जाता था जिसकी नीव डॉ॰ प्रेम चंद पाण्डेय की नियुक्ति के साथ १२ मई, १९९७ पडी और इस प्रकार इसका अस्तित्व १२ मई, १९९७ से माना जा सकता है। वर्ष 2010-11 में, एनसीएओआर ने दक्षिण ध्रुव के लिए सर्वप्रथम भारतीय अभियान की शुरुआत की। अंटार्कटिका में 'मैत्री' के अलावा भारत के पास अब आर्कटिक में अनुसंधान बेस 'हिमाद्रि' है। पूर्वी अंटार्कटिका में नवीन अनुसंधान बेस 'भारती' के निर्माण का प्रथम चरण पूरा हो चुका है और संभावना है कि 2012-13 में स्टेशन को अधिकृत कर दिया जाएगा। बर्फ तोड़ने वाले एक नए ध्रुवीय अनुसंधान पोत के अधिग्रहण की प्रक्रिया उन्नत चरण में है। .

रानी मौड धरती और राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र के बीच समानता

रानी मौड धरती और राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारत, अंटार्कटिका

भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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अंटार्कटिका

अंटार्कटिका अंतरिक्ष से अंटार्कटिका का दृश्य। 230px लाम्बर्ट अजिमुथाल प्रोजेक्शन पर आधारित मानचित्र।दक्षिणी ध्रुव मध्य में है। अंटार्कटिका (या अन्टार्टिका) पृथ्वी का दक्षिणतम महाद्वीप है, जिसमें दक्षिणी ध्रुव अंतर्निहित है। यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र और लगभग पूरी तरह से अंटार्कटिक वृत के दक्षिण में स्थित है। यह चारों ओर से दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है। अपने 140 लाख वर्ग किलोमीटर (54 लाख वर्ग मील) क्षेत्रफल के साथ यह, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के बाद, पृथ्वी का पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप है, अंटार्कटिका का 98% भाग औसतन 1.6 किलोमीटर मोटी बर्फ से आच्छादित है। औसत रूप से अंटार्कटिका, विश्व का सबसे ठंडा, शुष्क और तेज हवाओं वाला महाद्वीप है और सभी महाद्वीपों की तुलना में इसका औसत उन्नयन सर्वाधिक है। अंटार्कटिका को एक रेगिस्तान माना जाता है, क्योंकि यहाँ का वार्षिक वर्षण केवल 200 मिमी (8 इंच) है और उसमे भी ज्यादातर तटीय क्षेत्रों में ही होता है। यहाँ का कोई स्थायी निवासी नहीं है लेकिन साल भर लगभग 1,000 से 5,000 लोग विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों जो कि पूरे महाद्वीप पर फैले हैं, पर उपस्थित रहते हैं। यहाँ सिर्फ शीतानुकूलित पौधे और जीव ही जीवित, रह सकते हैं, जिनमें पेंगुइन, सील, निमेटोड, टार्डीग्रेड, पिस्सू, विभिन्न प्रकार के शैवाल और सूक्ष्मजीव के अलावा टुंड्रा वनस्पति भी शामिल hai हालांकि पूरे यूरोप में टेरा ऑस्ट्रेलिस (दक्षिणी भूमि) के बारे में विभिन्न मिथक और अटकलें सदियों से प्रचलित थे पर इस भूमि से पूरे विश्व का 1820 में परिचय कराने का श्रेय रूसी अभियान कर्ता मिखाइल पेट्रोविच लाज़ारेव और फैबियन गॉटलिएब वॉन बेलिंगशौसेन को जाता है। यह महाद्वीप अपनी विषम जलवायु परिस्थितियों, संसाधनों की कमी और मुख्य भूमियों से अलगाव के चलते 19 वीं शताब्दी में कमोबेश उपेक्षित रहा। महाद्वीप के लिए अंटार्कटिका नाम का पहले पहल औपचारिक प्रयोग 1890 में स्कॉटिश नक्शानवीस जॉन जॉर्ज बार्थोलोम्यू ने किया था। अंटार्कटिका नाम यूनानी यौगिक शब्द ανταρκτική एंटार्कटिके से आता है जो ανταρκτικός एंटार्कटिकोस का स्त्रीलिंग रूप है और जिसका अर्थ "उत्तर का विपरीत" है।" 1959 में बारह देशों ने अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए, आज तक छियालीस देशों ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। संधि महाद्वीप पर सैन्य और खनिज खनन गतिविधियों को प्रतिबन्धित करने के साथ वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करती है और इस महाद्वीप के पारिस्थितिक क्षेत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। विभिन्न अनुसंधान उद्देश्यों के साथ वर्तमान में कई देशों के लगभग 4,000 से अधिक वैज्ञानिक विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं। .

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रानी मौड धरती और राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र के बीच तुलना

रानी मौड धरती 10 संबंध है और राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र 9 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 10.53% है = 2 / (10 + 9)।

संदर्भ

यह लेख रानी मौड धरती और राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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