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राणा और राणा हम्मीर सिंह

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

राणा और राणा हम्मीर सिंह के बीच अंतर

राणा vs. राणा हम्मीर सिंह

राणा एक ऐतिहासिक शीर्षक है जिसका चलन प्राचीन समय में था। पुराने समय में ज्यादातर मेवाड़ के शासक इस शीर्षक को अपने नाम के आगे लगाते हैं। सबसे पहले राणा राणा हम्मीर सिंह थे जिन्होंने इस ऐतिहासिक शीर्षक को अपने नाम के आगे रखा था। जबकि रानी शीर्षक का प्रयोग राणा की पत्नियों के लिए किया जाता था। . राणा हम्मीर (1314–78), या हम्मीरा जो १४वीं शताब्दी में भारत के राजस्थान के मेवाड़ के एक योद्धा या एक शासक थे। १३वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत ने गुहिलों को मेवाड़ से सत्तारूढ़ कर दिया था। हम्मीर जो की कबिले के सबसे गरीब कैडेट थे उन्होंने काफी प्रयास करके फिर से राजवंश को बसाया और साथ ही पहले शाही राणा भी बन गए थे। हम्मीर इनके अलावा सिसोदिया राजवंश जो कि गुहिलों की ही एक शाखा है के प्रजनक भी बन गए थे,इसके बाद सभी महाराणा सिसोदिया राजवंश के ही रहे। इन्होंने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले में स्थित चित्तौड़गढ़ में अन्नपूर्णा माता के मन्दिर का निर्माण भी करवाया था। .

राणा और राणा हम्मीर सिंह के बीच समानता

राणा और राणा हम्मीर सिंह आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): मेवाड़

मेवाड़

राजस्थान के अन्तर्गत मेवाड़ की स्थिति मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' के नाम से भी जाना जाता था। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, तथा चित्तौडगढ़ जिले थे। सैकड़ों सालों तक यहाँ रापपूतों का शासन रहा और इस पर गहलौत तथा सिसोदिया राजाओं ने १२०० साल तक राज किया। बाद में यह अंग्रेज़ों द्वारा शासित राज बना। १५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी चित्तौड़। राणा प्रताप सिंह यहीं का राजा था। अकबर की भारत विजय में केवल मेवाड़ का राणा प्रताप बाधक बना रहा। अकबर ने सन् 1576 से 1586 तक पूरी शक्ति के साथ मेवाड़ पर कई आक्रमण किए, पर उसका राणा प्रताप को अधीन करने का मनोरथ सिद्ध नहीं हुआ स्वयं अकबर, प्रताप की देश-भक्ति और दिलेरी से इतना प्रभावित हुआ कि प्रताप के मरने पर उसकी आँखों में आंसू भर आये। उसने स्वीकार किया कि विजय निश्चय ही राणा की हुई। यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रताप जैसे महान देशप्रेमियों के जीवन से ही प्रेरणा प्राप्त कर अनेक देशभक्त हँसते-हँसते बलिवेदी पर चढ़ गए। महाराणा प्रताप की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारी अमर सिंह ने मुगल सम्राट जहांगीर से संधि कर ली। उसने अपने पाटवी पुत्र को मुगल दरबार में भेजना स्वीकार कर लिया। इस प्रकार १०० वर्ष बाद मेवाड़ की स्वतंत्रता का भी अन्त हुआ। .

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राणा और राणा हम्मीर सिंह के बीच तुलना

राणा 2 संबंध है और राणा हम्मीर सिंह 9 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 9.09% है = 1 / (2 + 9)।

संदर्भ

यह लेख राणा और राणा हम्मीर सिंह के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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