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राजस्थान में जौहर और साके और रानी कर्णवती

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

राजस्थान में जौहर और साके और रानी कर्णवती के बीच अंतर

राजस्थान में जौहर और साके vs. रानी कर्णवती

जौहर का एक काल्पनिक दृश्य प्राचीन काल में राजस्थान में बहुत बार साके और कई बार जौहर हुए हैं। जौहर पुराने समय में भारत में राजपूत स्त्रियों द्वारा की Kaushik Roy (2012), Hinduism and the Ethics of Warfare in South Asia: From Antiquity to the Present, Cambridge University Press, ISBN-978-1107017368, pages 182-184जाने वाली क्रिया थी। जब युद्ध में हार निश्चित हो जाती थी तो पुरुष मृत्युपर्यन्त युद्ध हेतु तैयार होकर वीरगति प्राप्त करने निकल जाते थे तथा स्त्रियाँ जौहर कर लेती थीं अर्थात जौहर कुंड में आग लगाकर खुद भी उसमें कूद जाती थी। जौहर कर लेने का कारण युद्ध में हार होने पर शत्रु राजा द्वारा हरण किये जाने का भय होता था। . रानी कर्णावती या कर्मवती (मृत्यु 8 मार्च 1535), राणा सांगा की पत्नी थीं जो अल्प काल के लिये बूँदी की शासिका भी रहीं। वे राणा विक्रमादित्य और राणा उदय सिंह की माँ थीं और महाराणा प्रताप की दादी थीं। .

राजस्थान में जौहर और साके और रानी कर्णवती के बीच समानता

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संदर्भ

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