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राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक और विन्सटन चर्चिल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक और विन्सटन चर्चिल के बीच अंतर

राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक vs. विन्सटन चर्चिल

राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्घ के ड्यूक, (Prince Philip, Duke of Edinburgh) (जन्म से ग्रीस और डेनमार्क के राजकुमार फ़िलिप १० जून १९२१़ को) यूनाइटेड किंगडम की महरानी एलिज़ाबेथ द्वितीय के पति हैं। वह किसी ब्रिटिश शासक के शासनकाल में सर्वाधिक समय तक पटराजा रहे हैं। साथ ही वो ब्रिटिश राज परिवार के सबसे वृद्ध पुरुष सदस्य भी हैं। ग्लुक्सबर्ग राजघराने के सदस्य फिलिप का जन्म यूनानी और डैनिश राज परिवारों में हुआ था। उनका जन्म यूनान (ग्रीस) में हुआ था लिक्न बाल्यावस्था के दौरान ही उनके परिवार को देश से निष्कासित कर दिया गया। फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड किंगडम से शिक्षा प्राप्त करने के बाद वो १८ वर्ष की उम्र में सन् १९३९ में ब्रिटिश शाही नौसेना में शमिल हो गये। १९३४ में पहली बार मिलने के बाद जुलाई १९३४ से ही उन्होंने अपनी १३ वर्षीय दूर की रिश्तेदार राजकुमारी एलिज़ाबेथ (कालांतर में महारानी एलिज़ाबेथ) से पत्राचार शुरु कर दिया था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने नौसेना की भूमघ्य और प्रशांत टुकड़ियों में अपनी सेवाएँ दीं थीं। युद्धोपरांत, जॉर्ज षष्टम ने फिलिप को अपनी बेटी एलिज़ाबेथ से विवाह की अनुमती दे दी। उनकी सगाई के आधिकारिक घोषणा से पूर्व ही उन्हें अपने यूनानी और डैनिश शाही पदवियाँ त्यागनी पड़ी और पूर्ण रूप से सामान्य ब्रिटिश नागरिक बनना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपने ननिहाल का माउंटबेटेन उपनाम रख लिया। सगाई के पाँच महीनों के बाद उन्होंने २० नवंबर १९४७ को एलिज़ाबेथ से शादी कर ली। शादी से पहले महाराजा जॉर्ज षष्टम ने उन्हें ब्रिटिश शाही पदवियों और अलंकरणों से सम्मानित किया। उन्हें पुकारने की शैली "हिज़ रोयल हाइनेस" और एडिनबर्घ के ड्यूक की उपाधि दी गई। 1952 में एलिज़ाबेथ के महारानी बनने पर फिलिप ने कमांडर के पद पर पहुंच जाने के बाद सक्रिय सैन्य सेवा छोड़ दी। उनकी पत्नी ने उन्हें सन् १९५७ में ब्रिटिश राजकुमार बना दिया। एलिज़ाबेथ और फिलिप के चार बच्चे हैं: चार्ल्स, वेल्स के राजकुमार, ऐन, शाही राजकुमारी, राजकुमार ऐंड्र्यु, यॉर्क के ड्यूक और राजकुमार एडवर्ड, वेसेक्स के अर्ल। उनके आठ पोते और पाँच पड़पोते हैं। . विन्सटन चर्चिल विन्सटन चर्चिल(30 नवंबर, 1874-24 जनवरी, 1965) अंग्रेज राजनीतिज्ञ। द्वितीय विश्वयुद्ध, 1940-1945 के समय इंगलैंड के प्रधानमंत्री था। चर्चिल प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ और प्रखर वक्ता था। वो सेना में अधिकारी रह चुका था, साथ ही वह इतिहासकार, लेखक और कलाकार भी था। वह एकमात्र प्रधानमंत्री था जिसे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अपने आर्मी कैरियर के दौरान चर्चिल भारत, सूडान और द्वितीय विश्वयुद्ध में अपना जौहर दिखाया था। उसने युद्ध संवाददाता के रूप में ख्याति पाई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उसने ब्रिटिश सेना में अहम जिम्मेदारी संभाली थी। राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने कई पदों पर कार्य किया। विश्वयुद्ध से पहले वे गृहमंत्रालय में व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष रहे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वे लॉर्ड ऑफ एडमिरिल्टी बने रहे। युद्ध के बाद उन्हें शस्त्र भंडार का मंत्री बनाया गया। 10 मई 1940 को उन्हें युनाइटेड किंगडम का प्रधानमंत्री बनाया गया और उन्होंने धूरी राष्ट्रों के खिलाफ लड़ाई जीती। चर्चिल प्रखर वक्ता थे। .

राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक और विन्सटन चर्चिल के बीच समानता

राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक और विन्सटन चर्चिल आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध

द्वितीय विश्वयुद्ध १९३९ से १९४५ तक चलने वाला विश्व-स्तरीय युद्ध था। लगभग ७० देशों की थल-जल-वायु सेनाएँ इस युद्ध में सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ था - मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध के दौरान पूर्ण युद्ध का मनोभाव प्रचलन में आया क्योंकि इस युद्ध में लिप्त सारी महाशक्तियों ने अपनी आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक क्षमता इस युद्ध में झोंक दी थी। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के लगभग १० करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में ५ से ७ करोड़ व्यक्तियों की जानें गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार- जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था। हालांकि जापान चीन से सन् १९३७ ई. से युद्ध की अवस्था में था किन्तु अमूमन दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत ०१ सितम्बर १९३९ में जानी जाती है जब जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोला और उसके बाद जब फ्रांस ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा कर दी तथा इंग्लैंड और अन्य राष्ट्रमंडल देशों ने भी इसका अनुमोदन किया। जर्मनी ने १९३९ में यूरोप में एक बड़ा साम्राज्य बनाने के उद्देश्य से पोलैंड पर हमला बोल दिया। १९३९ के अंत से १९४१ की शुरुआत तक, अभियान तथा संधि की एक शृंखला में जर्मनी ने महाद्वीपीय यूरोप का बड़ा भाग या तो अपने अधीन कर लिया था या उसे जीत लिया था। नाट्सी-सोवियत समझौते के तहत सोवियत रूस अपने छः पड़ोसी मुल्कों, जिसमें पोलैंड भी शामिल था, पर क़ाबिज़ हो गया। फ़्रांस की हार के बाद युनाइटेड किंगडम और अन्य राष्ट्रमंडल देश ही धुरी राष्ट्रों से संघर्ष कर रहे थे, जिसमें उत्तरी अफ़्रीका की लड़ाइयाँ तथा लम्बी चली अटलांटिक की लड़ाई शामिल थे। जून १९४१ में युरोपीय धुरी राष्ट्रों ने सोवियत संघ पर हमला बोल दिया और इसने मानव इतिहास में ज़मीनी युद्ध के सबसे बड़े रणक्षेत्र को जन्म दिया। दिसंबर १९४१ को जापानी साम्राज्य भी धुरी राष्ट्रों की तरफ़ से इस युद्ध में कूद गया। दरअसल जापान का उद्देश्य पूर्वी एशिया तथा इंडोचायना में अपना प्रभुत्व स्थापित करने का था। उसने प्रशान्त महासागर में युरोपीय देशों के आधिपत्य वाले क्षेत्रों तथा संयुक्त राज्य अमेरीका के पर्ल हार्बर पर हमला बोल दिया और जल्द ही पश्चिमी प्रशान्त पर क़ब्ज़ा बना लिया। सन् १९४२ में आगे बढ़ती धुरी सेना पर लगाम तब लगी जब पहले तो जापान सिलसिलेवार कई नौसैनिक झड़पें हारा, युरोपीय धुरी ताकतें उत्तरी अफ़्रीका में हारीं और निर्णायक मोड़ तब आया जब उनको स्तालिनग्राड में हार का मुँह देखना पड़ा। सन् १९४३ में जर्मनी पूर्वी युरोप में कई झड़पें हारा, इटली में मित्र राष्ट्रों ने आक्रमण बोल दिया तथा अमेरिका ने प्रशान्त महासागर में जीत दर्ज करनी शुरु कर दी जिसके कारणवश धुरी राष्ट्रों को सारे मोर्चों पर सामरिक दृश्टि से पीछे हटने की रणनीति अपनाने को मजबूर होना पड़ा। सन् १९४४ में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल दिया। सन् १९४५ के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त ८ मई १९४५ को तब हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। सन् १९४४ और १९४५ के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में दो परमाणु बम गिरा दिये। १५ अगस्त १९४५ को एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया। .

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राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक और विन्सटन चर्चिल के बीच तुलना

राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक 8 संबंध है और विन्सटन चर्चिल 15 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 4.35% है = 1 / (8 + 15)।

संदर्भ

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