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रसायन विज्ञान और रसायन विज्ञान का इतिहास

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

रसायन विज्ञान और रसायन विज्ञान का इतिहास के बीच अंतर

रसायन विज्ञान vs. रसायन विज्ञान का इतिहास

300pxरसायनशास्त्र विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक विन्यास रस+अयन है जिसका शाब्दिक अर्थ रसों (द्रवों) का अध्ययन है। यह एक भौतिक विज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं, अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या प्रयुक्त हुए ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है। संक्षेप में रसायन विज्ञान रासायनिक पदार्थों का वैज्ञानिक अध्ययन है। पदार्थों का संघटन परमाणु या उप-परमाण्विक कणों जैसे इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से हुआ है। रसायन विज्ञान को केंद्रीय विज्ञान या आधारभूत विज्ञान भी कहा जाता है क्योंकि यह दूसरे विज्ञानों जैसे, खगोलविज्ञान, भौतिकी, पदार्थ विज्ञान, जीवविज्ञान और भूविज्ञान को जोड़ता है। . रसायन विज्ञान का इतिहास बहुत पुराना है। १००० ईसापूर्व में प्राचीन सभ्यताओं के लोग ऐसी प्राविधियों काo.

रसायन विज्ञान और रसायन विज्ञान का इतिहास के बीच समानता

रसायन विज्ञान और रसायन विज्ञान का इतिहास आम में 7 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): धातु, परमाणु, भारत, रसायन विज्ञान की समयरेखा, रेडियोसक्रियता, कार्बनिक रसायन, अकार्बनिक रसायन

धातु

'धातु' के अन्य अर्थों के लिए देखें - धातु (बहुविकल्पी) ---- '''धातुएँ''' - मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थों में धातुएँ भी हैं लुहार द्वारा धातु को गर्म करने पर रसायनशास्त्र के अनुसार धातु (metals) वे तत्व हैं जो सरलता से इलेक्ट्रान त्याग कर धनायन बनाते हैं और धातुओं के परमाणुओं के साथ धात्विक बंध बनाते हैं। इलेक्ट्रानिक मॉडल के आधार पर, धातु इलेक्ट्रानों द्वारा आच्छादित धनायनों का एक लैटिस हैं। धातुओं की पारम्परिक परिभाषा उनके बाह्य गुणों के आधार पर दी जाती है। सामान्यतः धातु चमकीले, प्रत्यास्थ, आघातवर्धनीय और सुगढ होते हैं। धातु उष्मा और विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि अधातु सामान्यतः भंगुर, चमकहीन और विद्युत तथा ऊष्मा के कुचालक होते हैं। .

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परमाणु

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं। हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 100 pm (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं। हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं। परमाणुओं इतने छोटे है कि शास्त्रीय भौतिकी इसका काफ़ी गलत परिणाम देते हैं। हर परमाणु नाभिक से बना है और नाभिक एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन्स से सीमित है। नाभिक आम तौर पर एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन और प्रोटॉन की एक समान संख्या से बना है। प्रोटान और न्यूट्रान न्यूक्लिऑन कहलाता है। परमाणु के द्रव्यमान का 99.94% से अधिक भाग नाभिक में होता है। प्रोटॉन पर सकारात्मक विद्युत आवेश होता है, इलेक्ट्रॉन्स पर नकारात्मक विद्युत आवेश होता है और न्यूट्रान पर कोई भी विद्युत आवेश नहीं होता है। एक परमाणु के इलेक्ट्रॉन्स इस विद्युत चुम्बकीय बल द्वारा एक परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन की ओर आकर्षित होता है। नाभिक में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन एक अलग बल, यानि परमाणु बल के द्वारा एक दूसरे को आकर्षित करते है, जोकि विद्युत चुम्बकीय बल जिसमे सकारात्मक आवेशित प्रोटॉन एक दूसरे से पीछे हट रहे हैं, की तुलना में आम तौर पर शक्तिशाली है। परमाणु के केन्द्र में नाभिक (न्यूक्लिअस) होता है जिसका घनत्व बहुत अधिक होता है। नाभिक के चारो ओर ऋणात्मक आवेश वाले एलेक्ट्रान चक्कर लगाते रहते हैं जिसको एलेक्ट्रान घन (एलेक्ट्रान क्लाउड) कहते हैं। नाभिक, धनात्मक आवेश वाले प्रोटानों एवं अनावेशित (न्यूट्रल) न्यूट्रानों से बना होता है। जब किसी परमाणु में एलेक्ट्रानों की संख्या उसके नाभिक में स्थित प्रोटानों की संख्या के समान होती है तब परमाणु वैद्युकीय दृष्टि से अनावेशित होता है; अन्यथा परमाणु धनावेशित या ऋणावेशित ऑयन के रूप में होता है। आधुनिक रसायनशास्त्र में शताधिक मूल भूत माने गए हैं, जिनमें से कुछ तो धातुएँ हैं जैसे ताँबा, सोना, लोहा, सीसा, चाँदी, राँगा, जस्ता; कुछ और खनिज हैं, जैसे, गंधक, फासफरस, पोटासियम, अंजन, पारा, हड़ताल, तथा कुछ गैस हैं, जैसे, आक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन आदि। इन्हीं मूल भूतों के अनुसार परमाणु आधुनिक रसायन में माने जाते हैं। पहले समझा जाता था कि ये अविभाज्य हैं। अब इनके भी टुकड़े कर दिए गए हैं। नाभिक में प्रोटॉन की संख्या किसी रासायनिक तत्व को परिभाषित करता है: जैसे सभी तांबा के परमाणु में 29 प्रोटॉन होते हैं। न्यूट्रॉन की संख्या तत्व के समस्थानिक को परिभाषित करता है। इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक परमाणु के चुंबकीय गुण को प्रभावित करता है। परमाणु अणु के रूप में रासायनिक यौगिक बनाने के लिए रासायनिक आबंध द्वारा एक या अधिक अन्य परमाणुओं को संलग्न कर सकते हैं। परमाणु की संघटित और असंघटित करने की क्षमता प्रकृति में हुए बहुत से भौतिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है, और रसायन शास्त्र के अनुशासन का विषय है। .

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भारत

भारत (आधिकारिक नाम: भारत गणराज्य, Republic of India) दक्षिण एशिया में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा देश है। पूर्ण रूप से उत्तरी गोलार्ध में स्थित भारत, भौगोलिक दृष्टि से विश्व में सातवाँ सबसे बड़ा और जनसंख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत के पश्चिम में पाकिस्तान, उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल और भूटान, पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार स्थित हैं। हिन्द महासागर में इसके दक्षिण पश्चिम में मालदीव, दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया से भारत की सामुद्रिक सीमा लगती है। इसके उत्तर की भौतिक सीमा हिमालय पर्वत से और दक्षिण में हिन्द महासागर से लगी हुई है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी है तथा पश्चिम में अरब सागर हैं। प्राचीन सिन्धु घाटी सभ्यता, व्यापार मार्गों और बड़े-बड़े साम्राज्यों का विकास-स्थान रहे भारतीय उपमहाद्वीप को इसके सांस्कृतिक और आर्थिक सफलता के लंबे इतिहास के लिये जाना जाता रहा है। चार प्रमुख संप्रदायों: हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख धर्मों का यहां उदय हुआ, पारसी, यहूदी, ईसाई, और मुस्लिम धर्म प्रथम सहस्राब्दी में यहां पहुचे और यहां की विविध संस्कृति को नया रूप दिया। क्रमिक विजयों के परिणामस्वरूप ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कंपनी ने १८वीं और १९वीं सदी में भारत के ज़्यादतर हिस्सों को अपने राज्य में मिला लिया। १८५७ के विफल विद्रोह के बाद भारत के प्रशासन का भार ब्रिटिश सरकार ने अपने ऊपर ले लिया। ब्रिटिश भारत के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के प्रमुख अंग भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक लम्बे और मुख्य रूप से अहिंसक स्वतन्त्रता संग्राम के बाद १५ अगस्त १९४७ को आज़ादी पाई। १९५० में लागू हुए नये संविधान में इसे सार्वजनिक वयस्क मताधिकार के आधार पर स्थापित संवैधानिक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया और युनाईटेड किंगडम की तर्ज़ पर वेस्टमिंस्टर शैली की संसदीय सरकार स्थापित की गयी। एक संघीय राष्ट्र, भारत को २९ राज्यों और ७ संघ शासित प्रदेशों में गठित किया गया है। लम्बे समय तक समाजवादी आर्थिक नीतियों का पालन करने के बाद 1991 के पश्चात् भारत ने उदारीकरण और वैश्वीकरण की नयी नीतियों के आधार पर सार्थक आर्थिक और सामाजिक प्रगति की है। ३३ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति समता के आधार पर विश्व की तीसरी और मानक मूल्यों के आधार पर विश्व की दसवीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था है। १९९१ के बाज़ार-आधारित सुधारों के बाद भारत विश्व की सबसे तेज़ विकसित होती बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में से एक हो गया है और इसे एक नव-औद्योगिकृत राष्ट्र माना जाता है। परंतु भारत के सामने अभी भी गरीबी, भ्रष्टाचार, कुपोषण, अपर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य-सेवा और आतंकवाद की चुनौतियां हैं। आज भारत एक विविध, बहुभाषी, और बहु-जातीय समाज है और भारतीय सेना एक क्षेत्रीय शक्ति है। .

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रसायन विज्ञान की समयरेखा

जॉन डाल्टन के "अ न्यू सिस्टम ऑफ केमिकल फिलॉसफी" ले लिया गया चित्र - यह परमाणु सिद्धान्त की प्रथम आधुनिक व्याख्या थी इस समयरेखा में उन महत्वपूर्ण कृतियों, खोजों, विचारों एवं प्रयोगों को सूचीबद्ध किया गया है जिनके कारण पदार्थों की संरचना एवं उनके परस्पर क्रियाओं से सम्बन्धित मानव के ज्ञान में पर्याप्त वृद्धि हुई तथा जिसे आधुनिक विज्ञान में "रसायन विज्ञान" के नाम से जाना जाता है। यद्यपि रसायन विज्ञान की जड़ें ज्ञात इतिहास के आरम्भ काल तक पहुँची हुई हैं तथापि प्राय: आधुनिक रसायन के इतिहास का आरम्भ आयरलैण्ड के रसायनशास्त्री रॉबर्ट बॉयल से माना जाता है। .

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रेडियोसक्रियता

अल्फा, बीटा और गामा विकिरण की भेदन क्षमता अलग-अलग होती है। रेडियोसक्रियता (रेडियोऐक्टिविटी / radioactivity) या रेडियोधर्मिता वह प्रकिया होती है जिसमें एक अस्थिर परमाणु अपने नाभिक (न्यूक्लियस) से आयनकारी विकिरण (ionizing radiation) के रूप में ऊर्जा फेंकता है। ऐसे पदार्थ जो स्वयं ही ऐसी ऊर्जा निकालते हों विकिरणशील या रेडियोधर्मी कहलाते हैं। यह विकिरण अल्फा कण (alpha particles), बीटा कण (beta particle), गामा किरण (gamma rays) और इलेक्ट्रॉनों के रूप में होती है। ऐसे पदार्थ जिनकी परमाण्विक नाभी स्थिर नहीं होती और जो निश्चित मात्रा में आवेशित कणों को छोड़ते हैं, रेडियोधर्मी (रेडियोऐक्टिव) कहलाते हैं। .

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कार्बनिक रसायन

कार्बनिक रसायन रसायन विज्ञान की एक प्रमुख शाखा है, दूसरी प्रमुख शाखा है - अकार्बनिक रसायन। कार्बनिक रसायन का सम्बन्ध मुख्यतः कार्बन और हाइड्रोजन के अणुओं वाले रासायनिक यौगिकों के संरचना, गुणधर्म, रासायनिक अभिक्रियाओं एवं उनके निर्माण (संश्लेषण या सिन्थेसिस एवं अन्य प्रक्रिया द्वारा) आदि के वैज्ञानिक अध्ययन से है। कार्बनिक यौगिकों में कार्बन और हाइड्रोजन के अतिरिक्त अन्य अणु भी हो सकते हैं, जैसे- नाइट्रोजन (नत्रजन), ऑक्सीजन, हैलोजन, फॉस्फोरस, सिलिकॉन, गंधक (सल्फर) आदि।.

कार्बनिक रसायन और रसायन विज्ञान · कार्बनिक रसायन और रसायन विज्ञान का इतिहास · और देखें »

अकार्बनिक रसायन

प्रांगार को छोड़कर शेष सभी तत्वों और उनके योगिकों की मीमांसा करना अकार्बनिक रसायन (Inorganic chemistry) का क्षेत्र है। बोरॉन, सिलिकन, जर्मेनियम आदि तत्व भी लगभग उसी प्रकार के विविध यौगिक बनाते हैं, जैसे कार्बन। पर इस पार्थिव सृष्टि में उनका उतना महत्व नहीं है जितना कार्बन यौगिकों का, इसलिए कार्बनिक रसायन का अन्य तत्वों से पृथक्‌ रासायनिक क्षेत्र मान लिया गया है। मनुष्य एवं वनस्पतियों का जीवन कार्बन यौगिकों के चक्र पर निर्भर है, अत: कार्बनिक यौगिकों को एक अलग उपांग में रखना कुछ अनुचित नहीं है। यह कार्बन ही है जो पृथ्वी पर पाए जानेवाले सामान्य ताप (०° से ४०°) पर अनेक स्थायी समावयवी यौगिक दे सकता है। .

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रसायन विज्ञान और रसायन विज्ञान का इतिहास के बीच तुलना

रसायन विज्ञान 86 संबंध है और रसायन विज्ञान का इतिहास 59 है। वे आम 7 में है, समानता सूचकांक 4.83% है = 7 / (86 + 59)।

संदर्भ

यह लेख रसायन विज्ञान और रसायन विज्ञान का इतिहास के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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