रक्त कोशिका और श्वेत रक्त कोशिका के बीच समानता
रक्त कोशिका और श्वेत रक्त कोशिका आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बिम्बाणु, लाल रक्त कोशिका।
बिम्बाणु
हल्के सूक्ष्मदर्शी (40x) द्वारा दिखाई देते दो बिम्बाणु, जिन्हें ला.र.को. ने घेर रखा है बिम्बाणु, या प्लेटेलेट, या थ्रॉम्बोसाइट, रक्त में उपस्थित अनियमित आकार की छोटी अनाभिकीय कोशिका (यानि वे कोशिकाएं, जिनमें नाभिक नहीं होता, मात्र डीएनए ही होता है) होती है, व इनका व्यास २-३ µm होता है। एक प्लेटेलेट कोशिका का औसत जीवनकाल ८-१२ दिन तक होता है। सामान्यत: किसी मनुष्य के रक्त में एक लाख पचास हजार से लेकर 4 लाख प्रति घन मिलीमीटर प्लेटलेट्स होते हैं। ये बढोत्तरी कारकों का प्राकृतिक स्रोत होती हैं। जीवित प्राणियों के रक्त का एक बड़ा अंश बिम्बाणुओं (जिनमें लाल रक्त कणिकाएं और प्लाविका शामिल हैं) से निर्मित होता है। दिखने में ये नुकीले अंडाकार होते हैं और इनका आकार एक इंच का चार सौ हजारवां हिस्सा होता है। इसे सूक्ष्मदर्शी से ही देखा जा सकता है। यह अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में उपस्थित कोशिकाओं के काफी छोटे कण होते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में मेगा कार्योसाइट्स कहा जाता है। ये थ्रोम्बोपीटिन हार्मोन की वजह से विभाजित होकर खून में समाहित होते हैं और सिर्फ १० दिन के जीवनकाल तक संचारित होने के बाद स्वत: नष्ट हो जाते हैं। शरीर में थ्रोम्बोपीटिन का काम बिम्बाणुओं की संख्या सामान्य बनाना होता है। रक्त में उपस्थित बिम्बाणुओं का एक महत्त्वपूर्ण काम शरीर में उपस्थित हार्मोन और प्रोटीन उपलब्ध कराना होता है। रक्त धमनी को नुकसान होने की स्थिति में कोलाजन नामक द्रव निकलता है जिससे मिलकर बिम्बाणु एक अस्थाई दीवार का निर्माण करते हैं और रक्त धमनी को और अधिक क्षति होने से रोकते हैं। शरीर में आवश्यकता से अधिक होना शरीर के लिए कई गंभीर खतरे उत्पन्न करता है। इससे खून का थक्का जमना शुरू हो जाता है जिससे दिल के दौरे की आशंका बढ़ जाती है। बिम्बाणुओं की संख्या में सामान्य से नीचे आने पर रक्तस्नव की आशंका बढ़ती है। रक्त में बिम्बाणुओं की संख्या किसी खास रोग या आनुवांशिक गड़बड़ी की वजह से होती है। किसी इलाज या शल्यक्रिया की वजह से भी ऐसा होता है। अंग प्रत्यारोपण, झुलसने, मज्जा प्रत्यारोपण (मैरो ट्रांसप्लांट), हृदय की शल्यक्रिया या कीमोचिकित्सा (कीमोथेरेपी) के बाद अकसर खून की जरूरत होती है। ऐसे में कई बार बिम्बाणुआधान (प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन) की भी जरूरत पड़ती है। प्रायः प्रचलित रोग डेंगू जैसे विषाणु जनित रोगों के बाद बिम्बाणुओं की संख्या में गिरावट आ जाती है। .
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लाल रक्त कोशिका
मानव की लाल रुधिर कणिकाओं का परिवर्धित दृश्य लाल रक्त कोशिका (red blood cells), रक्त की सबसे प्रमुख कोशिका है। यह रीढ़धारी जन्तुओं के श्वसन अंगो से आक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का सबसे सहज और व्याप्त माध्यम है। इस कोशिका में केन्द्रक नहीं होता है। इसकी औसत आयु १२० दिन की है।.
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रक्त कोशिका और श्वेत रक्त कोशिका के बीच तुलना
रक्त कोशिका 8 संबंध है और श्वेत रक्त कोशिका 8 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 12.50% है = 2 / (8 + 8)।
संदर्भ
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