हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

रक्त कोशिका और रक्त समूह

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

रक्त कोशिका और रक्त समूह के बीच अंतर

रक्त कोशिका vs. रक्त समूह

सूक्ष्मदर्शी से देखने पर लाल और श्वेत मानव रक्त कोशिकायें रक्त कोशिका (जिसे रक्त कणिका भी कहा जाता है) रक्त मे पायी जाने वाली कोई एक कोशिका है। स्तनधारियों में इन कोशिकाओं की मुख्यतः तीन श्रेणियां होती हैं. रक्त प्रकार (या रक्त समूह) भाग में, निर्धारित होता है, ABO रक्त समूह प्रतिजानो से जो लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद होता है। रक्त समूह या रक्त प्रकार, रक्त का एक वर्गीकरण है जो रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर पर पाये जाने वाले पदार्थ मे वंशानुगत प्रतिजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति पर आधारित होता है। रक्त प्रणाली के अनुसार यह प्रतिजन प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोप्रोटीन, या ग्लाइकोलिपिड हो सकते हैं और इनमे से कुछ प्रतिजन अन्य प्रकारों जैसे कि ऊतकों और कोशिकाओं की सतह पर भी उपस्थित हो सकते हैं। अनेक लाल रक्त कोशिका सतह प्रतिजन, जो कि एक ही एलील या बहुत नजदीकी रूप से जुड़े जीन से उत्पन्न हुए हैं, सामूहिक रूप से रक्त समूह प्रणाली की रचना करते हैं। रक्त प्रकार वंशानुगत रूप से प्राप्त होते हैं और माता व पिता दोनों के योगदान का प्रतिनिधित्व करते हैं। अंतरराष्ट्रीय रक्ताधान संस्था(ISBT).

रक्त कोशिका और रक्त समूह के बीच समानता

रक्त कोशिका और रक्त समूह आम में 4 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बिम्बाणु, रक्ताल्पता, लाल रक्त कोशिका, कोशिका

बिम्बाणु

हल्के सूक्ष्मदर्शी (40x) द्वारा दिखाई देते दो बिम्बाणु, जिन्हें ला.र.को. ने घेर रखा है बिम्बाणु, या प्लेटेलेट, या थ्रॉम्बोसाइट, रक्त में उपस्थित अनियमित आकार की छोटी अनाभिकीय कोशिका (यानि वे कोशिकाएं, जिनमें नाभिक नहीं होता, मात्र डीएनए ही होता है) होती है, व इनका व्यास २-३ µm होता है। एक प्लेटेलेट कोशिका का औसत जीवनकाल ८-१२ दिन तक होता है। सामान्यत: किसी मनुष्य के रक्त में एक लाख पचास हजार से लेकर 4 लाख प्रति घन मिलीमीटर प्लेटलेट्स होते हैं। ये बढोत्तरी कारकों का प्राकृतिक स्रोत होती हैं। जीवित प्राणियों के रक्त का एक बड़ा अंश बिम्बाणुओं (जिनमें लाल रक्त कणिकाएं और प्लाविका शामिल हैं) से निर्मित होता है। दिखने में ये नुकीले अंडाकार होते हैं और इनका आकार एक इंच का चार सौ हजारवां हिस्सा होता है। इसे सूक्ष्मदर्शी से ही देखा जा सकता है। यह अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में उपस्थित कोशिकाओं के काफी छोटे कण होते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में मेगा कार्योसाइट्स कहा जाता है। ये थ्रोम्बोपीटिन हार्मोन की वजह से विभाजित होकर खून में समाहित होते हैं और सिर्फ १० दिन के जीवनकाल तक संचारित होने के बाद स्वत: नष्ट हो जाते हैं। शरीर में थ्रोम्बोपीटिन का काम बिम्बाणुओं की संख्या सामान्य बनाना होता है। रक्त में उपस्थित बिम्बाणुओं का एक महत्त्वपूर्ण काम शरीर में उपस्थित हार्मोन और प्रोटीन उपलब्ध कराना होता है। रक्त धमनी को नुकसान होने की स्थिति में कोलाजन नामक द्रव निकलता है जिससे मिलकर बिम्बाणु एक अस्थाई दीवार का निर्माण करते हैं और रक्त धमनी को और अधिक क्षति होने से रोकते हैं। शरीर में आवश्यकता से अधिक होना शरीर के लिए कई गंभीर खतरे उत्पन्न करता है। इससे खून का थक्का जमना शुरू हो जाता है जिससे दिल के दौरे की आशंका बढ़ जाती है। बिम्बाणुओं की संख्या में सामान्य से नीचे आने पर रक्तस्नव की आशंका बढ़ती है। रक्त में बिम्बाणुओं की संख्या किसी खास रोग या आनुवांशिक गड़बड़ी की वजह से होती है। किसी इलाज या शल्यक्रिया की वजह से भी ऐसा होता है। अंग प्रत्यारोपण, झुलसने, मज्जा प्रत्यारोपण (मैरो ट्रांसप्लांट), हृदय की शल्यक्रिया या कीमोचिकित्सा (कीमोथेरेपी) के बाद अकसर खून की जरूरत होती है। ऐसे में कई बार बिम्बाणुआधान (प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन) की भी जरूरत पड़ती है। प्रायः प्रचलित रोग डेंगू जैसे विषाणु जनित रोगों के बाद बिम्बाणुओं की संख्या में गिरावट आ जाती है। .

बिम्बाणु और रक्त कोशिका · बिम्बाणु और रक्त समूह · और देखें »

रक्ताल्पता

रक्ताल्पता (रक्त+अल्पता), का साधारण मतलब रक्त (खून) की कमी है। यह लाल रक्त कोशिका में पाए जाने वाले एक पदार्थ (कण) रूधिर वर्णिका यानि हीमोग्लोबिन की संख्या में कमी आने से होती है। हीमोग्लोबिन के अणु में अनचाहे परिवर्तन आने से भी रक्ताल्पता के लक्षण प्रकट होते हैं। हीमोग्लोबिन पूरे शरीर मे ऑक्सीजन को प्रवाहित करता है और इसकी संख्या मे कमी आने से शरीर मे ऑक्सीजन की आपूर्ति मे भी कमी आती है जिसके कारण व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस कर सकता है। .

रक्त कोशिका और रक्ताल्पता · रक्त समूह और रक्ताल्पता · और देखें »

लाल रक्त कोशिका

मानव की लाल रुधिर कणिकाओं का परिवर्धित दृश्य लाल रक्त कोशिका (red blood cells), रक्त की सबसे प्रमुख कोशिका है। यह रीढ़धारी जन्तुओं के श्वसन अंगो से आक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का सबसे सहज और व्याप्त माध्यम है। इस कोशिका में केन्द्रक नहीं होता है। इसकी औसत आयु १२० दिन की है।.

रक्त कोशिका और लाल रक्त कोशिका · रक्त समूह और लाल रक्त कोशिका · और देखें »

कोशिका

कोशिका कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन की सामर्थ्य रखती है। यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन कहतें हैं। 'कोशिका' का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के 'शेलुला' शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ 'एक छोटा कमरा' है। कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। कोशिका की खोज रॉबर्ट हूक ने १६६५ ई० में किया।"...

कोशिका और रक्त कोशिका · कोशिका और रक्त समूह · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

रक्त कोशिका और रक्त समूह के बीच तुलना

रक्त कोशिका 8 संबंध है और रक्त समूह 38 है। वे आम 4 में है, समानता सूचकांक 8.70% है = 4 / (8 + 38)।

संदर्भ

यह लेख रक्त कोशिका और रक्त समूह के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: