यौवनारम्भ और वृषण
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यौवनारम्भ और वृषण के बीच अंतर
यौवनारम्भ vs. वृषण
कालक्रमानुसार पुरुषों के वाह्य अंगों में यौनिक परिवर्तन मानव में यौवनारम्भ या वय:सन्धि (puberty) शारीरिक परिवर्तन की उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके द्वारा कालक्रम में बच्चे से बढ़कर प्रजनन में समर्थ जवान बन जाता है। यौवनारम्भ की शुरूवात हार्मोनों के बनने से होती है। कालक्रमानुसार लड़कियों के वाह्य अंगों में यौनिक परिवर्तन . अंडकोष पुरूष के नीचे एक थैली होती है। इसे स्क्रोटम कहा जाता है। इस थैली की त्वचा ढीली होती है। जो गर्मियों में अधिक बढ़कर लटक जाती है तथा सर्दियों में सिकुड़कर छोटी होती है। इसके अंदर वृषण होते है इनका मुख्य कार्य शुक्राणु और पुरूष उत्तेजित द्रव को बनाना होता है। वे पुरूष जो आग के सामने कार्य करते है, अधिक गर्म पानी से नहाते हैं। यह कच्छा को अधिक कसकर बांधते हैं। उनके अंडकोष से शुक्राणु कम मात्रा में या नहीं बन पाते है। अंडकोश की लंबाई 5 cm सेमी और चौड़ाई 2.5 सेमी होती है। इसमें रक्त का संचार बहुत अधिक होता है। दोनों तरफ के अंडकोष एक नलिका के द्वारा जुड़े होते हैं। जिसको वास डिफेरेन्स कहते है तथा दूसरी तरफ ये अन्य ग्रंथि से जुड़े रहते हैं। जिनको सेमिनाल वेसाईकल कहते है। Image:Hanging testicles.JPG| Image:Human_Scrotum.JPG| .
यौवनारम्भ और वृषण के बीच समानता
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संदर्भ
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