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मुद्रा स्फीति और १४वीं शताब्दी

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मुद्रा स्फीति और १४वीं शताब्दी के बीच अंतर

मुद्रा स्फीति vs. १४वीं शताब्दी

मुद्रा स्फीति (en:inflation) गणितीय आकलन पर आधारित एक अर्थशास्त्रीय अवधारणा है जिससे बाज़ार में मुद्रा का प्रसार व वस्तुओ की कीमतों में वृद्धि या कमी की गणना की जाती है। उदाहरण के लिएः १९९० में एक सौ रुपए में जितना सामान आता था, अगर २००० में उसे ख़रीदने के लिए दो सौ रुपए व्यय करने पड़े है तो माना जाएगा कि मुद्रा स्फीति शत-प्रतिशत बढ़ गई। चीज़ों की क़ीमतों में बढ़ोतरी और मुद्रा की क़ीमत में कमी को वैज्ञानिक ढंग से सूचीबद्ध करना मुद्रा स्फीति का काम होता है। इससे ब्याज दरें भी तय होती हैं। मुद्रा स्फीति समस्त अर्थशास्त्रीय शब्दों में संभवतः सर्वाधिक लोकप्रिय है। किंतु इसे पारिभाषित करना एक कठिन कार्य है। विभिन्न विद्वानों ने इसकी भिन्न-भिन्न परिभाषा दी हैं. १४वीं शताब्दी एक ईसवीं शताब्दी है। शताब्दी, १४वीं.

मुद्रा स्फीति और १४वीं शताब्दी के बीच समानता

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मुद्रा स्फीति और १४वीं शताब्दी के बीच तुलना

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संदर्भ

यह लेख मुद्रा स्फीति और १४वीं शताब्दी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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