मुद्रा (करेंसी) और राजकोषीय नीति
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
मुद्रा (करेंसी) और राजकोषीय नीति के बीच अंतर
मुद्रा (करेंसी) vs. राजकोषीय नीति
---- विभिन्न देशों की मुद्राएँ मुद्रा (currency, करन्सी) पैसे या धन के उस रूप को कहते हैं जिस से दैनिक जीवन में ख़रीद और बिक्री होती है। इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। आमतौर से किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है। मसलन भारत में रुपया व पैसा मुद्रा है जिसके सिक्के व नोट भारतीय सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। भारत एक ऐसा देश है जहाँ रुपया का उन्मूलन हुआ है १९७८ में देश के प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे पहले देश में एक हजार का नोट बंद किया जिससे काला धन को साफ़ किया जा सके और २०१६ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ५०० और १००० के नोट बंद कर देश के धन का उन्मूलन किया। . अर्थनीति के सन्दर्भ में, सरकार के राजस्व संग्रह (करारोपण) तथा व्यय के समुचित नियमन द्वारा अर्थव्यवस्था को वांछित दिशा देना राजकोषीय नीति (fiscal policy) कहलाता है। अतः राजकोषीय नीति के दो मुख्य औजार हैं - कर स्तर एवं ढांचे में परिवर्तन तथा विभिन्न मदों में सरकार द्वारा व्यय में परिवर्तन। .
मुद्रा (करेंसी) और राजकोषीय नीति के बीच समानता
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संदर्भ
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