मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३
शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ के बीच अंतर
मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) vs. १९६३
मुझे जीने दो (अंग्रेजी: Mujhe Jeene Do) सन 1963 में बनी एक मशहूर हिन्दी फिल्म का नाम है जिसका निर्देशन मणि भट्टाचार्य ने किया था। अजन्ता आर्ट के बैनर तले बनी व डकैतों के वास्तविक जीवन पर आधारित बालीवुड की इस फिल्म में सुनील दत्त, वहीदा रहमान, निरूपा रॉय, राजेन्द्र नाथ एवं मुमताज़ ने अभिनय किया था। चम्बल घाटी के डाकू समस्याग्रस्त इलाके भिण्ड एवं मुरैना जिलों के खतरनाक बीहड़ों में मध्य प्रदेश पुलिस के सुरक्षा कवच में फिल्मायी गयी, तथा मोहन स्टूडियो मुम्बई में बनी इस फिल्म में वहीदा रहमान व सुनील दत्त के अभिनय की बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ था। जयदेव के संगीत निर्देशन ने इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का दर्ज़ा दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। . 1963 ग्रेगोरी कैलंडर का एक साधारण वर्ष है। .
मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ के बीच समानता
मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ लगती में
- यह आम मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ में है क्या
- मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ के बीच समानता
मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ के बीच तुलना
मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) 35 संबंध है और १९६३ 17 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (35 + 17)।
संदर्भ
यह लेख मुझे जीने दो (1963 फ़िल्म) और १९६३ के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: