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मुग़ल वास्तुकला और राष्ट्रपति भवन

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मुग़ल वास्तुकला और राष्ट्रपति भवन के बीच अंतर

मुग़ल वास्तुकला vs. राष्ट्रपति भवन

मुगल वास्तुकला, जो कि भारतीय, इस्लामी एवं फारसी वास्तुकला का मिश्रण है, एक विशेष शैली, जो कि मुगल भारत में 16वीं 17वीं एवं 18वीं सदी में लाए|मुगल वास्तुकला का चरम ताजमहल है। . राष्ट्रपति भवन भारत सरकार के राष्ट्रपति का सरकारी आवास है। सन १९५० तक इसे वाइसरॉय हाउस बोला जाता था। तब यह तत्कालीन भारत के गवर्नर जनरल का आवास हुआ करता था। यह नई दिल्ली के हृदय क्षेत्र में स्थित है। इस महल में ३४० कक्ष हैं और यह विश्व में किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से बड़ा है। वर्तमान भारत के राष्ट्रपति, उन कक्षों में नहीं रहते, जहां वाइसरॉय रहते थे, बल्कि वे अतिथि-कक्ष में रहते हैं। भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल श्री सी राजगोपालाचार्य को यहां का मुख्य शयन कक्ष, अपनी विनीत नम्र रुचियों के कारण, अति आडंबर पूर्ण लगा जिसके कारण उन्होंने अतिथि कक्ष में रहना उचित समझा। उनके उपरांत सभी राष्ट्रपतियों ने यही परंपरा निभाई। यहां के मुगल उद्यान की गुलाब वाटिका में अनेक प्रकार के गुलाब लगे हैं और यह कि जन साधारण हेतु, प्रति वर्ष फरवरी माह के दौरान खुलती है। इस भवन की खास बात है कि इस भवन के निर्माण में लोहे का नगण्य प्रयोग हुआ है। .

मुग़ल वास्तुकला और राष्ट्रपति भवन के बीच समानता

मुग़ल वास्तुकला और राष्ट्रपति भवन आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दिल्ली, मुग़ल उद्यान, दिल्ली

दिल्ली

दिल्ली (IPA), आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अंग्रेज़ी: National Capital Territory of Delhi) भारत का एक केंद्र-शासित प्रदेश और महानगर है। इसमें नई दिल्ली सम्मिलित है जो भारत की राजधानी है। दिल्ली राजधानी होने के नाते केंद्र सरकार की तीनों इकाइयों - कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका के मुख्यालय नई दिल्ली और दिल्ली में स्थापित हैं १४८३ वर्ग किलोमीटर में फैला दिल्ली जनसंख्या के तौर पर भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर है। यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं: हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियां और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह बसा है। यह प्राचीन समय में गंगा के मैदान से होकर जाने वाले वाणिज्य पथों के रास्ते में पड़ने वाला मुख्य पड़ाव था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस नगर का गौरवशाली पौराणिक इतिहास है। यह भारत का अति प्राचीन नगर है। इसके इतिहास का प्रारम्भ सिन्धु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है। हरियाणा के आसपास के क्षेत्रों में हुई खुदाई से इस बात के प्रमाण मिले हैं। महाभारत काल में इसका नाम इन्द्रप्रस्थ था। दिल्ली सल्तनत के उत्थान के साथ ही दिल्ली एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक शहर के रूप में उभरी। यहाँ कई प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतों तथा उनके अवशेषों को देखा जा सकता हैं। १६३९ में मुगल बादशाह शाहजहाँ ने दिल्ली में ही एक चारदीवारी से घिरे शहर का निर्माण करवाया जो १६७९ से १८५७ तक मुगल साम्राज्य की राजधानी रही। १८वीं एवं १९वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लगभग पूरे भारत को अपने कब्जे में ले लिया। इन लोगों ने कोलकाता को अपनी राजधानी बनाया। १९११ में अंग्रेजी सरकार ने फैसला किया कि राजधानी को वापस दिल्ली लाया जाए। इसके लिए पुरानी दिल्ली के दक्षिण में एक नए नगर नई दिल्ली का निर्माण प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों से १९४७ में स्वतंत्रता प्राप्त कर नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों से लोगों का प्रवासन हुआ, इससे दिल्ली के स्वरूप में आमूल परिवर्तन हुआ। विभिन्न प्रान्तो, धर्मों एवं जातियों के लोगों के दिल्ली में बसने के कारण दिल्ली का शहरीकरण तो हुआ ही साथ ही यहाँ एक मिश्रित संस्कृति ने भी जन्म लिया। आज दिल्ली भारत का एक प्रमुख राजनैतिक, सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केन्द्र है। .

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मुग़ल उद्यान, दिल्ली

भारत की राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के पीछे के भाग में स्थित मुगल उद्यान अपने किस्म का अकेला ऐसा उद्यान है, जहां विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है। यहां विविध प्रकार के फूलों और फलों के पेड़ों का संग्रह है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ॰राजेंद्र प्रसाद ने इस उद्यान को जन साधारण के दर्शन हेतु खुलवाया था। इस उद्यान को देखने वालों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है। २३ जनवरी,०९ को यहां ९५,५३७ दर्शक आए थे। इसकी अभिकल्पना ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिग के आदेश पर की थी। १३ एकड़ में फैले इस उद्यान में ब्रिटिश शैली के संग-संग औपचारिक मुगल शैली का मिश्रण दिखाई देता है।। भारत के बारे में जानें। राष्‍ट्रीय पोर्टल विषयवस्‍तु प्रबंधन दल यह उद्यान चार भागों में बंटा हुआ है और चारों एक दूसरे से भिन्न एवं अनुपम हैं। यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे पर्ल गार्डन, बटरफ्लाई गार्डन और सकरुलर गार्डन, आदि। बटरफ्लाई गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं। यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्तम है। मुगल उद्यान में अनेक प्रकार के फूल देखे जा सकते हैं जिसमें गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम आदि शामिल हैं। इस बाग में फूलों के साथ-साथ जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं। इनके लिये एक अलग भाग बना हुआ है, जिसे औषधि उद्यान कहते हैं। मुगल उद्यान वसंत ऋतु में एक माह के लिये पर्यटकों के लिए खुलता है। .

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मुग़ल वास्तुकला और राष्ट्रपति भवन के बीच तुलना

मुग़ल वास्तुकला 22 संबंध है और राष्ट्रपति भवन 53 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.67% है = 2 / (22 + 53)।

संदर्भ

यह लेख मुग़ल वास्तुकला और राष्ट्रपति भवन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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