लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
इंस्टॉल करें
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

माधव कंदलि और वाल्मीकि

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

माधव कंदलि और वाल्मीकि के बीच अंतर

माधव कंदलि vs. वाल्मीकि

माधव कंदलि (असमिया:মাধৱ কন্দলী) असमी के प्रसिद्ध कवि थे। इनके कविताकाल के संबंध में इतिहासकारों तथा समालोचकों में अधिक मतभेद है। कनकलाल बरूवा के मतानुसार इनके आश्रयदाता वाराही नरेश कपिली उपत्यका के शासक थे और माधव कंदलि इन्हीं के राजकवि थे। इस प्रकार इनकी कविता का रचनाकाल 14वीं शती का उत्तरार्ध मालूम होता है। माधवचंद्र बरदलोई ने स्वसंपादित रामायण की भूमिका में इनकी कृति रामायण को 14वीं अथवा 15वीं शती की रचना और इन्हें नवगाँव का निवासी प्रमाणित किया है। शंकरदेव ने राम कथा के पदकर्ता माधव कंदलि की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उनकी तुलना गज से की है और कहा है कि वे स्वयं उनके सम्मुख शशक के समान लघु हैं। माधव कंदलि को लोग 'कविराज कंदलि' कहते थे। वर्तमान नवगाँव जिले के कंदलि नामक स्थान से अनेक प्रख्यात कंदलि ब्राह्मणों का संबंध था परंतु माधव कंदलि यहाँ के निवासी नहीं थे। 900px वाराहराज श्री महामणिक्य के अनुरोध पर माधव कंदलि ने सर्वसाधारण के लिये सुबोध शैली में रामायण का पयारबद्ध अनुवाद किया (रामायण सुपयार श्रीमहामणिक्य ये वाराह राजार अनुरोधे)। माधव कंदलि के रामायण की सभी प्रतियों में आदि तथा उत्तरकांड नहीं मिलते, यद्यपि उन्होंने लंकाकाड के अंत में रामायण के सात कांडों का उल्लेख किया है (सात कांडे रामायण पद बंधे निबंधिलो)। कंदलि ने वाल्मीकि कृत रामायण को वेदों के समकक्ष रखा है। मूल कथा को अधिक रोचक बनाने के लिये यत्रतत्र सुंदर काव्यकल्पना का सहारा लिया है। 'देवजित्‌' इनकी दूसरी रचना है किंतु प्रयोग एवं शैली की दृष्टि से यह किसी अन्य कवि की रचना प्रतीत होती है। . महर्षि वाल्मीक (संस्कृत: महर्षि वाल्मीक) प्राचीन भारतीय महर्षि हैं। ये आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होने संस्कृत में रामायण की रचना की। उनके द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई। रामायण एक महाकाव्य है जो कि श्रीराम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य से, कर्तव्य से, परिचित करवाता है।http://timesofindia.indiatimes.com/india/Maharishi-Valmeki-was-never-a-dacoit-Punjab-Haryana-HC/articleshow/5960417.cms आदिकवि शब्द 'आदि' और 'कवि' के मेल से बना है। 'आदि' का अर्थ होता है 'प्रथम' और 'कवि' का अर्थ होता है 'काव्य का रचयिता'। वाल्मीकि ऋषि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना की थी जो रामायण के नाम से प्रसिद्ध है। प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना करने के कारण वाल्मीकि आदिकवि कहलाये। वाल्मीकि एक आदि कवि थे पर उनकी विशेषता यह थी कि वे कोई ब्राह्मण नहीं थे, बल्कि केवट थे।। .

माधव कंदलि और वाल्मीकि के बीच समानता

माधव कंदलि और वाल्मीकि आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): रामायण

रामायण

रामायण आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके २४,००० श्लोक हैं। यह हिन्दू स्मृति का वह अंग हैं जिसके माध्यम से रघुवंश के राजा राम की गाथा कही गयी। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को 'आदिकवि' भी कहा जाता है। रामायण के सात अध्याय हैं जो काण्ड के नाम से जाने जाते हैं। .

माधव कंदलि और रामायण · रामायण और वाल्मीकि · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

माधव कंदलि और वाल्मीकि के बीच तुलना

माधव कंदलि 5 संबंध है और वाल्मीकि 15 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 5.00% है = 1 / (5 + 15)।

संदर्भ

यह लेख माधव कंदलि और वाल्मीकि के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »