लोगो
यूनियनपीडिया
संचार
Google Play पर पाएं
नई! अपने एंड्रॉयड डिवाइस पर डाउनलोड यूनियनपीडिया!
मुक्त
ब्राउज़र की तुलना में तेजी से पहुँच!
 

माइम कलाकार और विदूषक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

माइम कलाकार और विदूषक के बीच अंतर

माइम कलाकार vs. विदूषक

एक माइम कलाकार (यूनानी से "μίμος" - मिमोस " नकलची, अभिनेता") जो माइम का उपयोग नाटकीय माध्यम के रूप में या एक कहानी का प्रदर्शन शरीर के माध्यम से मूक अभिनय के द्वारा करता है। पहले, अंग्रेजी में, इस तरह के कलाकार को ममर कहते थे। माइम मूक हास्य कला से कुछ भिन्न है, इसमें कलाकार किसी फिल्म या चित्र के समेकित चरित्र में होता है। प्रारंभिक काल में पैन्टोमाइम (मूकाभिनय) प्रदर्शन का आरंभ प्राचीन ग्रीस में हुआ था; यह नाम पैंटोमिमस नामक एकल नकाबपोश कलाकार से लिया गया था, हालांकि यह जरूरी नहीं था कि प्रदर्शन हमेशा मूक ही हुआ करते थे मध्यकालीन यूरोप में, माइम का प्रारंभिक रूप जैसा कि ममर निभाते थे और बाद में यह मूक प्रदर्शन के रूप में विकसित हुआ। उन्नीसवीं सदी के प्रारंभ में पेरिस में जीन-गैसपर्ड देबूराउ ने इसमें कई भाव जोड़े - सफेद चेहरे के साथ मूकाभिनय करना, आधुनिक समय में जिससे हम परिचित हैं। जैक्स कोपे कौमेडिया डेल'आर्टे और जापानी नोह थियेटर से बहुत अधिक प्रभावित थे और अपने अभिनेताओं को प्रशिक्षित करते समय नकाब का इस्तेमाल किया करते थे। उनका एक शिष्य इटेने डेकरोक्स इससे बहुत प्रभावित हुआ और माइम के विकासशील संभावनाओं का विकास करने लगा और कॉरपोरियल माइम का विकास मूर्तिकला शैली में किया, प्रकृतिवाद के विभाग के रूप में इसे प्रतिष्ठित किया। प्रशिक्षण के तरीकों द्वारा माइम और भौतिक थिएटर के विकास में जैक्स लेकौक ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। . कूडियाट्टम् में विदूषक विदूषक, भारतीय नाटकों में एक हँसाने वाला पात्र होता है। मंच पर उसके आने मात्र से ही माहौल हास्यास्पद बन जाता है। वह स्वयं अपना एवं अपने परिवेश का मजाक उडाता है। उसके कथन एक तरफ हास्य को जन्म देते हैं और दूसरी तरफ उनमें कटु सत्य का पुट होता है। .

माइम कलाकार और विदूषक के बीच समानता

माइम कलाकार और विदूषक आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): नाट्य शास्त्र, भरत मुनि

नाट्य शास्त्र

250px नाटकों के संबंध में शास्त्रीय जानकारी को नाट्य शास्त्र कहते हैं। इस जानकारी का सबसे पुराना ग्रंथ भी नाट्यशास्त्र के नाम से जाना जाता है जिसके रचयिता भरत मुनि थे। भरत मुनि का काल ४०० ई के निकट माना जाता है। संगीत, नाटक और अभिनय के संपूर्ण ग्रंथ के रूप में भारतमुनि के नाट्य शास्त्र का आज भी बहुत सम्मान है। उनका मानना है कि नाट्य शास्त्र में केवल नाट्य रचना के नियमों का आकलन नहीं होता बल्कि अभिनेता रंगमंच और प्रेक्षक इन तीनों तत्वों की पूर्ति के साधनों का विवेचन होता है। 37 अध्यायों में भरतमुनि ने रंगमंच अभिनेता अभिनय नृत्यगीतवाद्य, दर्शक, दशरूपक और रस निष्पत्ति से संबंधित सभी तथ्यों का विवेचन किया है। भरत के नाट्य शास्त्र के अध्ययन से यह स्पष्ट हो जाता है कि नाटक की सफलता केवल लेखक की प्रतिभा पर आधारित नहीं होती बल्कि विभिन्न कलाओं और कलाकारों के सम्यक के सहयोग से ही होती है। .

नाट्य शास्त्र और माइम कलाकार · नाट्य शास्त्र और विदूषक · और देखें »

भरत मुनि

भरत मुनि ने नाट्य शास्त्र लिखा। इनका समय विवादास्पद हैं। इन्हें 400 ई॰पू॰ 100 ई॰ सन् के बीच किसी समय का माना जाता है। भरत बड़े प्रतिभाशाली थे। इतना स्पष्ट है कि भरतमुनि रचित नाट्यशास्त्र से परिचय था। इनका 'नाट्यशास्त्र' भारतीय नाट्य और काव्यशास्त्र का आदिग्रन्थ है।इसमें सर्वप्रथम रस सिद्धांत की चर्चा तथा इसके प्रसिद्द सूत्र -'विभावानुभाव संचारीभाव संयोगद्रस निष्पति:" की स्थापना की गयी है| इसमें नाट्यशास्त्र, संगीत-शास्त्र, छंदशास्त्र, अलंकार, रस आदि सभी का सांगोपांग प्रतिपादन किया गया है। 'भारतीय नाट्यशास्त्र' अपने विषय का आधारभूत ग्रन्थ माना जाता है। कहा गया है कि भरतमुनि रचित प्रथम नाटक का अभिनय, जिसका कथानक 'देवासुर संग्राम' था, देवों की विजय के बाद इन्द्र की सभा में हुआ था। आचार्य भरत मुनि ने अपने नाट्यशास्त्र की उत्पत्ति ब्रह्मा से मानी है क्योकि शंकर ने ब्रह्मा को तथा ब्रह्मा ने अन्य ऋषियो को काव्य शास्त्र का उपदेश दिया। विद्वानों का मत है कि भरतमुनि रचित पूरा नाट्यशास्त्र अब उपलब्ध नहीं है। जिस रूप में वह उपलब्ध है, उसमें लोग काफ़ी क्षेपक बताते हैं श्रेणी:संस्कृत आचार्य.

भरत मुनि और माइम कलाकार · भरत मुनि और विदूषक · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

माइम कलाकार और विदूषक के बीच तुलना

माइम कलाकार 13 संबंध है और विदूषक 6 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 10.53% है = 2 / (13 + 6)।

संदर्भ

यह लेख माइम कलाकार और विदूषक के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

अरे! अब हम फेसबुक पर हैं! »