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महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे और राष्ट्रभाषा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे और राष्ट्रभाषा के बीच अंतर

महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे vs. राष्ट्रभाषा

मराठीभाषी प्रदेश में राष्ट्रभाषा का प्रचार करने के हेतु गांधी जी की प्रेरणा से पूना में महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा की स्थापना हुई। आचार्य काकासाहब कालेलकर की अध्यक्षता में 22 मई 1937 को पूना में महाराष्ट्र के रचनात्मक कार्यकर्ताओं, राजनीतिक और सांस्कृतिक नेताओं आदि का सम्मेलन संपन्न हुआ जिसमें महाराष्ट्र हिंदी प्रचार समिति के नाम से एक संगठन बनाया गया। आठ साल तक यह समिति, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा से संबद्ध रही। भाषा विषयक सिद्धांत के मतभेद के कारण इस संगठन ने सम्मेलन तथा वर्धा समिति से संबंध तोड़ दिया। 12 अक्टूबर 1945 को महाराष्ट्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई, जिसमें स्वतंत्र रूप से कार्य करने का निश्चय किया गया। संस्था अब "महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा" के नाम से काम करने लगी। . राष्ट्रभाषा एक देश की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जिसे सम्पूर्ण राष्ट्र में भाषा कार्यों में (जैसे लिखना, पढ़ना और वार्तालाप) के लिए प्रमुखता से प्रयोग में लाया जाता है। वह भाषा जिसमें राष्ट्र के काम किए जायें। राष्ट्र के काम-धाम या सरकारी कामकाज के लिये स्वीकृत भाषा। .

महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे और राष्ट्रभाषा के बीच समानता

महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे और राष्ट्रभाषा आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): मराठी भाषा, हिन्दी, उर्दू भाषा

मराठी भाषा

मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत में बोली जानेवाली सबसे मुख्य भाषा है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है जिसका विकास संस्कृत से अपभ्रंश तक का सफर पूरा होने के बाद आरंभ हुआ। मराठी भारत की प्रमुख भाषओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा में राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राजभाषा हैं। मातृभाषियों कि संख्या के आधार पर मराठी विश्व में पंद्रहवें और भारत में चौथे स्थान पर है। इसे बोलने वालों की कुल संख्या लगभग ९ करोड़ है। यह भाषा 900 ईसवी से प्रचलन में है और यह भी हिन्दी के समान संस्कृत आधारित भाषा है। .

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हिन्दी

हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .

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उर्दू भाषा

उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है, तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है। इस के अतिरिक्त भारत के राज्य तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है। .

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महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे और राष्ट्रभाषा के बीच तुलना

महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे 14 संबंध है और राष्ट्रभाषा 30 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 6.82% है = 3 / (14 + 30)।

संदर्भ

यह लेख महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे और राष्ट्रभाषा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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