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मरुद्गण और महाभारत में विभिन्न अवतार

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मरुद्गण और महाभारत में विभिन्न अवतार के बीच अंतर

मरुद्गण vs. महाभारत में विभिन्न अवतार

मरुद्गण (. यहाँ पर महाभारत में वर्णित अवतारों की सूची दी गयी है और साथ में वे किस देवता के अवतार हैं, यह भी दर्शाया गया है। .

मरुद्गण और महाभारत में विभिन्न अवतार के बीच समानता

मरुद्गण और महाभारत में विभिन्न अवतार आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): रुद्र, इन्द्र

रुद्र

रुद्र देवता वैदिक वाङ्मय में एक शक्तिशाली देवता माने गये हैं। ये ऋग्वेद में वर्णन की मात्रात्मक दृष्टि से गौण देवता के रूप में ही वर्णित हैं। ऋग्वेद में रुद्र की स्तुति 'बलवानों में सबसे अधिक बलवान' कहकर की गयी है। यजुर्वेद का रुद्राध्याय रुद्र देवता को समर्पित है। इसके अन्तर्गत आया हुआ मंत्र शैव सम्प्रदाय में भी बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। रुद्र को ही कल्याणकारी होने से शिव कहा गया है। वैदिक वाङ्मय में मुख्यतः एक ही रुद्र की बात कही गयी हैं; परन्तु पुराणों में एकादश रुद्र की मान्यता अत्यधिक प्रधान हो गयी है। .

मरुद्गण और रुद्र · महाभारत में विभिन्न अवतार और रुद्र · और देखें »

इन्द्र

इन्द्र (या इंद्र) हिन्दू धर्म में सभी देवताओं के राजा का सबसे उच्च पद था जिसकी एक अलग ही चुनाव-पद्धति थी। इस चुनाव पद्धति के विषय में स्पष्ट वर्णन उपलब्ध नहीं है। वैदिक साहित्य में इन्द्र को सर्वोच्च महत्ता प्राप्त है लेकिन पौराणिक साहित्य में इनकी महत्ता निरन्तर क्षीण होती गयी और त्रिदेवों की श्रेष्ठता स्थापित हो गयी। .

इन्द्र और मरुद्गण · इन्द्र और महाभारत में विभिन्न अवतार · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

मरुद्गण और महाभारत में विभिन्न अवतार के बीच तुलना

मरुद्गण 6 संबंध है और महाभारत में विभिन्न अवतार 67 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.74% है = 2 / (6 + 67)।

संदर्भ

यह लेख मरुद्गण और महाभारत में विभिन्न अवतार के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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