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मणिपुर का इतिहास और लोक सभा

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मणिपुर का इतिहास और लोक सभा के बीच अंतर

मणिपुर का इतिहास vs. लोक सभा

प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण मणिपुर का अपना एक प्राचीन एवं समृद्ध इतिहास है। इसका इतिहास पुरातात्विक अनुसंधानों, मिथकों तथा कलिखित इतिहास से प्राप्त होता है। इसका प्राचीन नाम कंलैपाक् है। मणिपुर के नामकरण के संदर्भ में जहाँ पौराणिक कथाओं से उसका संबंध जोड़ा जाता है, वहीं प्राप्त तथ्यों से यह प्रमाणित होता है कि प्राचीन काल में पड़ोसी राज्यों द्वारा मणिपुर को विभिन्न नामों से पुकारा जाता था, जैसे बर्मियों द्वारा कथे, असमियों द्वारा मोगली, मिक्ली आदि। इतिहास से यह भी पता चलता है कि मणिपुर को मैत्रबाक, कंलैपुं या पोंथोक्लम आदि नामों से भी जाना जाता था। ईसवी युग के प्रारंभ होने से पहले से ही मणिपुर का लंबा और शानदार इतिहास है। यहां के राजवंशों का लिखित इतिहास सन 33 ई. में पाखंगबा के राज्याभिषेक के साथ शुरू होता है। उसने इस भूमि पर प्रथम शासक के रूप में १२० वर्षों (33-154 ई) तक शासन किया। उसके बाद अनेक राजाओं ने मणिपुर पर शासन किया। आगे जाकर मणिपुर के महाराज कियाम्बा ने 1467, खागेम्बा ने 1597, चराइरोंबा ने 1698, गरीबनिवाज ने 1714, भाग्यचन्द्र (जयसिंह) ने 1763, गम्भीर सिंह ने 1825 को शासन किया। इन जैसे महावीर महाराजाओं ने शासन कर मणिपुर की सीमाओं की रक्षा की। मणिपुर की स्वतंत्रता और संप्रभुता 19वीं सदी के आरंभ तक बनी रही। उसके बाद सात वर्ष (1819 से 1825 तक) बर्मी लोगों ने यहां पर कब्जा करके शासन किया। 24 अप्रैल, 1891 के खोंगजोम युद्ध (अंग्रेज-मणिपुरी युद्ध) हुआ जिसमें मणिपुर के वीर सेनानी पाओना ब्रजवासी ने अंग्रेजों के हाथों से अपने मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति प्राप्त की। इस प्रकार 1891 में मणिपुर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया और 1947 में शेष देश के साथ स्वतंत्र हुआ। 1947 में जब अंग्रेजों ने मणिपुर छोड़ा तब से मणिपुर का शासन महाराज बोधचन्द्र के कन्धों पर पड़ा। 21 सितम्बर1949 को हुई विलय संधि के बाद 15 अक्टूबर 1949 से मणिपुर भारत का अंग बना। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने पर यह एक मुख्य आयुक्त के अधीन भारतीय संघ में भाग ‘सी’ के राज्य के रूप में शामिल हुआ। बाद में इसके स्थान पर एक प्रादेशिक परिषद गठित की गई जिसमें 30 चयनित तथा दो मनोनीत सदस्य थे। इसके बाद 1962 में केंद्रशासित प्रदेश अधिनियम के अंतर्गत 30 चयनित तथा तीन मनोनीत सदस्यों की एक विधानसभा स्थापित की गई। 19 दिसंबर, 1969 से प्रशासक का दर्जा मुख्य आयुक्त से बढ़ाकर उपराज्यपाल कर दिया गया। 21 जनवरी, 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और 60 निर्वाचित सदस्यों वाली विधानसभा गठित की गई। इसमें 19 अनुसूचित जनजाति और 1 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। राज्य में लोकसभा में दो और राज्यसभा में एक प्रतिनिधि है। . लोक सभा, भारतीय संसद का निचला सदन है। भारतीय संसद का ऊपरी सदन राज्य सभा है। लोक सभा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर लोगों द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों से गठित होती है। भारतीय संविधान के अनुसार सदन में सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 तक हो सकती है, जिसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों का और 20 सदस्य तक केन्द्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने की स्थिति में भारत का राष्ट्रपति यदि चाहे तो आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो प्रतिनिधियों को लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है। लोकसभा की कार्यावधि 5 वर्ष है परंतु इसे समय से पूर्व भंग किया जा सकता है .

मणिपुर का इतिहास और लोक सभा के बीच समानता

मणिपुर का इतिहास और लोक सभा आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारत का संविधान, मणिपुर, असम

भारत का संविधान

भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है। .

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मणिपुर

मणिपुर भारत का एक राज्य है। इसकी राजधानी है इंफाल। मणिपुर के पड़ोसी राज्य हैं: उत्तर में नागालैंड और दक्षिण में मिज़ोरम, पश्चिम में असम; और पूर्व में इसकी सीमा म्यांमार से मिलती है। इसका क्षेत्रफल 22,347 वर्ग कि.मी (8,628 वर्ग मील) है। यहां के मूल निवासी मेइती जनजाति के लोग हैं, जो यहां के घाटी क्षेत्र में रहते हैं। इनकी भाषा मेइतिलोन है, जिसे मणिपुरी भाषा भी कहते हैं। यह भाषा १९९२ में भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ी गई है और इस प्रकार इसे एक राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त हो गया है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में नागा व कुकी जनजाति के लोग रहते हैं। मणिपुरी को एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य माना जाता है। .

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असम

असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। यह भारत की पूर्वोत्तर सीमा २४° १' उ॰अ॰-२७° ५५' उ॰अ॰ तथा ८९° ४४' पू॰दे॰-९६° २' पू॰दे॰) पर स्थित है। संपूर्ण राज्य का क्षेत्रफल ७८,४६६ वर्ग कि॰मी॰ है। भारत - भूटान तथा भारत - बांग्लादेश सीमा कुछ भागो में असम से जुडी है। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय एवं पश्चिम में बंग्लादेश स्थित है। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

मणिपुर का इतिहास और लोक सभा के बीच तुलना

मणिपुर का इतिहास 10 संबंध है और लोक सभा 47 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 5.26% है = 3 / (10 + 47)।

संदर्भ

यह लेख मणिपुर का इतिहास और लोक सभा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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