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मजलिस-ए-शूरा और वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

मजलिस-ए-शूरा और वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश के बीच अंतर

मजलिस-ए-शूरा vs. वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश

मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। . मुख्य न्यायाधीश या मुन्शिफ़-ए आज़म(منصف اعظم), पाकिस्तान की वफ़ाक़ी शरियाई अदालत के प्रमुख एवं मुख्य कार्यकारी होते हैं। निम्न सूची में पाकिस्तान की वफ़ाक़ी शरियाई अदालत के सारे न्यायाधीशों की सूची है। .

मजलिस-ए-शूरा और वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश के बीच समानता

मजलिस-ए-शूरा और वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पाकिस्तान का संविधान, मजलिस-ए-शूरा

पाकिस्तान का संविधान

पाकिस्तान का संविधान (آئین پاکستان;आईन(ए) पाकिस्तान) या दस्तूरे पाकिस्तान دستور پاکستان) को १९७३ का क़ानून भी कहते हैं। यह पाकिस्तान का सर्वोच्च दस्तूर है। पाकिस्तान का संविधान संविधान सभा द्वारा १० अप्रैल १९७३ को पारित हुआ तथा 14 अगस्त 1973 से प्रभावी हुआ। इस का प्रारूप ज़ुल्फ़िक़ार अली भुट्टो की सरकार और विपक्ष ने मिल कर तैयार किया। ये पाकिस्तान का तीसरा दस्तूर है और इस में कई बार रद्दोबदल की जा चुकी है। .

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मजलिस-ए-शूरा

मजलिस-ए-शूरा (उर्दू) यानी पाकिस्तान की संसद पाकिस्तान में संघीय स्तर पर सर्वोच्च विधायी संस्था है। इस संस्थान में दो सदन हैं, निचले सदन या कौमी एसेंबली और ऊपरी सदन या सीनेट। पाकिस्तान का संविधान की धारा 50 के मुताबिक़ राष्ट्रपति भी मजलिस-ए-शूरा का हिस्सा हैं। इसकी दोनों सदनों में से निम्नसदन नैशनल असेम्बली एक अस्थाई इकाई है, और प्रती पाँचवे वर्ष, आम निर्वाचन द्वारा यह परिवर्तित होती रहती है, वहीं उच्चसदन सेनेट एक स्थाई इकाई है, जो कभी भंग नहीं होती है, परंतु भाग-दर-भाग इसके सदस्यों को बदल दिया जाता है। संसद की दोनों सदनों हेतु सभागृह इस्लामाबाद को पार्लिआमेंट हाउस में है। 1960 में संसद के आसन को कराँची से इस्लामाबाद लाया गया था। .

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मजलिस-ए-शूरा और वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश के बीच तुलना

मजलिस-ए-शूरा 46 संबंध है और वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश 16 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 3.23% है = 2 / (46 + 16)।

संदर्भ

यह लेख मजलिस-ए-शूरा और वफ़ाक़ी शरीयाई अदालत के मुख्य न्यायाधीश के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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