मगही उपन्यास और सुनीति कुमार चटर्जी
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मगही उपन्यास और सुनीति कुमार चटर्जी के बीच अंतर
मगही उपन्यास vs. सुनीति कुमार चटर्जी
मगही (मागधी) में पद्य साहित्य जितना प्राचीन और समृद्ध है, उतना गद्य साहित्य नहीं। अन्य भारतीय भाषाओं की तरह मगही में भी गद्य साहित्य का आरंभ 19वीं सदी के अंत में हुआ। लेकिन मगही साहित्येतिहासकारों के अनुसार मगही का पहला उपन्यास उपन्यासिका या लंबी कहानी ‘सुनीता’ (1928) बीसवीं सदी के तीसरे दशक में छपी। तब से लेकर वर्तमान समय तक तीन दर्जन से ज्यादा मगही उपन्यास लिखे जा चुके हैं और मगही उपन्यासों का प्रकाशन निरंतर हो रहा है। . सुनीति कुमार चटर्जी (बांग्ला: সুনীতি কুমার চ্যাটার্জী) (26 अक्टूबर, 1890 - 29 मई, 1977) भारत के जानेमाने भाषाविद्, साहित्यकार तथा भारतविद् के रूप में विश्वविख्यात व्यक्तित्व थे। वे एक लोकप्रिय कला-प्रेमी भी थे। .
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संदर्भ
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