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भौतिक शास्त्र और स्फटिक

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भौतिक शास्त्र और स्फटिक के बीच अंतर

भौतिक शास्त्र vs. स्फटिक

भौतिकी के अन्तर्गत बहुत से प्राकृतिक विज्ञान आते हैं भौतिक शास्त्र अथवा भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। स्थान, काल, गति, द्रव्य, विद्युत, प्रकाश, ऊष्मा तथा ध्वनि इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह विज्ञान का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है। भौतिकी का महत्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको दर्शन शास्त्र का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु १८७० ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि। भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "उर्जा संरक्षण का नियम" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के सापेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं। . एक शैल क्वार्ट्ज क्रिसटल स्फटिक या क्वार्ट्ज (Quartz) एक खनिज है। यह रेत एवं ग्रेनाइट का मुख्य घटक है। पृथ्वी के महाद्वीपीय भू-पर्पटी (क्रस्ट) पर क्वार्ट्ज दूसरा सर्वाधिक पाया जाने वाला खनिज है (पहला, फेल्सपार है)। यह SiO4 के सिलिकन-आक्सीजन चतुष्फलकी से बना होता है जिसमें प्रत्येक आक्सीजन दो चतुष्फलकियों में साझा होता है। इस प्रकार इसका प्रभावी अणुसूत्र SiO2 है। क्वार्टज अनेकों प्रकार के होते हैं। इनमें से कई अर्ध-मूल्यवान (semi-precious) रत्न हैं। विशेषतः यूरोप और मध्यपूर्व में तरह-तरह के क्वार्ट्ज अतिप्राचीन काल से आभूषण बनाने के काम में लिए जाते रहे हैं। क्वार्ट्ज शब्द ('quartz') जर्मन शब्द 'Quarz' से निकला है जिसका अर्थ 'कठोर' होता है। .

भौतिक शास्त्र और स्फटिक के बीच समानता

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भौतिक शास्त्र और स्फटिक के बीच तुलना

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संदर्भ

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