अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामान्यत: सभी देश एक दूसरे के साथ माल का आयात निर्यात करते हैं, सेवाओं का आदान प्रदान करते हैं और राशि का लेन देन भी करते हैं। इस प्रकार एक निश्चित अवधि के पश्चात् इन सभी मदों पर लेन देन का यदि हिसाब निकाला जाय तो किसी एक देश को दूसरे से भुगतान लेना शेष होता है और दूसरे देश को किसी किसी तीसरे देश का भुगतान चुकाना शेष रहता है। विभिन्न देशों के बीच इस प्रकार के परस्परिक लेन देन के शेष को भुगतान शेष (Blance of payments) कहते हैं। यों कहना चाहिए कि किसी निश्चित तिथि को एक देश द्वारा अन्य देशों को चुकाई जानेवाली सकल राशि तथा अन्य देशों से उसे प्राप्त होनेवाली सकल राशि के अंतर को उस देश का 'भुगतान शेष' कहते हैं। '''(विदेशी मुद्रा भण्डार - बाहरी कर्ज)''' का मानचित्र (CIA फैक्तबुक २०१०) .
1 संबंध: व्यापार संतुलन।
प्रत्येक देश कुछ वस्तुओं का आयात करता है तथा कुछ अन्य वस्तुओं का निर्यात करता है। आयात तथा निर्यात के बीच मूल्यों में अंतर को व्यापार संतुलन कहते हैं। .
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यहां पुनर्निर्देश करता है:
भुगतान सन्तुलन, भुगतान संतुलन।