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भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच अंतर

भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र vs. महाभास्करीय

भारत के महान गणितज्ञ भास्कर प्रथम ने अपने 'महाभास्करीय' नामक ग्रंथ में त्रिकोणमितीय फलन ज्या य (Sin x) का मान निकालने का एक परिमेय व्यंजक दिया है। यह पता नहीं है कि भास्कर ने यह सन्निकटन सूत्र कैसे निकाला होगा। किन्तु गणित के अनेकों इतिहासकारों ने अपने-अपने अनुमान लगाये हैं कि भास्कर ने यह सूत्र किस प्रकार निकाला होगा। यह सूत्र सुन्दर एवं सहज है तथा इसके द्वारा Sin x का पर्याप्त शुद्ध मान प्राप्त होता है। (p.104) महाभास्करीय में आठ अध्याय हैं। सातवें अध्याय के श्लोक १७, १८ और १९ में उन्होने sin x का सन्निकट मान (approximate value) निकालने का निम्नलिखित सूत्र दिया है- इस सूत्र को उन्होने आर्यभट्ट द्वारा दिया हुआ बताया है। इस सूत्र से प्राप्त ज्या य के मानों का आपेक्षिक त्रुटि 1.9% से कम है। (अधिकतम विचलन \frac - 1 \approx 1.859\% जो x. महाभास्करीय, भास्कर प्रथम द्वारा रचित गणित एवं खगोल से सम्बन्धित ग्रन्थ है। गोविन्दस्वामी ने इसकी टीका लिखी है जिसमें अन्तर्वेशन का वही सूत्र है जिसे आजकल 'न्यूटन-गाउस अन्तर्वेशन फॉर्मूला' कहते हैं। .

भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच समानता

भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): भास्कर प्रथम

भास्कर प्रथम

भास्कर प्रथम (600 ई – 680 ईसवी) भारत के सातवीं शताब्दी के गणितज्ञ थे। संभवतः उन्होने ही सबसे पहले संख्याओं को हिन्दू दाशमिक पद्धति में लिखना आरम्भ किया। उन्होने आर्यभट्ट की कृतियों पर टीका लिखी और उसी सन्दर्भ में ज्या य (sin x) का परिमेय मान बताया जो अनन्य एवं अत्यन्त उल्लेखनीय है। आर्यभटीय पर उन्होने सन् ६२९ में आर्यभटीयभाष्य नामक टीका लिखी जो संस्कृत गद्य में लिखी गणित एवं खगोलशास्त्र की प्रथम पुस्तक है। आर्यभट की परिपाटी में ही उन्होने महाभास्करीय एवं लघुभास्करीय नामक दो खगोलशास्त्रीय ग्रंथ भी लिखे। .

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भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच तुलना

भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र 7 संबंध है और महाभास्करीय 6 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 1 / (7 + 6)।

संदर्भ

यह लेख भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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