भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच समानता
भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): भास्कर प्रथम।
भास्कर प्रथम
भास्कर प्रथम (600 ई – 680 ईसवी) भारत के सातवीं शताब्दी के गणितज्ञ थे। संभवतः उन्होने ही सबसे पहले संख्याओं को हिन्दू दाशमिक पद्धति में लिखना आरम्भ किया। उन्होने आर्यभट्ट की कृतियों पर टीका लिखी और उसी सन्दर्भ में ज्या य (sin x) का परिमेय मान बताया जो अनन्य एवं अत्यन्त उल्लेखनीय है। आर्यभटीय पर उन्होने सन् ६२९ में आर्यभटीयभाष्य नामक टीका लिखी जो संस्कृत गद्य में लिखी गणित एवं खगोलशास्त्र की प्रथम पुस्तक है। आर्यभट की परिपाटी में ही उन्होने महाभास्करीय एवं लघुभास्करीय नामक दो खगोलशास्त्रीय ग्रंथ भी लिखे। .
भास्कर प्रथम और भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र · भास्कर प्रथम और महाभास्करीय ·
सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब
- क्या भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय लगती में
- यह आम भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय में है क्या
- भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच समानता
भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच तुलना
भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र 7 संबंध है और महाभास्करीय 6 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 1 / (7 + 6)।
संदर्भ
यह लेख भास्कर प्रथम का ज्या सन्निकटन सूत्र और महाभास्करीय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: