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भास और श्राद्ध

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भास और श्राद्ध के बीच अंतर

भास vs. श्राद्ध

भास संस्कृत साहित्य के प्रसिद्ध नाटककार थे जिनके जीवनकाल के बारे में अधिक पता नहीं है। स्वप्नवासवदत्ता उनके द्वारा लिखित सबसे चर्चित नाटक है जिसमें एक राजा के अपने रानी के प्रति अविरहनीय प्रेम और पुनर्मिलन की कहानी है। कालिदास जो गुप्तकालीन समझे जाते हैं, ने भास का नाम अपने नाटक में लिया है, जिससे लगता है कि वो गुप्तकाल से पहले रहे होंगे पर इससे भी उनके जीवनकाल का अधिक ठोस प्रमाण नहीं मिलता। आज कई नाटकों में उनका नाम लेखक के रूप में उल्लिखित है पर १९१२ में त्रिवेंद्रम में गणपति शास्त्री ने नाटकों की लेखन शैली में समानता देखकर उन्हें भास-लिखित बताया। इससे पहले भास का नाम संस्कृत नाटककार के रूप में विस्मृत हो गया था। . हिन्दूधर्म के अनुसार, प्रत्येक शुभ कार्य के प्रारम्भ में माता-पिता, पूर्वजों को नमस्कार प्रणाम करना हमारा कर्तव्य है, हमारे पूर्वजों की वंश परम्परा के कारण ही हम आज यह जीवन देख रहे हैं, इस जीवन का आनंद प्राप्त कर रहे हैं। इस धर्म मॆं, ऋषियों ने वर्ष में एक पक्ष को पितृपक्ष का नाम दिया, जिस पक्ष में हम अपने पितरेश्वरों का श्राद्ध, तर्पण, मुक्ति हेतु विशेष क्रिया संपन्न कर उन्हें अर्ध्य समर्पित करते हैं। .

भास और श्राद्ध के बीच समानता

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भास और श्राद्ध के बीच तुलना

भास 32 संबंध है और श्राद्ध 1 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (32 + 1)।

संदर्भ

यह लेख भास और श्राद्ध के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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