भाषाविज्ञान और विशिष्टीकरण (भाषाविज्ञान)
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भाषाविज्ञान और विशिष्टीकरण (भाषाविज्ञान) के बीच अंतर
भाषाविज्ञान vs. विशिष्टीकरण (भाषाविज्ञान)
भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान के अध्ययेता 'भाषाविज्ञानी' कहलाते हैं। भाषाविज्ञान, व्याकरण से भिन्न है। व्याकरण में किसी भाषा का कार्यात्मक अध्ययन (functional description) किया जाता है जबकि भाषाविज्ञानी इसके आगे जाकर भाषा का अत्यन्त व्यापक अध्ययन करता है। अध्ययन के अनेक विषयों में से आजकल भाषा-विज्ञान को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। . भाषाविज्ञान के सन्दर्भ में, पॉल हॉपर ने विशिष्टीकरण (specialization) की परिभाषा दी है। इस सन्दर्भ में विशिष्टीकरण उन पाँच सिद्धान्तों एक है जो वैयाकरणीकरण (grammaticalization) की सूचना देते हैं। वैयाकरणीकरण होने की सूचना देने वाले अन्य चार सिद्धान्त ये हैं- स्तरीकरण (layering), अपसार (divergence), निरति (persistence), तथा निवर्गीकरण (de-categorialization)। श्रेणी:भाषा-विज्ञान.
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संदर्भ
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