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भाषाविज्ञान और वाच्य

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भाषाविज्ञान और वाच्य के बीच अंतर

भाषाविज्ञान vs. वाच्य

भाषाविज्ञान भाषा के अध्ययन की वह शाखा है जिसमें भाषा की उत्पत्ति, स्वरूप, विकास आदि का वैज्ञानिक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है। भाषा विज्ञान के अध्ययेता 'भाषाविज्ञानी' कहलाते हैं। भाषाविज्ञान, व्याकरण से भिन्न है। व्याकरण में किसी भाषा का कार्यात्मक अध्ययन (functional description) किया जाता है जबकि भाषाविज्ञानी इसके आगे जाकर भाषा का अत्यन्त व्यापक अध्ययन करता है। अध्ययन के अनेक विषयों में से आजकल भाषा-विज्ञान को विशेष महत्त्व दिया जा रहा है। . क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा संपादित विधान का विषय कर्ता है, कर्म है, अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं। क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। इनमें किसी के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन आदि आए हैं। वाच्य के तीन प्रकार हैं-.

भाषाविज्ञान और वाच्य के बीच समानता

भाषाविज्ञान और वाच्य आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): वाक्य और वाक्य के भेद

वाक्य और वाक्य के भेद

दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते हैं। उदाहरण के लिए 'सत्य की विजय होती है।' एक वाक्य है क्योंकि इसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है किन्तु 'सत्य विजय होती।' वाक्य नहीं है क्योंकि इसका अर्थ नहीं निकलता है। .

भाषाविज्ञान और वाक्य और वाक्य के भेद · वाक्य और वाक्य के भेद और वाच्य · और देखें »

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

भाषाविज्ञान और वाच्य के बीच तुलना

भाषाविज्ञान 54 संबंध है और वाच्य 4 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.72% है = 1 / (54 + 4)।

संदर्भ

यह लेख भाषाविज्ञान और वाच्य के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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