भारतीय स्थापत्यकला और शिल्पशास्त्र के बीच समानता
भारतीय स्थापत्यकला और शिल्पशास्त्र आम में 6 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): दुर्ग, मयासुर, समराङ्गणसूत्रधार, स्तम्भ, वास्तु शास्त्र, विश्वकर्मा।
दुर्ग
दुर्ग छत्तीसगढ़ प्रान्त के 27 जिलो मे तीसरा सबसे बड़ा जिला है। दुर्ग जिले के मुख्य शहर भिलाई और दुर्ग को सम्मिलित रूप से टि्वन सिटी कहा जाता है। भिलाई में लौह इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ ही दुर्ग का महत्व काफी बढ़ गया। शिवनाथ नदी के पूर्वी तट पर स्थित दुर्ग शहर के बीचोबीच से राष्ट्रीय राजमार्ग ६ (कोलकाता-मुंबई) गुजरती है। टि्वनसिटी के तौर पर दुर्ग-भिलाई शैक्षणिक और खेल केंद्र के रूप में न केवल प्रदेश में बल्कि देश में अपना स्थान रखता है। श्रेणी:छत्तीसगढ़ के नगर.
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मयासुर
श्रीकृष्ण मयासुर को पाण्डवों के लिये एक महल निर्माण का आदेश देते हुए मय या मयासुर, कश्यप और दुन का पुत्र, नमुचि का भाई, एक प्रसिद्ध दानव। यह ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्र का आचार्य था। मय ने दैत्यराज वृषपर्वन् के यज्ञ के अवसर पर बिंदुसरोवर के निकट एक विलक्षण सभागृह का निर्माण कर अपने अद्भुत शिल्पशास्त्र के ज्ञान का परिचय दिया था। इसकी दो पत्नियाँ - हेमा और रंभा थीं जिनसे पाँच पुत्र तथा तीन कन्याएँ हुईं। जब शंकर ने त्रिपुरों को भस्म कर असुरों का नाश कर दिया तब मयासुर ने अमृतकुंड बनाकर सभी को जीवित कर दिया था किंतु विष्णु ने उसके इस प्रयास को विफल कर दिया। ब्रह्मपुराण (124) के अनुसार इंद्र द्वारा नमुचि का वध होने पर इसने इंद्र को पराजित करने के लिये तपस्या द्वारा अनेक माया विद्याएँ प्राप्त कर लीं। भयग्रस्त इंद्र ब्राह्मण वेश बनाकर उसके पास गए और छलपूर्वक मैत्री के लिये उन्होंने अनुरोध किया तथा असली रूप प्रकट कर दिया। इसपर मय ने अभयदान देकर उन्हें माया विद्याओं की शिक्षा दी। .
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समराङ्गणसूत्रधार
समरांगणसूत्रधार भारतीय वास्तुशास्त्र से सम्बन्धित ज्ञानकोशीय ग्रन्थ है जिसकी रचना धार के परमार राजा भोज (1000–1055 ई) ने की थी। .
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स्तम्भ
सीरिया के भग्नावशिष्ट बेल मन्दिर के स्तम्भ वास्तु (आर्किटेक्चर) तथा संरचना इंजीनियरी में स्तम्भ (Column या pillar) वह संरचनात्मक अवयव है जो स्वयं संपीडित (कम्प्रेस) होकर अपने ऊपर आने वाले छत आदि का भार अपने नीचे के अवयवों (जैसे धरती) पर ट्रांसफर कर देता है। अतः स्तम्भ एक संपीडन अवयव (compression member) है जो उर्ध्वाधर (वर्टिकल) खड़ा रहता है। किन्तु भूकम्प इंजीनियरी की दृष्टि से स्तम्भ की डिजाइन करते समय पार्श्व बलों (lateral forces) को सहने की क्षमता भी दी जा सकती है। स्तम्भों का उपयोग प्रायः धरनों एवं चापों (arches) को अवलम्ब (सपोर्ट) करने के लिए किया जाता है। स्तम्भों का प्राचीन क्रम विभिन्न प्रकार के स्तम्भों के उदाहरण श्रेणी:वास्तु के अवयव श्रेणी:भूकम्प इंजीनियरी.
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वास्तु शास्त्र
वास्तु पुरुष की अवधारणा संस्कृत में कहा गया है कि...
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विश्वकर्मा
300px बलुआ पत्थर से निर्मित एक आर्किटेक्चरल पैनेल में भगवान विश्वकर्मा (१०वीं शताब्दी); बीच में गरुड़ पर विराजमान विष्णु हैं, बाएँ ब्रह्मा हैं, तथा दायें तरफ भगवान विश्वकर्मा हैं। इस संग्रहालय में उनका नाम 'विश्नकुम' लिखा है। हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। मान्यता है कि सोने की लंका का निर्माण उन्होंने ही किया था। .
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भारतीय स्थापत्यकला और शिल्पशास्त्र के बीच तुलना
भारतीय स्थापत्यकला 78 संबंध है और शिल्पशास्त्र 45 है। वे आम 6 में है, समानता सूचकांक 4.88% है = 6 / (78 + 45)।
संदर्भ
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