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भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष और हसन कमाल

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष और हसन कमाल के बीच अंतर

भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष vs. हसन कमाल

3 मई 2013 (शुक्रवार) को भारतीय सिनेमा पूरे सौ साल का हो गया। किसी भी देश में बनने वाली फिल्में वहां के सामाजिक जीवन और रीति-रिवाज का दर्पण होती हैं। भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों के इतिहास में हम भारतीय समाज के विभिन्न चरणों का अक्स देख सकते हैं।उल्लेखनीय है कि इसी तिथि को भारत की पहली फीचर फ़िल्म “राजा हरिश्चंद्र” का रुपहले परदे पर पदार्पण हुआ था। इस फ़िल्म के निर्माता भारतीय सिनेमा के जनक दादासाहब फालके थे। एक सौ वर्षों की लम्बी यात्रा में हिन्दी सिनेमा ने न केवल बेशुमार कला प्रतिभाएं दीं बल्कि भारतीय समाज और चरित्र को गढ़ने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। . हसन कमाल एक मशहूर भारतीय कवि और गीतकार है। 1985 में इनहों ने अपने गीत के लिये फिल्मफ़ेर पुरसकार प्राप्त किया। यह गीत फिल्म "आज की आवाज़" के लिये लिखा गया था (1984).

भारतीय सिनेमा के सौ वर्ष और हसन कमाल के बीच समानता

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संदर्भ

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