हम Google Play स्टोर पर Unionpedia ऐप को पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं
🌟हमने बेहतर नेविगेशन के लिए अपने डिज़ाइन को सरल बनाया!
Instagram Facebook X LinkedIn

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और सैन्य न्यायालय

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और सैन्य न्यायालय के बीच अंतर

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 vs. सैन्य न्यायालय

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) मूल रूप से 1872 में ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किया गया था। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 11 अध्याय और १६७ धाराएँ हैं। यह तीन भागों में विभक्त है। इस अधिनियम ने बनने के बाद से 125 से अधिक वर्षों की अवधि के दौरान समय-समय पर कुछ संशोधन को छोड़कर अपने मूल रूप को बरकरार रखा है। यह अदालत की सभी न्यायिक कार्यवाहियों पर लागू होता है (कोर्ट मार्शल सहित)। हालांकि, यह शपथ-पत्र और मध्‍यस्‍थता पर लागू नहीं होता। . सैन्य न्यायालय (court-martial) सशस्त्र सेनाओं से सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा किये गये अपराधों के परीक्षण के लिये गठित न्यायालय होते हैं। इसके अतिरिक्त ये न्यायालय युद्धबन्दियों द्वारा किये गये युद्ध अपराधों का परीक्षण भी कर सकते हैं। .

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और सैन्य न्यायालय के बीच समानता

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और सैन्य न्यायालय आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।

सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और सैन्य न्यायालय के बीच तुलना

भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 6 संबंध है और सैन्य न्यायालय 4 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (6 + 4)।

संदर्भ

यह लेख भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 और सैन्य न्यायालय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें: