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भारतीय ज्ञानपीठ और २० सितम्बर

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारतीय ज्ञानपीठ और २० सितम्बर के बीच अंतर

भारतीय ज्ञानपीठ vs. २० सितम्बर

भारतीय ज्ञानपीठ भारत में साहित्य संबंधी गतिविधियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्यरत सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित संस्थान है। श्रीमती रमा जैन और श्री साहूशान्ति प्रसाद जैन द्वारा संस्थापित यह संस्थान साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित करता है तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार और मूर्तिदेवी पुरस्कार नामक दो पुरस्कार प्रदान करता है, जो साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। इसकी स्थापना 1944 में हुई। . २० सिंतम्बर। 20 सितंबर ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 263वॉ (लीप वर्ष मे 264 वॉ) दिन है। साल मे अभी और 102 दिन बाकी है पहला कान फिल्म समारोह। .

भारतीय ज्ञानपीठ और २० सितम्बर के बीच समानता

भारतीय ज्ञानपीठ और २० सितम्बर आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भारतीय ज्ञानपीठ, ज्ञानपीठ पुरस्कार

भारतीय ज्ञानपीठ

भारतीय ज्ञानपीठ भारत में साहित्य संबंधी गतिविधियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्यरत सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित संस्थान है। श्रीमती रमा जैन और श्री साहूशान्ति प्रसाद जैन द्वारा संस्थापित यह संस्थान साहित्यिक पुस्तकें प्रकाशित करता है तथा ज्ञानपीठ पुरस्कार और मूर्तिदेवी पुरस्कार नामक दो पुरस्कार प्रदान करता है, जो साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कारों में से हैं। इसकी स्थापना 1944 में हुई। .

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ज्ञानपीठ पुरस्कार

पुरस्कार-प्रतीकः वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई २२ भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। १९६५ में १ लाख रुपये की पुरस्कार राशि से प्रारंभ हुए इस पुरस्कार को २००५ में ७ लाख रुपए कर दिया गया जो वर्तमान में ग्यारह लाख रुपये हो चुका है। २००५ के लिए चुने गये हिन्दी साहित्यकार कुंवर नारायण पहले व्यक्ति थे जिन्हें ७ लाख रुपए का ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार १९६५ में मलयालम लेखक जी शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था। उस समय पुरस्कार की धनराशि १ लाख रुपए थी। १९८२ तक यह पुरस्कार लेखक की एकल कृति के लिये दिया जाता था। लेकिन इसके बाद से यह लेखक के भारतीय साहित्य में संपूर्ण योगदान के लिये दिया जाने लगा। अब तक हिन्दी तथा कन्नड़ भाषा के लेखक सबसे अधिक सात बार यह पुरस्कार पा चुके हैं। यह पुरस्कार बांग्ला को ५ बार, मलयालम को ४ बार, उड़िया, उर्दू और गुजराती को तीन-तीन बार, असमिया, मराठी, तेलुगू, पंजाबी और तमिल को दो-दो बार मिल चुका है। .

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भारतीय ज्ञानपीठ और २० सितम्बर के बीच तुलना

भारतीय ज्ञानपीठ 4 संबंध है और २० सितम्बर 28 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 6.25% है = 2 / (4 + 28)।

संदर्भ

यह लेख भारतीय ज्ञानपीठ और २० सितम्बर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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