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भारत में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार (आचरण)

शॉर्टकट: मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ

भारत में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार (आचरण) के बीच अंतर

भारत में भ्रष्टाचार vs. भ्रष्टाचार (आचरण)

सन २०१५ में विश्व के विभिन्न भागों में भ्रष्टाचार का आकलन भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था और उस समय संसद में इस बात पर बहस भी होती थी। 21 दिसम्बर 1963 को भारत में भ्रष्टाचार के खात्मे पर संसद में हुई बहस में डॉ राममनोहर लोहिया ने जो भाषण दिया था वह आज भी प्रासंगिक है। उस वक्त डॉ लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। भारत में राजनीतिक एवं नौकरशाही का भ्रष्टाचार बहुत ही व्यापक है। इसके अलावा न्यायपालिका, मीडिया, सेना, पुलिस आदि में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। . ट्रान्सपैरेन्सी इण्टरनेशनल द्वारा निर्मित सन २०१४ का भ्रष्टाचार आंशंका सूचकांक सार्वजनिक जीवन में स्वीकृत मूल्यों के विरुद्ध आचरण को भ्रष्ट आचरण समझा जाता है (भ्रष्टाचार .

भारत में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार (आचरण) के बीच समानता

भारत में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार (आचरण) आम में 9 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पारदर्शिता और पारभासकता, भारत के घोटालों की सूची (वर्ष के अनुसार), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988, सनदी लेखाकार, सुशासन, सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५, घूस, इंडिया अगेंस्ट करप्शन, केन्द्रीय सतर्कता आयोग

पारदर्शिता और पारभासकता

प्रकाशिकी (ओप्टिकस) के क्षेत्र में, पारदर्शिता (transparency) किसी पदार्थ का वह गुण होता है जिसमें वह प्रकाश की किरणों को अपने भीतर से बिना बिखेरे आने-जाने दे। पारभासकता (translucency) किसी चीज़ का वह गुण होता है जो प्रकाश को अपने से आर-पार गुज़रने तो दे लेकिन संभवतः उसमें ज़रा-बहुत रुकावट या बिखराव डालनें से क्षीण कर दे। .

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भारत के घोटालों की सूची (वर्ष के अनुसार)

आजादी से अब तक देश में काफी बड़े घोटालों का इतिहास रहा है। नीचे भारत में हुए बड़े घोटालों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है-;जीप खरीदी (1948) आजादी के बाद भारत सरकार ने एक लंदन की कंपनी से 2000 जीपों को सौदा किया। सौदा 80 लाख रुपये का था। लेकिन केवल 155 जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त वी.के.

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भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (Prevention of Corruption Act, 1988 (No. 49 of 1988)) भारतीय संसद द्वारा पारित केंद्रीय कानून है जो सरकारी तंत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भ्रष्टाचार को कम करने के उद्देश्य से बनाया गया है। .

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सनदी लेखाकार

सनदी लेखाकार या 'अधिकारपत्रप्राप्त लेखाकार' (Chartered Accountants या सीए) किसी निश्चित (ब्रिटिश राष्ट्रमंडल के राष्ट्रों एवं आयरलैंड गणराज्य की) व्यवसायिक लेखाशास्त्र संस्था या संघ के सदस्यों द्वारा प्रयोग की जाने वाली उपाधि है। इन्हें अँग्रेजी़ में चार्टर्ड अकाउंटैंट कहा जाता है। सनदी लेखाकार सभी व्यवसायों/व्यापारों या वित्तीय क्षेत्रों में कार्यरत है। कुछ लोक अभ्यास (public practice work) में कार्यरत होते हैं, अन्य निजि क्षेत्र में व कई सरकाई संस्थाओं में होते हैं। .

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सुशासन

सुशासन (Good governance) से तात्पर्य किसी सामाजिक-राजनैतिक ईकाई (जैसे नगर निगम, राज्य सरकार आदि) को इस प्रकार चलाना कि वह वांछित परीणाम दे। सुशासन के अन्तर्गत बहुत सी चीजें आतीं हैं जिनमें अच्छा बजट, सही प्रबन्धन, कानून का शासन, सदाचार आदि। इसके विपरीत पारदर्शिता की कमी या सम्पूर्ण अभाव, जंगल राज, लोगों की कम भागीदारी, भ्रष्टाचार का बोलबाला आदि दुःशासन के लक्षण हैं। 'शासन' शब्द में 'सु' उपसर्ग लग जाने से 'सुशासन' शब्द का जन्म होता है। ’सु’ उपसर्ग का अर्थ शुभ, अच्छा, मंगलकारी आदि भावों को व्यक्त करने वाला होता है। राजनीतिक और सामाजिक जीवन की भाषा में सुशासन की तरह लगने वाले कुछ और बहुप्रचलित-घिसेपिटे शब्द हैं जैसे - प्रशासन, स्वशासन, अनुशासन आदि। इन सभी शब्दों का संबंध शासन से है। ’शासन’ आदिमयुग की कबीलाई संस्कृति से लेकर आज तक की आधुनिक मानव सभ्यता के विकासक्रम में अलग-अलग विशिष्ट रूपों में प्रणाली के तौर पर विकसित और स्थापित होती आई है। इस विकासक्रम में परंपराओं से अर्जित ज्ञान और लोककल्याण की भावनाओं की अवधारणा प्रबल प्रेरक की भूमिका में रही है। इस अर्थ में शासन की सभी प्रणालियाँ कृत्रिम हैं। .

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सूचना का अधिकार अधिनियम, २००५

सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है। सूचना का अधिकार अर्थात राईट टू इन्फाॅरमेशन। सूचना का अधिकार का तात्पर्य है, सूचना पाने का अधिकार, जो सूचना अधिकार कानून लागू करने वाला राष्ट्र अपने नागरिकों को प्रदान करता है। सूचना अधिकार के द्वारा राष्ट्र अपने नागरिकों को अपनी कार्य और शासन प्रणाली को सार्वजनिक करता है। अंग्रज़ों ने भारत पर लगभग 250 वर्षो तक शासन किया और इस दौरान ब्रिटिश सरकार ने भारत में शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 बनया, जिसके अन्तर्गत सरकार को यह अधिकर हो गया कि वह किसी भी सूचना को गोपनीय कर सकेगी। 3 दिसम्बर 1989 को अपने पहले संदेश में तत्कालीन प्रधानमंत्री बीपी सिंह ने संविधान में संशोधन करके सूचना का अधिकार कानून बनाने तथा शासकीय गोपनीयता अधिनियम में संशोधन करने की घोषणा की। किन्तु बीपी ंिसह की सरकार तमाम कोशिसे करने के बावजूद भी इसे लागू नहीं कर सकी और यह सरकार भी ज्यादा दिन तक न टिक सकी। सूचना का तात्पर्यः सूचना अधिकार का अर्थः---------- इसके अन्तर्गत निम्नलिखित बिन्दु आते है- 1.

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घूस

जब किसी व्यक्ति को धन या कोई उपहार इसलिये दिया जाता हैं कि किसी मामले में धन प्राप्त करने वाले का व्यवहार अपने पक्ष में हो जाए, तो इसे घूस (Bribe) कहते हैं। इसे एक आर्थिक और दण्डनीय अपराध होने के साथ-साथ एक सामाजिक बुराई भी है। भारत की राजनीति के कई दिग्गज नेता इसी घूस को लोखों करोड़ों में इकठ्ठा करके विदेशों में जमा कर चुके हैं। .

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इंडिया अगेंस्ट करप्शन

इंडिया अगेंस्ट करप्शन (भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत) भारत का राष्ट्र-व्यापी जन-आंदोलन है, जिसके द्वारा देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कठोर कानून बनाने की मांग की जा रही है। कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता जैसे अन्ना हजारे, अरविन्द केजरीवाल, मेधा पाटेकर, किरण बेदी इत्यादि इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।भ्रष्टाचार विरोधी भारत (इंडिया अगेंस्ट करप्शन) नामक गैर सरकारी सामाजिक संगठन का निमाण करेंगे। संतोष हेगड़े, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने यह बिल भारत के विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनता के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद तैयार किया था। इसे लागु कराने के लिए सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में २०११ में अनशन शुरु किया गया। १६ अगस्त में हुए जन लोकपाल बिल आंदोलन २०११ को मिले व्यापक जन समर्थन ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली भारत सरकार को संसद में प्रस्तुत सरकारी लोकपाल बिल के बदले एक सशक्त लोकपाल के गठन के लिए सहमत होना पड़ा। .

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केन्द्रीय सतर्कता आयोग

भारत का केन्द्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission (CVC)) भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों से सम्बन्धित भ्रष्टाचार नियंत्रण की सर्वोच्च संस्था है। इसकी स्थापना सन् १९६४ में की गयी थी। इस आयोग के गठन की सिफारिश संथानम समिति (1962-64) द्वारा की गयी थी जिसे भ्रष्टाचार रोकने से सम्बन्धित सुझाव देने के लिए गठित किया गया था। केन्द्रीय सतर्कता आयोग सांविधिक दर्जा (statutory status) प्राप्त एक बहुसदस्यीय संस्था है। केन्द्रीय सतर्कता आयोग किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियन्त्रण से मुक्त है तथा केन्द्रीय सरकार के अन्तर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है। यह केन्द्रीय सरकारी संगठनो मे विभिन्न प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने तथा सुधार करने मे सलाह देता है। केन्द्रीय सतर्कता आयोग विधेयक संसद के दोनो सदनों द्वारा वर्ष 2003 में पारित किया गया जिसे राष्ट्रपति ने 11 सितम्बर 2003 को स्वीकृति दी। इसमें एक केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त जो कि अध्यक्ष होता है तथा दो अन्य सतर्कता आयुक्त (सदस्य जो दो से अधिक नही हो सकते) होते हैं। अप्रैल 2004 के जनहित प्रकटीकरण तथा मुखबिर की सुरक्षा पर भारत सरकार के संकल्प द्वारा भारत सरकार ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को प्रकट करने अथवा कार्यालय का दुरपयोग करने सम्बन्धित लिखित शिकायतें प्राप्त करने तथा उचित कार्यवाही की सिफारिश करने वाली एक नामित एजेंसी के रूप में प्राधिकृत किया। .

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सूची के ऊपर निम्न सवालों के जवाब

भारत में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार (आचरण) के बीच तुलना

भारत में भ्रष्टाचार 61 संबंध है और भ्रष्टाचार (आचरण) 24 है। वे आम 9 में है, समानता सूचकांक 10.59% है = 9 / (61 + 24)।

संदर्भ

यह लेख भारत में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार (आचरण) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखें:

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